ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो पुरस्कार : 2021 की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी ऋषभ पंत के नाम
उन्होंने एक मज़बूत ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी क्रम के ख़िलाफ़ भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई थी
कार्तिक कृष्णस्वामी
10-Feb-2022
ऋषभ पंत ने गाबा में भारत को अपनी पहली टेस्ट जीत दिलाई • Chris Hyde/CA/Cricket Australia/Getty Images
गाबा में भारत ने कभी जीत का स्वाद नहीं चखा था। यहां तक कि पिछले 31 मैचों में किसी विपक्षी टीम ने गाबा में जीत हासिल नहीं की थी और तो और जब तक इस गाबा टेस्ट की बारी आई, भारतीय टीम को चोटों ने इस तरह जकड़ लिया था कि उनकी एकादश में पांच ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने इसी दौरे पर अपना डेब्यू किया।
किसी तरीक़े से इस भारतीय टीम ने न केवल एक मज़बूत ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना किया बल्कि 328 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की। इस जीत में टीम के हर सदस्य ने अपना योगदान दिया था लेकिन चायकाल से आधे घंटे पहले तक भारत को 161 रनों की ज़रूरत थी और उसके पास 43 ओवरों के साथ-साथ सात विकेट शेष थे।
इस स्थिति में पंत बल्लेबाज़ी करने उतरे। सिडनी में खेले गए पिछले टेस्ट मैच की चौथी पारी में उन्होंने 97 रन बनाए ज़रूर थे लेकिन उन्होंने मैच बचाने का काम अपने चोटिल साथियों पर छोड़ दिया था। सब जानते थे कि पंत ऐसे पारी खेल सकते हैं जो उन्होंने सिडनी में खेली, लेकिन गाबा वाली पारी की तो लोगों ने बस सपने में ही सोचा था। सिडनी में भाग्य का पूरा सहारा लेते हुए वह गेंदबाज़ों पर हावी हो रहे थे, जबकि गाबा की पारी के ज़्यादातर हिस्से में वह शांत थे और संभलकर खेल रहे थे।
मैच को बदलने की उनकी क्षमता के कारण ऑस्ट्रेलिया ने उनकी पारी की शुरुआत से ही अपनी फ़ील्ड खोल दी थी। इसका फ़ायदा उठाते हुए पंत ने आसानी से अपनी पारी को आगे बढ़ाया और उन्हें पहले 30 रनों में केवल तीन बार बड़े शॉट खेलने पड़े।
फिर मैच में आया एक रोमांचक मोड़ जब दूसरी नई गेंद के साथ पैट कमिंस ने भारतीय टीम की दीवार चेतेश्वर पुजारा को चलता किया। लक्ष्य अब भी 100 रन दूर था। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी लेंथ से आक्रमण किया वहीं पंत ने चौकों के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया।
इसके बाद जब टीम को आठ ओवरों में 50 रनों की आवश्यकता थी, पंत और वॉशिंगटन सुंदर ने छठे गियर में अपनी गाड़ी को आगे बढ़ाया। उन्होंने पांच गेंदों में चार बाउंड्री लगाई और इस दौरान पंत अपने अनोखे अंदाज़ में स्कूप शॉट लगाते हुए नीचे गिर पड़े। भारत की पकड़ मैच पर मज़बूत होने लगी थी और पंत ने सुनिश्चित किया कि वह अंत तक क्रीज़ पर खड़े रहकर टीम को जीत दिलाए। मैच में 19 गेंद शेष रहते उन्होंने जॉश हेज़लवुड की गेंद को उनके और मिडऑफ़ के बीच गैप में धकेलकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बेहतरीन जीत को अंजाम दिया।
महत्वपूर्ण क्षण
पंत 40 गेंदों पर 16 रन बनाकर खेल रहे थे जब नेथन लायन ने मिडऑफ़ को ऊपर बुलाकर ऑफ़ स्टंप के बाहर एक फ़्लाइटेड गेंद पर उन्हें बड़ा शॉट लगाने का आमंत्रण दिया। पंत ने क़दमों का इस्तेमाल किया लेकिन वह शॉट लगाने से चूक गए। हालांकि विकेटकीपर टिम पेन ने स्टंपिंग का मौक़ा गंवा दिया और पंत को एक बड़ा जीवनदान मिल गया।
इसके बाद लायन ने लगातार गेंद को हवा दी और स्पिन प्राप्त की लेकिन पंत ने अबकी बार अपने पाले में आने वाली गेंदों का इंतज़ार किया और बाक़ी गेंदों पर सूझबूझ भरी बल्लेबाज़ी की।
आंकड़े
22 - लायन द्वारा डाली गई कुल 70 गेंदों में से 22 गेंदों को पंत ने विकेटकीपर के पास जाने दिया।
पंत ने ऑस्ट्रेलिया में 62.40 की औसत से रन बनाए हैं। यह इस देश में कम से कम 10 पारियों में बल्लेबाज़ी करने वाले सभी विकेटकीपरों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ औसत है।
27 पारियों में 1000 टेस्ट रन का आंकड़ा पंत ने पार किया। किसी अन्य भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने उनसे कम पारियों में यह कारनामा नहीं किया है।
कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।