रोहित शर्मा एंड कंपनी की फ़ॉर्म की पड़ताल • ICC/Getty Images
भारत 5 जून को आयरलैंड के ख़िलाफ़ अपने टी20 विश्व कप 2024 के अभियान की शुरुआत करेगा। टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का चयन 30 अप्रैल को किया गया था। विश्व कप दल के चयन के लिए IPL का फ़ॉर्म बड़ा आधार माना गया था। हालांकि IPL में मुंबई इंडियंस (MI) के अंतिम मैच के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जियो सिनेमा से बातचीत के दौरान कहा था कि टीम प्रबंधन की ओर से विश्व कप का हिस्सा होने वाले खिलाड़ियों को पहले ही इस बात के संकेत दे दिए गए थे।
हालांकि ESPNcricinfo के विशेषज्ञ और पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि उन्हें नहीं लगता कि चयनकर्ता टीम चुनने के दौरान IPL के फ़ॉर्म को दरकिनार कर पाए। ऐसे में विश्व कप दल में मौजूद तमाम खिलाड़ियों के प्रदर्शन को दो हिस्सों में बांटकर देखते हैं कि आख़िर टीम का चयन होने से पहले और उसके बाद IPL में इन खिलाड़ियों की फ़ॉर्म में कितना बदलाव आया।
रोहित शर्मा (कप्तान)
रोहित टीम की कमान संभालने के साथ साथ भारतीय पारी का आग़ाज़ भी करेंगे। हालांकि भारतीय टीम का चयन होने से पहले IPL में रोहित का प्रदर्शन तुलनात्मक तौर पर बेहतर था। रोहित ने 30 अप्रैल से पहले तक 10 पारियों में 35 की औसत और 158.29 के स्ट्राइक रेट से 315 रन बनाए थे, यहां रेखांकित करने योग्य बात यह भी है इन 315 रनों में चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ लगाया गया रोहित का शतक भी शामिल है। टीम के चयन के बाद अगली चार पारियों में रोहित के स्ट्राइक रेट (129.11) में भी भारी गिरावट आई और वह 25.50 की औसत से 102 रन ही बना पाए।
यशस्वी जायसवाल के लिए IPL का यह सीज़न वैसा नहीं रहा जैसा कि उनसे उम्मीद की जा रही थी। चयन से पहले और बाद भी जायसवाल ने 150 से ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन तो बनाए लेकिन अधिकतर अवसरों पर उनका बल्ला खामोश ही रहा। 30 अप्रैल से पहले तक जायसवाल ने नौ पारियों में 31.13 की औसत और 154.66 के स्ट्राइक रेट से 249 रन बनाए थे। जबकि चयनित होने के बाद जायसवाल ने खेली सात पारियों में 157.63 के स्ट्राइक रेट और 31.00 की औसत से 189 रन बनाए। दोनों ही चरणों में जायसवाल का प्रदर्शन एक जैसा ही रहा।
सूर्यकुमार यादव IPL के शुरुआती कुछ मैच चोट से रिकवरी के चलते नहीं खेल पाए। पहले कुछ मैचों में उनका प्रदर्शन तो संतोषजनक नहीं रहा लेकिन इसके बाद सूर्यकुमार का फ़ॉर्म लगातार बेहतर होता चला गया और यह भारतीय टीम के लिए अच्छे संकेत हैं। 30 अप्रैल से पहले सूर्यकुमार ने सात पारियों में 25.14 की औसत और 170.87 के स्ट्राइक रेट से 176 रन बनाए थे। जबकि इसके बाद उन्होंने 4 पारियों में 56.33 की औसत और 164.08 के स्ट्राइक रेट से 169 रन बनाए।
विराट कोहली का IPL फ़ॉर्म विश्व कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू है। दोनों चरणों में कोहली की लय बरक़रार रही और इस बार उन्होंने स्पिन के ख़िलाफ़ भी अधिक आक्रामकता दिखाई जो कि विश्व कप में स्पिनर्स को मदद पहुंचाने वाली पिचों को ध्यान में रखते हुए भारत के लिए शुभ संकेत हैं। कोहली ने 30 अप्रैल से पहले 10 पारियों में 71.43 की औसत और 147.49 के स्ट्राइक रेट से 500 रन बनाए जबकि इसके बाद कोहली ने पांच पारियों में 48.20 की औसत और 172.14 के स्ट्राइक रेट से 241 रन बनाए।
