रॉस व्हाइटली ने 19 गेंदों में 44 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेल कर ब्रेव की टीम को एक अच्छे टोटल तक पहुंचाने में मदद की • Getty Images
सदर्न ब्रेव 168/5 (स्टर्लिंग 61, व्हाइटली 44*) ने बर्मिंघम फ़ीनिक्स 136/5 विकेट (लिविंगस्टन 46, मिल्स 1-13) को 32 रन से हराया
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही सदर्न ब्रेव को काफ़ी मजबूत टीम माना जा रहा था और फ़ाइनल जीत कर उन्होंने इस बात को सही भी ठहरा दिया। हालांकि इस जीत को हासिल करने में उन्हें थोड़ी मशक्कत जरूर करनी पड़ी।पहले दो मैचों में हार झेलने के बाद सदर्न ब्रेव की टीम ने जिस तरीके से वापसी की वो काफ़ी सराहनीय है। फ़ाइनल तक पहुंचने के लिए उन्हें लगातार 6 मैच जीतने पड़े। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किए गए सदर्न ब्रेव की टीम ने 146 रनों का लक्ष्य दिया और विरोधियों को 136 रनों पर ही समेट दिया।
मोईन अली का पहले गेंदबाज़ी करने का निर्णय मैच के शुरुआती पलों में बिल्कुल सही साबित होता हुआ नज़र आ रहा था। मिल्न ने तो अपने पहली पांच गेंदों में एक भी रन नहीं दिया और डिकॉक का विकेट भी झटक लिया। हालांकि इसके बाद पॉल स्टर्लिंग ने अपना रंग दिखाना शुरू किया और 36 गेंदों में 61 रनों की एक आक्रामक पारी खेली। इसके बाद जब वो आउट हुए तो पारी का अंत रॉस व्हाइटली ने 19 गेंदों में 46 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेल कर की और टीम को 168 रनों के स्कोर पर लाकर खड़ा कर दिया, जो एक बढ़िया स्कोर था।
फ़ीनिक्स की टीम में फॉर्म में चल रहे लियम लिविंगस्टन के नेतृत्व में आक्रामक लाइन-अप के साथ-साथ वापसी कर रहे मोईन अली भी थे और उनके लिए यह लक्ष्य आसान भी हो सकता था। हालांकि फ़ीनिक्स का भी पावरप्ले काफ़ी खराब रहा और पहले ही ओवर में डेविड बेडिंघम का विकेट गंवा दिया। 14 रन के पर फ़ीनिक्स के दोनों सलामी बल्लेबाज़ पविलियन वापस जा चुके थे। हालांकि लिविंगस्टन अपने लय में थे लेकिन 19 गेंदों पर 46 रन बनाकर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। मोईन तीन छक्कों की मदद से 36 के स्कोर पर पहुंचे लेकिन वो भी लिंटॉट के गेंद पर ओवर्टन को कैच दे बैठे।
मिल्न की बेहतरीन गेंदबाज़ी, स्टर्लिंग को शो
मिल्न इस टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन विदेशी खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने पावरप्ले के दौरान शानदार प्रदर्शन के साथ पुरुषों के हंड्रेड में सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ के रूप खुद को साबित किया है। आज के मैच में भी उन्होंने पहले 15 गेंदों में सिर्फ 3 रन खर्च करते हुए खतरनाक क्विंटन डिकॉक का विकेट भी लिया।
पावरप्ले के बाद ब्रेव एक विकेट की नुकसान पर सिर्फ 25 रन बनाने में कामयाब हो पाए थे। इसके ठीक बाद पारी के 32वें गेंद पर इमरान ताहिर ने ब्रेव के कप्तान विंस को बोल्ड कर दिया और तब स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 35 रन था।
