चुनी, कपिल से एलीस पेरी तक : क्रिकेट के वह सितारे जो फ़ुटबॉल जगत में भी चमके
फ़ुटबॉल विश्व कप के आयोजन से पहले नज़र डालते हैं फ़ुटबॉल में सक्रिय रह चुके कुछ क्रिकेटरों पर
देबायन सेन
12-Nov-2022
कभी एक मैच में फुटबॉल भी खेले थे कपिल देव • Getty Images
एक विश्व कप बस ख़त्म हुआ कि अगले का ख़ुमार सब पर छाने वाला है। हम बात कर रहे हैं फ़ुटबॉल के फ़ीफ़ा विश्व कप की, जो रविवार, 20 नवंबर से क़तर में शुरू होगा।
वैसे क्रिकेट और फ़ुटबॉल का भी क़रीबी नाता रहा है। कुछ कहानियां काफ़ी प्रचलित हैं लेकिन उनकी पुष्टि नहीं की जा सकती। जैसे विव रिचर्ड्स के बारे में कहा जाता है कि वह ऐंटीगा एंड बारबुडा के लिए विश्व कप क्वालिफ़ायर खेल चुके हैं लेकिन इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है। हालांकि यह चीज़ रिकॉर्ड में है कि प्रसिद्द अंपायर स्टीव बकनॉर 1990 विश्व कप के लिए क्वालिफ़ायर के दौरान 16 अक्तूबर 1988 को एल साल्वाडोर के नीदरलैंड्स ऐंटीलेज़ पर 5-0 की जीत में मुख्य रेफ़री थे। ऐसे में हम आपको टॉप पांच ऐसे क्रिकेटरों से मिलवाते हैं जिन्होंने फ़ुटबॉल के मैदान में भी अपना लोहा मनवाया।
5 कपिल देव (भारत)
हैरान हुए क्या? वैसे कपिल के बारे में कहा जाता कि वह हर खेल में एक नैसर्गिक प्रतिभा हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जिस तरह उन्होंने गॉल्फ़ में प्रदर्शन किया है, यह इस बात को स्पष्ट कर देता है। हालांकि जून 1992 में जब वह कोलकाता के बड़े क्लबों में एक ईस्ट बंगाल के लिए कुछ प्रदर्शनी मैच खेलने उतरे तब वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रीय थे। ईस्ट बंगाल के लिए कपिल के पहले मैच को देखने 50,000 से अधिक समर्थक सॉल्ट लेक स्टेडियम में आए थे और उन्हें 67वें मिनट में पूर्व अंतर्राष्ट्रीय टीम के स्ट्राइकर कुलजीत सिंह की जगह मैदान पर उतरने का मौक़ा मिला।
Kapil Dev performing for East Bengal in football (1992)- left and Cricket (1994) right pic.twitter.com/nwZZO8OfvL
— Gautam Roy (@gautamfootball) October 11, 2020
4 इयन बॉथम (इंग्लैंड)
भाई जिस सूची में कपिल पाजी का नाम आए उसमें भला बॉथम बहुत दूर रह सकते हैं क्या? बॉथम इंग्लैंड के दो क्लब इयोविल टाउन और स्कंथॉर्प यूनाइटेड में बतौर सेंटर हाफ़ इंग्लैंड के निचले डिवीज़न की लीग में खेले। जब स्कंथॉर्प ने 1980 में उन्हें साइन किया तब बॉथम अपने क्रिकेट के लगभग चरम पर थे और एक साल बाद यादगार ऐशेज़ अभियान के मुख्य नायक बनने वाले थे। उन्होंने 1985 तक स्कंथॉर्प के लिए कुल 14 बार लीग मैच खेले और एक बार रिज़र्व गेम में ब्लैकपूल के विरुद्ध हैट्रिक भी मारा था। 2017 में उन्हें इस क्लब का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
3 चुनी गोस्वामी (भारत)
दो स्टार ऑलराउंडर के बाद एक जेनुइन हरफ़नमौला खिलाड़ी। सुबिमल 'चुनी' गोस्वामी का नाम भारत के महानतम फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल हैं। उन्होंने 1960 ऑलिंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया और फिर 1962 एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम की कप्तानी की। चुनी की कप्तानी में भारत 1964 में खेले गए पहले एशियन कप में उपविजेता भी रहा। इसके अलावा वह मोहन बागान के लिए बहुत आकर्षक फ़ॉरवर्ड थे और कहा जाता है कि उन दिनों इंग्लैंड की बहुत बड़ी टीम टॉटेनहम हॉटस्पर उन्हें साइन करना चाहती थी लेकिन उन्होंने अपने शहर कोलकाता को छोड़ने से इनकार कर दिया था।
