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रहाणे का फ़ॉर्म इस समय चिंता का विषय नहीं : विक्रम राठौर

बल्लेबाज़ी कोच ने कहा कि अगर रहाणे के खेल में तकनीकी ग़लतियां हैं तो उनकी चर्चा बीच मैच या बीच सीरीज़ में नहीं की जानी चाहिए

भारत के बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर का कहना है कि टेस्ट टीम में अजिंक्य रहाणे का स्थान ख़तरे में नहीं है।
एक तरफ़ शार्दुल ठाकुर ने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर चौथे टेस्ट मैच में 117 रन बनाए हैं। दूसरी ओर भारतीय उपकप्तान रहाणे इस सीरीज़ की सात पारियों में एक अर्धशतक के साथ कुल मिलाकर 109 रन बनाने में क़ामयाब हो पाए हैं।
साल 2020 की शुरुआत से, टेस्ट क्रिकेट में रहाणे की औसत 24.76 की रही है। इस दौरान 500 से अधिक रन बनाने वाले 34 खिलाड़ियों में यह सबसे कम औसत है। रहाणे पिछले साल की शुरुआत से 27 पारियों में केवल तीन बार 50 के आंकड़े को पार कर पाए हैं और केवल एक बार उन्होंने शतक जड़ा हैं।
नतीजतन, जैसा कि सुनील गावस्कर ने दावा किया था, इंग्लैंड दौरे की शुरुआत में पूछे जाने वाला सवाल तेज़ी से ज़ोर पकड़ रहा है : क्या भारत को पांचवें टेस्ट के लिए अपने उपकप्तान को ड्रॉप करने का समय आ गया है? जबकि चौथे दिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की इंग्लिश लाइव रिपोर्ट पर पोस्ट किए गए पोल पर भारी वोट रहाणे को हटाए जाने के पक्ष में थे, भारत के बल्लेबाज़ी कोच ने इस बात से असहमति जताई। उन्होंने चौथे दिन स्टंप्स के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि टीम प्रबंधन के लिए रहाणे का फ़ॉर्म इस समय चिंता का विषय नहीं बना हुआ है।
राठौर ने कहा, "जब आप इतने लंबे समय से क्रिकेट खेल रहे हैं तब ऐसे मौक़े आएंगे जब आपके बल्ले से रन नहीं निकलते हैं। यही वह समय है जब एक टीम के तौर पर हमें उनका साथ देने और उनका समर्थन करने की ज़रूरत है। जैसा कि हमने चेतेश्वर पुजारा के साथ देखा - उन्हें मौक़े मिले और वह अपनी लय में वापस आ गए। हमें उम्मीद हैं कि रहाणे भी फ़ॉर्म में वापस आ जाएंगे और भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम में अहम भूमिका निभाएंगे। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि हमें उनके फ़ॉर्म की चिंता करनी चाहिए।"
साल 2017 की शुरुआत से रहाणे 34.50 की औसत से रन बना रहे हैं। जब राठौर से पूछा गया कि क्या रहाणे की तकनीक में कोई ख़ामियां उभर कर आई हैं तो उन्होंने कहा कि यह उन चीज़ों के बारे में बात करने का उचित समय नहीं है। उन्होंने कहा, "जब आप बल्लेबाज़ी के लिए मुश्किल परिस्थितियों में ऐसी एक अहम सीरीज़ खेल रहे हो तब आपका ध्यान तकनीक पर नहीं जाना चाहिए। इस समय आपको गेंदबाज़ पर, पिच से गेंद की हरक़त पर और अपनी नणनीति पर अपनी नज़र बनाए रखनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "हम इस समय उनकी (रहाणे की) तकनीक के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। तकनीक पर काम करने का एक उचित समय होता है। आप मैच के बीच में अथवा सीरीज़ के बीच में यह नहीं कर सकते हैं। अगर उनके खेल में कोई ख़ामियां है तो उस पर बादमें काम किया जाएगा। इस समय हम बस अपनी रणनीति और खेलने के अंदाज़ पर चर्चा कर रहे हैं।"
राठौर ने यह भी बताया कि पिच पर दाएं और बाएं हाथ के संयोजन को बनाए रखने के लिए रवींद्र जाडेजा को रहाणे के नंबर पांच के स्थान पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया था। टीम नहीं चाहती थी कि नंबर छह और सात पर दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ बल्लेबाज़ी करे।
उन्होंने कहा, "यह एक साधारण रणनीति थी और दोनों पारियों में इसने कुछ हद तक काम भी किया। आज भी विराट (कोहली) के साथ उनकी अच्छी साझेदारी हुई, लगभग 59 रनों की, जो टीम के लिए कारगर रही। क्या यह रणनीति लंबे समय तक अपनाई जाएगी, यह देखने के लिए हमें थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा।"

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।