पाकिस्तान की चैंपियंस ट्रॉफ़ी अभियान को शुरू होने से पहले ही तब बड़ा झटका लगा, जब उनके प्रतिभाशाली युवा सलामी बल्लेबाज़ सईम अयूब चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए। वह पिछले साल के आख़िर में पाकिस्तान के तीन सीरीज़ जीतों के प्रमुख नायक थे। अब उनकी जगह बाबर आज़म सलामी बल्लेबाज़ी करते हुए दिखेंगे।
टीम में लंबे समय बाद फ़हीम अशरफ़ और ख़ुशदिल शाह की वापसी हुई है, इसलिए उनके फ़ॉर्म के बारे में अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। हाल ही में समाप्त हुई त्रिकोणीय सीरीज़ में पाकिस्तान की गेंदबाज़ी भी कुछ ख़ास प्रभावी नहीं दिखी, जहां पर उन्हें तीन में से दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा था।
इस टीम में अबरार अहमद एकमात्र प्रमुख स्पिनर हैं, जबकि परिस्थितियां स्पिन के ज़्यादा माक़ूल होंगी। सलमान अली आग़ा और ख़ुशदिल उनका साथ देने की कोशिश करेंगे, लेकिन पार्टटाइम गेंदबाज़ों से आप कितनी ही उम्मीद कर सकते हैं? टीम का निचला मध्यक्रम भी कुछ ख़ास विश्वास पैदा करता हुआ नज़र नहीं आता है।
19 फ़रवरी - बनाम न्यूज़ीलैंड
27 फ़रवरी - बनाम बांग्लादेश
1 फ़ख़र ज़मान, 2 बाबर आज़म, 3 सउद शकील, 4 मोहम्मद रिज़वान (कप्तान और विकेटकीपर), 5 सलमान अली आग़ा, 6 तैय्यब ताहिर, 7 ख़ुशदिल शाह, 8 शाहीन शाह अफ़रीदी, 9 नसीम शाह, 10 हारिस रउफ़ 11 अबरार अहमद
शेष खिलाड़ी: फ़हीम अशरफ़, मोहम्मद हसनैन, कामरान ग़ुलाम, उस्मान ख़ान
कप्तान
मोहम्मद रिज़वान पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी क्रम की प्रमुख धुरी हैं और उनके मध्यक्रम को स्थायित्व देते हैं। सलमान अली आग़ा उनके साथ प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
पाकिस्तान ने पिछले साल के आख़िर में ऑस्ट्रेलिया, ज़िम्बाब्वे और साउथ अफ़्रीका को उनके घर में इस फ़ॉर्मेट में मात दी थी। हालांकि पिछले सप्ताह ही न्यूज़ीलैंड ने उन्हें घरेलू त्रिकोणीय श्रृंखला के फ़ाइनल में हराया और अब टीम संयोजन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी का इतिहास
पाकिस्तान ने पिछला चैंपियंस ट्रॉफ़ी
भारत को हराकर जीता था। हालांकि तबसे उनके दो सदस्य- फ़ख़र ज़मान और बाबर आज़म ही इस टीम में हैं। हालांकि टूर्नामेंट के सात संस्करणों में वे चार बार बिना सेमीफ़ाइनल में पहुंचे ही बाहर हुए हैं।