ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने कहा : वनडे क्रिकेट को अब 40 ओवर का होना चाहिए
उनका मानना है कि टी20 क्रिकेट आने के बाद यह फ़ॉर्मेट कुछ अधिक लंबा, उबाऊ और धीमा लगने लगा है
ESPNcricinfo स्टाफ़
11-Oct-2022
क्या आप भी वनडे क्रिकेट को लेकर चिंतित हैं? • Getty Images
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों उस्मान ख़्वाजा और ऐरन फ़िंच का मानना है कि वनडे क्रिकेट अब भी मज़ेदार बना रह सकता है, बशर्ते इसे 50 से 40 ओवर का कर दिया जाए।
एबीसी स्पोर्ट से ख़्वाजा ने बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट 40 ओवर का होना चाहिए। मैंने कुछ साल पहले इंग्लैंड में प्रो-40 क्रिकेट खेला था और मुझे बहुत मज़ा आया था। 50 ओवर थोड़ा लंबा हो जाता है। टी20 क्रिकेट शानदार है और टेस्ट क्रिकेट सर्वोच्च है। अगर वनडे भी 10 ओवर छोटा होता तो मज़ा आ जाता।"
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ऑस्ट्रेलियाई टी20 कप्तान फ़िंच ने हाल ही में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया है। वह भी अपने साथी बल्लेबाज़ ख़्वाजा से सहमत नज़र आते हैं। हालांकि उनका यह भी मानना है कि अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप में यह फ़ॉर्मेट फिर से लोकप्रिय हो सकता है।
वहीं स्पिनर ऐडम ज़ैम्पा का यह मानना है कि मध्य ओवरों (20 से 30) में वनडे क्रिकेट थोड़ा धीमा हो जाता है। इस दौरान अगर कुछ बोनस या एक्स्ट्रा फ़्री हिट का नियम आता है तो यह मज़ेदार होगा।
हालांकि एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ऐश्टन एगार को अब भी वनडे क्रिकेट पसंद है। वह कहते हैं, "मुझे वनडे क्रिकेट पसंद है क्योंकि इसमें कुछ करने के लिए काफ़ी समय होता है। एक गेंदबाज़ के पास 10 ओवर होते हैं, वहीं बल्लेबाज़ चाहे तो 50 ओवर तक बल्लेबाज़ी कर सकता है। अगर आपके कुछ विकेट जल्दी गिर गए होते हैं तो भी पारी को संभालने के लिए मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों के पास समय होता है। हां कई बार यह दर्शकों को लंबा लगने लगता है और वे फ़्रस्टेट भी होने लगते हैं लेकिन यह सिर्फ़ टी20 क्रिकेट के आने के कारण है।"
विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऐलेक्स कैरी ने कहा, "वनडे क्रिकेट को ख़ारिज नहीं किया जा सकता। अब भी इस फ़ॉर्मेट में काफ़ी संभावनाएं हैं।" उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में हुए 2019 विश्व कप का भी उदाहरण दिया और कहा कि उस समय का माहौल अविश्वसनीय था, जो दिखाता है कि यह फ़ॉर्मेट अब भी लोकप्रिय है।
वहीं समाधान की बात करते हुए अनुभवी स्पिनर नेथन लायन ने कहा, "अगर वनडे क्रिकेट की लोकप्रियता को फिर से हासिल करना है तो रिवर्स स्विंग और स्पिन को वापस लाना होगा। अभी के नियमों के अनुसार दोनों छोर से नई गेंदें होती हैं। इससे गेंद पारी के अंत तक भी सिर्फ़ 25 ओवर पुरानी होती है। इससे ना स्पिनरों को स्पिन मिलती है और ना ही तेज़ गेंदबाज़ों को रिवर्स स्विंग। बल्लेबाज़ों के लिए नई और हार्ड गेंद को मारना हमेशा आसान होता है।"