भीषण दुर्घटना से उबरने के बाद ऋषभ पंत ने IPL में धमाकेदार वापसी की। पंत ने 30 अप्रैल से पहले खेली 11 पारियों में 44.22 की औसत और 158.57 के स्ट्राइक रेट से 398 रन बनाए तो वहीं बाद में खेली दो पारियों में 133.33 की स्ट्राइक-रेट और 24 की औसत से 48 रन बनाए। पंत की इस वापसी ने यह भी सुनिश्चित किया कि विश्व कप में वो ही विकेट कीपर के लिए भारतीय टीम की पहली पसंद होंगे। पंत ने अभ्यास मैच में भी नंबर तीन पर नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली। ऐसे में ज़रूरत पड़ने पर पंत ऊपर भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।
IPL शुरू होने से पहले संजू सैमसन विश्व कप दल में शामिल होने के दावेदार तो थे लेकिन पंत के अलावा केएल राहुल और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी भी उनके साथ इस रेस में शामिल थे। शुरुआती सीज़न में सैमसन लय में तो दिखाई दिए लेकिन टीम में चयनित होने के बाद सैमसन के फ़ॉर्म में गिरावट दर्ज की गई। 30 अप्रैल से पहले तक सैमसन ने नौ पारियों में 77 की औसत और 161.09 के स्ट्राइक रेट से 385 रन बनाए। लेकिन इसके बाद सैमसन ने सात पारियां खेली और इस दौरान वह 24.33 की औसत और 136.45 के स्ट्राइक रेट से 146 रन ही बना पाए।
शिवम दुबे ने चयन से पहले अपने प्रदर्शन से IPL में छाप छोड़ने में सफल रहे थे लेकिन विश्व कप दल में शामिल होने के बाद उनके फ़ॉर्म में भारी गिरावट दर्ज की गई जो कि भारतीय टीम के लिए भी चिंताजनक है। दुबे ने 30 अप्रैल से पहले 58.33 की औसत और 172.41 के स्ट्राइक रेट से 350 रन बनाए थे। लेकिन इसके बाद दुबे 5 पारियों में महज़ 9.20 की औसत और 112.20 के स्ट्राइक रेट से 46 रन ही बना पाए। दुबे स्पिनर्स के बढ़िया हिटर माने जाते हैं और विश्व कप में स्पिनर्स की मददगार पिच को देखते हुए दुबे का फ़ॉर्म चिंता का विषय है।
हार्दिक पंड्या के लिए IPL का पूरा सीज़न ही भूलने योग्य रहा। हालांकि बल्लेबाज़ी में हार्दिक का प्रदर्शन तुलनात्मक तौर पर बेहतर प्रदर्शन विश्व कप के लिए चयनित होने से पहले था। 30 अप्रैल से पहले हार्दिक ने 10 पारियों में 21.89 की औसत और 150.38 के स्ट्राइक रेट से 197 रन बनाए थे। जबकि चयनित होने के बाद हार्दिक अगली चार पारियों में महज़ 6.33 की औसत और 95 के स्ट्राइक रेट से 19 रन ही बना पाए।
गेंदबाज़ी में हार्दिक ने विश्व कप में चयनित होने से पहले 42.17 की औसत और 11 की इकॉनमी से छह विकेट लिए थे लेकिन 30 अप्रैल के बाद हार्दिक ने 26.80 की औसत और 10.31 की इकॉनमी से पांच विकेट लिए। हालांकि इसमें एक ही पारी में हार्दिक द्वारा लिए गए तीन विकेट भी शामिल थे। अभ्यास मैच में हार्दिक ने बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन किया जो कि भारत के लिए शुभ संकेत हैं।
