रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 207 पर 4 (पाटीदार 112*, कार्तिक 37*) ने लखनऊ सुपर जायंट्स 193 पर 6 (राहुल 79, हुड्डा 45, हेज़लवुड 3-43) को 14 रनों से हराया
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को नियति पर विश्वास करने का एक और कारण मिल गया है।
राजत पाटीदार को इस सीज़न चुना नहीं गया था, वह लवनीत सिसोदिया के चोटिल होने पर बुलाए जाते हैं और 54 गेंद में नाबाद 112 रन बनाकर बेंगलुरु को दूसरे क्वालीफ़ायर में पहुंचा देते हैं। पाटीदार की पारी के लिए किस्मत का एक तत्व था, उन्होंने बेहतरीन काम किया, लेकिन 16वें ओवर में जब उनका कैच छूटा तो उन्होंने 14 गेंद में 40 रन बना डाले।
अंत में हुई साझेदारी में उनके साथी
दिनेश कार्तिक भी एक नज़दीकी एलबीडब्ल्यू पर बच गए और जब वह दो रन पर थे तो एक कैच उनका भी छूट गया लेकिन इसके बाद इन दोनों ने आख़िरी 6.5 ओवर में 92 रन बना दिए।
लखनऊ सुपर जायंट्स को इसका ख़ामियाज़ा मैच को हारकर भुगतना पड़ा। लगभग पूरी पारी के दौरान वह बेंगलुरु से आगे दिखे लेकिन पारी के आख़िरी पांच ओवर में 84 रन बनाना इतना आसान नहीं था। लखनऊ के कप्तान राहुल की पारी को दो नज़रिये से देखा जा सकता है : वह तब तक संयम बरतते रहे जब तक सात ओवर में 99 रन नहीं चाहिए थे। वह 42 गेंद में 48 रन ही बना सके थे लेकिन इसके बाद उन्होंने 58 गेंद में 79 रन बनाए जो काफ़ी नहीं रहे।
इन सबके बीच लखनऊ के मोहसिन ख़ान और बेंगलुरु के हर्षल पटेल ही दोनों टीमों में एकमात्र कामयाब गेंदबाज़ दिखे। हर्षल और मोहसिन दोनों के 4-0-25-1 के आंकड़े रहे।
मोहसिन ने दिलाई शानदार शुरुआत
मोहसिन ख़ान इस सीज़न की अनकैप्ड ख़ोज रहे हैं। उन्होंने अपने पहले ओवर की शानदार शुरुआत की। विराट कोहली ने उनको पूरी तरह से सम्मान दिया लेकिन जैसे ही फ़ाफ़ डुप्लेसी आख़िरी गेंद पर स्ट्राइक पर आए उन्होंने उन्हें विकेट के पीछे कैच करा दिया। यह गेंद हवा में शेप के साथ बाहर की ओर निकली और डुप्लेसी के बल्ले का किनारा लेती हुई कीपर के दस्तानों में पहुंच गई। बेंगलुरु ने चार ओवर में एक विकेट पर 24 रन बनाए थे लेकिन अगले दो ओवर में उन्हें मूवमेंट मिल गया।
पाटीदार का कमाल
कोहली लंबी पारी खेलने की ओर देख रहे थे तो पाटीदार ने पावरप्ले के आख़िरी दो ओवरों में पूरी तरह से प्रहार किया। आवेश ख़ान ने पांचवें ओवर में हार्ड लेंथ की लेकिन दो ही गेंद पर वह चौके लगा पाए। हालांकि यह छठा ओवर था जब पाटीदार पूरी तरह से खुल गए। क्रुणाल पंड्या एक ओवर बिना किसी बाउंड्री के निकाल चुके थे, लेकिन पाटीदार ने पावरप्ले में उनके आख़िरी ओवर में ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने उन पर मिडऑन पर दो बाउंड्री लगाई लेकिन जैसे ही क्रुणाल ने शरीर से दूर गेंद रखी उन्होंने मिड ऑफ़ के ऊपर से छक्का लगा दिया। वह क्षेत्ररक्षण के साथ खेलते दिख रहे थे। छह ओवर बाद अब बेंगलुरु का स्कोर एक विकेट पर 52 रन था।
स्पिन ने धीमा किया खेल
इसके बाद रवि बिश्नोई आए और कोहली ने उन पर रिस्क लिया। 8.3 ओवर में स्कोर एक विकेट पर 70 रन था। आवेश ख़ान ने ज़ल्द ही कोहली को आउट करके पवेलियन भेज दिया। इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल आए और जब पाटीदार का साथ देना था वह भी एक ग़लत शॉट खेलकर आउट हो गए। इसका नतीज़ा यह रहा कि पाटीदार ने क्रुणाल पर दबाव बनाया लेकिन वह उन्हीं को विकेट थमा गए। अब 11वें ओवर तक स्कोर तीन विकेट पर 86 रन था।
यह होती है किस्मत
