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संजू सैमसन के बाद केरला को रोहन कुन्नुमल के रूप में मिला एक और सितारा

रोहन ने अब तक सिर्फ़ सात प्रथम श्रेणी मैच में चार शतक लगा दिए हैं

Rohan Kunnummal poses after his exploits at Duleep Trophy, South Zone vs North Zone, Duleep Trophy 2022-23, Salem, September 18, 2022

दलीप ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल में कुन्नुमल ने दो बेहतरीन पारियां खेली थी  •  Rohan Kunnummal

संजू सैमसन मौजूदा खिलाड़ियों में पहले और शायद एकमात्र बड़े नाम हैं, जिनका नाम केरल क्रिकेट के बारे में बात करते समय दिमाग़ में आता है। हालांकि अब रोहन कुन्नुमल के रूप में भी एक ऐसे खिलाड़ी का नाम सामने आ रहा है, जो केरल से निकल कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा नाम बन सकते हैं। हालांकि ऐसा तब ही संभव है, जब वह लाल गेंद की क्रिकेट में अपने फ़ॉर्म को जारी रखेंगे।
इस साल फ़रवरी में 2021-22 के रणजी ट्रॉफ़ी में उन्होंने राजस्थान के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में भाग लिया था। नौ महीने बाद 24 वर्षीय कुन्नुमल दक्षिण क्षेत्र के लिए दलीप ट्रॉफ़ी 2022-23 का फ़ाइनल खेल रहे हैं और सेमीफ़ाइनल में उत्तरी क्षेत्र के ख़िलाफ़ उन्होंने 143 और 77 रनों की महत्वपूर्ण पारियां खेली। उनका अब तक का प्रथम श्रेणी करियर भी काफ़ी प्रभावशाली रहा है। सात प्रथम श्रेणी पारियों में उन्होंने चार शतक लगाए। उनमें से तीन शतक तो लगातार मैचों में आए हैं। उन्होंने अब तक 107.50 की औसत से कुल 645 रन बनाए हैं।
2006 से ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के पास मैच दर मैच डेटा उपलब्ध है। केवल दो अन्य बल्लेबाज़ों ने (दिल्ली के यश ढुल और मध्य प्रदेश के आदित्य श्रीवास्तव) अपनी पहली सात प्रथम श्रेणी पारियों में चार शतक बनाए हैं। रोहन और आदित्य अपनी पहली सात पारियों में छह 50 से अधिक स्कोर बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
मेरे लिए पहली गेंद से कड़ी मेहनत करना, शुरुआत में ही गेंदबाज़ पर दबाव बनाना और उनका फ़ायदा काफ़ी ज़रूरी चीज़ों में से एक है। मैं तकनीक में इतना विश्वास नहीं करता। यहां बस गेंद को सिर्फ़ हिट करने का मामला है। हालांकि जब आप खेलते हैं तो आप बस गेंद को मिडिल करना चाहते हैं। एक बात यह भी है कि गेंदबाज़ को मत खेलो, बस गेंद को खेलो और मैं इसी तरह से अपने खेल को आगे बढ़ाता हूं। अगर आप नाम देख कर खेलोगे तो आप पर ज़्यादा दबाव होगा।
रोहन कुन्नुमल
आप सोच रहे होंगे कि यह काफ़ी बढ़िया शुरुआत है। हालांकि कुन्नुमम्ल ने 2016-17 में सीनियर स्टेट में पदार्पण किया था और उन्हें अपनी पहचान बनाने में काफ़ी समय लगा। कुन्नुमल ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से अपनी फ़ॉर्म के बारे में पूछे जाने पर कहा, "मेरे लिए यह एक परीकथा से कुछ भी कम नहीं है। पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की गई है। लेकिन मैंने कभी छह पारियों में चार शतक लगाने का सपना नहीं देखा था, और जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं।"
आयु समूह के हर श्रेणी में खेलने के बाद कुन्नुमल ने 19 साल की उम्र में 2016-17 सत्र में विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी (लिस्ट ए) की शुरुआत की। वह भारत के अंडर -19 सेट-अप का भी हिस्सा थे। उस समय उन्होंने 2017 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चार दिवसीय मैच खेला, जिसमें दिखाने के लिए कुछ ख़ास नहीं था।
फिर ऐसे दिन भी आए जब कुन्नुमल के खाते में बहुत अधिक रन नहीं थे और उनके लिए सभी दरवाज़े बंद होने लगे थे। लेकिन जब इस साल की शुरुआत में जब उन्हें फिर से खेलने का मौक़ा मिला तो उन्होंने इसका पूरा फ़ायदा उठाया।
उन्होंने कहा, "इस साल मैं मानसिक रूप से काफ़ी मज़बूत था और अधिक से अधिक रन बनाने की कोशिश कर रहा था। अतीत के बारे में मैं बहुत ज़्यादा नहीं सोच रहा था। इससे मुझे बल्लेबाज़ी करते समय बहुत मदद मिल रही थी। इससे पहले मुझे बल्लेबाज़ी करते समय बहुत भ्रम होता था - क्या करना है, कैसे खेल को आगे बढ़ाना है? इस बार मैंने सिर्फ़ खु़द पर भरोसा किया।"
पलक्कड़ में जन्मे और कोढ़ीकोड में पले-बढ़े कुन्नुमल को उनके विश्वविद्यालय के दिनों में उनके पिता ने क्रिकेट में हाथ आज़माने की सलाह दी। उनके पिता भी एक ऑफ़ स्पिनर था। रोहन ने कोढ़ीकोड में ससेक्स क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग लिया और अब वे एक नए ज़माने का क्रिकेटर बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे लिए पहली गेंद से कड़ी मेहनत करना, शुरुआत में ही गेंदबाज़ पर दबाव बनाना और उनका फ़ायदा काफ़ी ज़रूरी चीज़ों में से एक है। मैं तकनीक में इतना विश्वास नहीं करता। यहां बस गेंद को सिर्फ़ हिट करने का मामला है। हालांकि जब आप खेलते हैं तो आप बस गेंद को मिडिल करना चाहते हैं। एक बात यह भी है कि गेंदबाज़ को मत खेलो, बस गेंद को खेलो और मैं इसी तरह से अपने खेल को आगे बढ़ाता हूं। अगर आप नाम देख कर खेलोगे तो आप पर ज़्यादा दबाव होगा।"
रोहन ने कहा, किसी भी स्तर पर दूसरे क्षेत्र में करियर की मैंने कभी नहीं सोचा था। "मेरा परिवार बहुत सहायक है; उन्होंने हमेशा कहा है, 'आप बस खेलते जाओ,आगे जो भी होगा हम उसका ध्यान रख लेंगे', वे मेरा बहुत समर्थन करते हैं। उन्हीं की वजह से मैं स्वतंत्र रूप से खेल पा रहा हूं। मेरे जीवन में क्रिकेट ही एकमात्र चीज़ है।"
उन्होंने आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के लिए ट्रायल भी दे चुके हैं। अगर आगे भी वैसै कोई मौक़ा आता है तो रोहन इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वह इसे भुना लेंगे। फ़िलहाल के लिए वह दलीप ट्रॉफ़ी जीतना चाहते हैं।

आशीष पंत ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।