विश्व कप दल में चयनित होने से पहले और बाद में भी गेंदबाज़ी की तुलना में जाडेजा ने बल्लेबाज़ी में अधिक बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने 30 अप्रैल से पहले नौ पारियों में 78.50 की औसत और 131.93 के स्ट्राइक रेट से 157 रन बनाए। जबकि इसके बाद पांच पारियों में उन्होंने 27.50 की औसत और 161.76 के स्ट्राइक रेट से 110 रन बनाए। वहीं गेंदबाज़ी में जाडेजा ने चयनित होने से पहले नौ पारियों में 46.80 की औसत और 7.50 की इकॉनमी से पांच विकेट लिए जबकि चयनित होने के बाद 45.50 की औसत और 8.44 की इकॉनमी से तीन विकेट ही लिए।
विश्व कप दल में चयनित होने से पहले बल्लेबाज़ी में अक्षर का प्रदर्शन मिला-जुला ही था लेकिन गेंदबाज़ी में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था। वह भी तब जब IPL के बीते सीज़न में एक के बाद एक बड़े स्कोर बन रहे थे। अक्षर ने 30 अप्रैल से पहले 11 पारियों में 24.83 की औसत और 124.17 के स्ट्राइक रेट से 149 रन बनाए थे। जबकि गेंदबाज़ी में उन्होंने 29.78 की औसत और 7.24 की इकॉनमी से नौ विकेट लिए थे। इसके बाद अक्षर ने अगली तीन पारियों में 43 की औसत और 145.16 के स्ट्राइक रेट से 86 रन बनाए, वहीं गेंदबाज़ी में उन्होंने 34.85 की औसत और 9.86 की इकॉनमी से दो विकेट लिए।
कुलदीप यादव एकदिवसीय विश्व कप की तरह ही टी20 विश्व कप में भी भारतीय टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। कुलदीप IPL में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आ रहे हैं। कुलदीप ने 30 अप्रैल से पहले आठ पारियों में 21.83 की औसत और 8.45 की इकॉनमी से 12 विकेट लिए थे जबकि इसके बाद भी कुलदीप का प्रदर्शन अच्छा रहा और उन्होंने अगली तीन पारियों में 27.50 की औसत और 9.17 की इकॉनमी से चार विकेट लिए।
युजवेंद्र चहल ने IPL के पहले चरण में बेहतर प्रदर्शन किया था और पर्पल कैप के दावेदार भी थे। हालांकि सैमसन की तरह ही दूसरे चरण में वह संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाए। अभ्यास मैच में चहल ने गेंदबाज़ी नहीं की, जिससे यह स्पष्ट है कि कुलदीप ही भारतीय टीम मैनेजमेंट के बतौर प्रमुख स्पिनर पहले पसंद होंगे। चहल ने 30 अप्रैल से पहले नौ पारियों में 23.54 की औसत और 9 की इकॉनमी से 13 विकेट लिए थे। जबकि इसके बाद अगली छह पारियों में 48 की औसत और 10 की इकॉनमी से पांच विकेट लिए।
तेज़ गेंदबाज़ी में जसप्रीत बुमराह का IPL फ़ॉर्म भारतीय टीम के लिए बेहद अच्छे संकेत हैं। बुमराह की टीम IPL में तो कुछ ख़ास नहीं कर पाई लेकिन ख़ुद बुमराह ने अपनी गेंदबाज़ी से काफ़ी प्रभावित किया। बुमराह ने 30 अप्रैल से पहले 10 पारियों में 18.29 की औसत और 6.40 की इकॉनमी से 14 विकेट लिए और अगली तीन पारियों में 13.33 की औसत और 6.76 की इकॉनमी से 6 विकेट लिए।
मोहम्मद सिराज के लिए IPL का सीज़न संतोषजनक नहीं रहा। हालांकि चयनित होने के बाद सिराज का प्रदर्शन बेहतर हुआ। 30 अप्रैल से पहले सिराज ने नौ पारियों में 53.83 की औसत और 9.50 की इकॉनमी से छह विकेट ही लिए थे। जबकि अगले पांच मैचों में उनका प्रदर्शन काफ़ी बदला। सिराज ने पांच मैचों में 19.22 की औसत और 8.65 की इकॉनमी से नौ विकेट चटकाए।
अर्शदीप सिंह ने अभ्यास मैच में दो विकेट चटकाए थे। विश्व कप दल में चयनित होने से पहले अर्शदीप ने नौ पारियों में 25.17 की औसत और 9.64 की इकॉनमी से 12 विकेट लिए थे। जबकि उन्होंने अगली पांच पारियों में 29 की औसत और 10.68 की इकॉनमी से सात विकेट लिए।