पाटीदार एक छोर पर टिके पड़े थे लेकिन बिश्नोई के ओवर में महिपाल लोमरोर अपना कैच थमाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद दिनेश कार्तिक एक ऐसे समय पर आए जब स्पिन के दो ओवर बचे थे। यह लगभग लखनऊ के लिए काम कर गया था : एक गुगली अंदर आई और कार्तिक के पैड पर लग गई, अंपायर ने नॉट आउट दिया लेकिन केएल राहुल ने रिव्यू लिया, पता चला कि गेंद लेग स्टंप से हल्का सा बाहर टकराई, अंपायर कॉल मान्य हुई और कार्तिक बच गए। अगले ओवर में राहुल ने मिड ऑफ़ पर कार्तिक का कैच टपका दिया। 16वें ओवर में बिश्नोई ने एक और कोशिश की और पाटीदार को पुल के लिए मजबूर किया लेकिन डीप मिडविकेट पर हुड्डा ने उनका कैच टपका दिया और चौका मिल गया।
तबाही की शुरुआत
इस बार पाटीदार को एक और मौक़ा मिल चुका था और अब वह और भी आक्रामक हो चुके थे। बिश्नोई की गेंद को उन्होंने लांग ऑन, कवर्स पर छक्के के लिए जड़ दिया, 16वें ओवर से 27 रन आए। 18वें ओवर में पाटीदार ने मोहसिन पर छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया।
अंतिम ओवरों में वाइड यॉर्कर का दिनेश कार्तिक ने पूरी तरह से फ़ायदा उठाया और 23 गेंद में 37 रन बना डाले। रणनीति कार्तिक से गेंद को दूर रखने की थी लेकिन वह गेंद की पहुंच तक आकर अपना शॉट खेलने का प्रयास करते।
लखनऊ की भी वही शुरुआत
बेंगलुरु ने अपना पहला विकेट पहले ओवर में गंवाया, तो मोहम्मद सिराज भी ऐसा करने में कामयाब रहे। पहले ही ओवर में क्विंटन डिकॉक पर छक्का खाने के बाद उन्होंने अपने पहले ही ओवर में डिकॉक को पवेलियन भेज दिया, वह डीप स्क्वेयर लेग पर छक्का लगाने के बाद अगली ही गेंद पर मिडऑन पर मारने गए लेकिन लपके गए। राहुल और मनन वोहरा ने पावरप्ले के अंतिम दो ओवरों में रन बनाए। जॉश हेज़लवुड ने वोहरा को आउट किया लेकिन राहुल ने सिराज के अगले ओवर में दो छक्के लगाए और अब पावरप्ले तक स्कोर 62 रन था।
स्पिन ने धीमी की पारी
मध्य ओवरों में धीमे से रन बने। दीपक हुड्डा स्पिन पर रन बना रहे थे लेकिन राहुल कोई रिस्क स्पिन के ख़िलाफ़ नहीं देख रहे थे। दो दायें हाथ के बल्लेबाज़ों की वजह से बेंगलुरु ने शाहबाज़ अहमद को गेंदबाज़ी के लिए बुलाया। हुड्डा ने चार छक्के लगाए और एक बार मिस टाइम कर गए। वनिंदु हसरंगा और हर्षल पटेल पर हुड्डा ने रन बनाए, लेकिन राहुल अभी भी शांत रहे और मैच को अंत तक ले जाने की सोचे। सात ओवर में 99 रन चाहिए थे और इससे पहले वह शांत ही थे।
लखनऊ ने किया आक्रमण
14वें ओवर की शुरुआत में लखनऊ ने दोनों छोर से आक्रमण करना शुरू किया। राहुल ने हेज़लवुड पर दो छक्के और हुड्डा ने हसरंगा पर दो छक्के लगाए, लेकिन एक कम उछाल की गेंद हुड्डा को पवेलियन भेज दी। मार्कस स्टॉयनिस के पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने पहली ही गेंद पर हसरंगा पर छक्का लगा दिया। अभी भी तीन ओवर में लखनऊ को 41 रन चाहिए थे। ये टीम अभी भी इस समय तक बेंगलुरु के स्कोर से आगे थी।
हर्षल का एक ओवर किया कमाल
हर्षल के आंकड़े 2-0-8-0 ये थे, अब तक उन्होंने एक छक्का और दो वाइड की थी। अब डेथ ओवरों में हर्षल का कमाल शुरू हुआ और उन्होंने एक धीमी और शॉर्ट गेंद पर स्टॉयनिस को डीप कवर पर कैच करा दिया। अब आख़िरी दो ओवर में लखनऊ को 33 रन चाहिए थे। यह राहुल के पास आख़िरी मौक़ा था, उन्होंने हेज़लवुड पर रैंप मारने का प्रयास किया था लेकिन शॉर्ट फ़ाइन लेग पर लपके गए और यहीं मैच बेंगलुरु की झोली में चला गया।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिसटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।