अब ब्रेव की पारी एक कमजोर टोटल की दिशा में अग्रसर हो रही थी लेकिन पिच पर स्टर्लिंग अभी भी मौज़ूद थे। आपको बता दें कि स्टर्लिंंग पहले ब्रेव की टीम का हिस्सा नहीं थे, बाद में जब डेविड कॉन्वे को उंगली में चोट लगी तो उन्हें टीम में जगह दी गई थी। ख़ैर, ये तो वो बातें थी जो बीत चुकी थी और मौज़ूदा समय में ब्रेव की टीम 35 रनों पर 2 विकेट गंवा चुकी थी और उनकी टीम मुश्किल में थी। विकटों के पतन के बावज़ूद स्टर्लिंग ने अपने आक्रामक तेवर को दिखाना जारी रखा और अपने पारी में 6 छक्कों की मदद से 36 गेंदों में 61रन बनाया।उनकी पारी में जितने भी छक्के उन्होंने मारे वो लांग ऑन और डीप स्क्वेयर लेग के बीच से आए। जब स्टर्लिंग आउट हुए तो ब्रेव का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 85 रन था।
व्हाइटली ने किया ब्रेव की पारी का बहादुरी से अंत
स्टर्लिंग के बेहतरीन प्रयास के बावजूद, ब्रेव को एक फिनिशिंग पारी की आवश्यकता थी। ऐसे में व्हाइटली ने अपने आप को एक बढ़िया फिनिशर की भूमिका में सामने लेकर आए। इस टूर्नामेंट में पहले भी वो 73 गेंदों में 89 रनों की पारी खेल चुके हैं।हालांकि उनकी टीम की पिछली 6 जीत में नंबर 6 बल्लेबाज़ के रूप में उनकी आवश्यकता काफ़ी कम पड़ी थी। उनकी पहली दो बाउंड्री लिविंगस्टन के ऑफ़ब्रेक गेंदबाज़ी पर आई और फिर उन्होंने हॉवेल की अंतिम गेंद पर में वाइड लांग ऑन के ऊपर से छक्का लगाया। व्हाइटली ने अपने बल्लेबाज़ी के दौरान शायद ही किसी गेंदबाज़ पर रहम बख़्सा हो। उनके सामने चाहे जो भी गेंदबाज़ आया उन्होंने उनके सामने रन बटोरने का प्रयास किया और अंत में 4 चौके और 4 छक्कों की मदद से बहुमूल्य 44 रन बनाए और अपनी टीम को एक बढ़िया स्कोर पर पहुंचा दिया। अंतिम 25 गेंदों में व्हाइटली की पारी की मदद से ब्रेव की टीम 58 रन बटोरने में कामयाब रही।
लिविंगस्टन ने उम्मीदें तो जगाई पर टिक ना सके
टूर्नामेंट में दूसरे सबसे बड़े टोटल का सफल पीछा करने के लिए फ़ीनिक्स की टीम ने एक खराब शुरुआत की। ओवल इनविंसिबल्स के ख़िलाफ़ उन्होंने 173 रनों के कुल योग का पीछा किया था लेकिन तब उनकी शुरूआत और प्रदर्शन दोनों अलग थे। इस मैच में फ़ीनिक्स की टीम ने 14 रनों के स्कोर पर ही अपने दो बल्लेबाज़ों को खो दिया था जिसमें डेविड बेडिंघम और विल स्मीड का विकेट शामिल था। ऐसे में फ़ीनिक्स की शुरूआत कहीं से भी लक्ष्य की तरफ सकारात्मक रूप से अग्रसर होते हुए नहीं दिख रही थी।
पहले दो विकेट गिरने के बाद मैदान पर लिविंगस्टन का आगमन हुआ जो इस टूर्नामेंट के ना सिर्फ टॉप स्कोरर हैं बल्कि सबसे ज्यादा छक्के भी उन्होंने ही लगाए हैं। उन्होंने आते ही गार्टन के ओवर में दो गेंदों को दर्शक दीर्घा में भेज कर अपनी आगे आने वाली बल्लेबाज़ी का नमूना पेश कर दिया था। हांलकि गार्टन ने 34वें और 35वें गेंद पर लिविंगस्टन और मोईन अली दोनों को लगातार गेंदों पर कैच टपका दिया। जिसका लिविंगस्टन ने एक हद तक फ़ायदा जरूर उठाया लेकिन वह डेविड के डायरेक्ट हिट से रन आउट हो गए और शायद फ़ीनिक्स की जीत की उम्मीदें वहां से और ज़्यादा धूमिल हो गई।