चुनी संतोष ट्रॉफ़ी में बंगाल को फ़ाइनल में जिताने के अलावा कप्तानी भी कर चुके थे। अपने फ़ुटबॉल करियर के बाद उन्होंने क्रिकेट में भी सिक्का जमाया। 1968-69 और 1971-72 में वह रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल भी खेले हालांकि दोनों मैच में जीत मेज़बान मुंबई (तब बंबई) की रही। 1968-69 में चुनी ने 96 और 84 की पारियां खेली तो तीन साल बाद उन्हें बंगाल की कप्तानी करने का मौक़ा मिला। इसके अलावा उन्होंने दिसंबर 1966 में भारत आई हुई वेस्टइंडीज़ टीम के ख़िलाफ़ एक अभ्यास मैच में संयुक्त मध्य क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्र के लिए मैच में अपनी मध्यम तेज़ गेंदबाज़ी से आठ विकेट लिए।
चुनी गोस्वामी बंगाल के लिए फ़ुटबॉल के संतोष ट्रॉफ़ी और क्रिकेट के रणजी ट्रॉफ़ी, दोनों के फ़ाइनल में कप्तान रहे•ESPNcricinfo Ltd
2 डेनिस कॉम्पटन (इंग्लैंड)
डेनिस कॉम्पटन इंग्लैंड के लिए 50 के औसत से लगभग 6000 टेस्ट रन बनाने वाले आकर्षक और आक्रामक बल्लेबाज़ थे, जिन्होंने विशेष आमंत्रण पर भारत में होल्कर के लिए घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया। 1936 में 18-वर्षीय कॉम्पटन को इंग्लैंड के प्रसिद्द क्लब आर्सेनल ने साइन किया। कॉम्पटन बाएं छोर के आक्रामक खिलाड़ी थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दोनों तरफ़ कुल 14 सालों में आर्सेनल के लिए उन्होंने लीग और कप मिलाकर 59 मैचों में 18 गोल दागे। 1950 में जब आर्सेनल ने लिवरपूल को वेम्ब्ली स्टेडियम में खेले गए एफ़ए कप (इंग्लैंड की शीर्ष नॉकऑउट प्रतियोगिता) के फ़ाइनल में 2-0 से हराया, तब लेफ़्ट विंग पर कॉम्पटन ही मौजूद थे।
1 एलीस पेरी (ऑस्ट्रेलिया)
पेरी अगर भारतीय होतीं तो आज से लगभग 10 साल पहले तक खेल रत्न का पुरस्कार जीत चुकी होतीं। पहले उनकी क्रिकेट की उपलब्धियों को गिनाते हैं - दो बार 50-ओवर विश्व कप विजेता, पांच बार टी20 विश्व कप विजेता, राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता, और आईसीसी के लिए बीते दशक की सर्वश्रेष्ठ वनडे और टी20 क्रिकेटर। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूप जोड़ने पर 5,000 से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट उन्हें वैसे भी लेजेंड्स की श्रेणी में डाल देते हैं।
एलीस पेरी महिला क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर रहीं हैं•Getty Images
इसके अलावा पेरी ऑस्ट्रेलिया के लिए केवल फ़ुटबॉल ही नहीं खेलीं, वह 2011 में जर्मनी में खेले गए फ़ुटबॉल विश्व कप का हिस्सा भी रहीं। 9 जुलाई को ऑग्सबर्ग में उन्होंने स्वीडेन के ख़िलाफ़ मैच में गोल भी दागा और इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा लिया।
देबायन सेन ESPNcricinfo में स्थानीय भाषा प्रमुख हैं।