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फ़ीचर्स

हरमनप्रीत और शेफ़ाली की पारियों ने भारतीय टीम के आक्रामक रवैये का परिचय दिया

शेफ़ाली ने बताया कि उनके तरकश में और दो-तीन शॉट है जो वह अगले मैच में आज़माना चाहती हैं

Shafali Verma rushes up to congratulate Harmanpreet Kaur after the latter's 51-ball 71, Supernovas vs Velocity, Women's T20 Challenge 2022, Pune, May 24, 2022

शेफ़ाली वर्मा ने 71 रन बनाकर पवेलियन वापस लौटती हरमनप्रीत कौर का अभिवादन किया  •  BCCI

महिला टी20 चैलेंज के दूसरे मुक़ाबले में एक ऐसा नज़ारा हमें देखने को मिला जिसे देखकर भारतीय महिला टीम के समर्थकों का दिल भर आया होगा। सुपरनोवास की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने वेलॉसिटी के विरुद्ध 51 गेंदों पर 71 रनों की दमदार पारी खेली और जब वह पवेलियन लौट रही थी, शेफ़ाली वर्मा दौड़कर उनके पास गई, उनसे हाथ मिलाया और पीठ थपथपाकर उनका अभिवादन किया।
क्योंकि यह पल महिला टी20 चैलेंज में आया था, इसमें चार चांद और लग गए। आख़िर 2019 में इसी प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ते हुए शेफ़ाली वर्मा ने भारतीय टीम का दरवाज़ा खटखटाया था। हरमनप्रीत की कप्तानी में उन्हें भारत के लिए डेब्यू करने का मौक़ा मिला और अगले सात महीनों में शेफ़ाली ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए भारत को टी20 विश्व कप 2020 के फ़ाइनल में पहुंचाया था।
मंगलवार को पुणे के एमसीए स्टेडियम में भारतीय टीम की इन दो साथियों के बीच हमें मित्रता देखने को मिली। हालांकि मैच के दौरान उन दोनों के बीच कड़ा मुक़ाबला चल रहा था। 151 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेलॉसिटी की सलामी बल्लेबाज़ी शेफ़ाली को अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलानी थी।
इस प्रतियोगिता के इतिहास में किसी भी टीम ने इतने बड़े लक्ष्य को हासिल नहीं किया था। अगर वेलॉसिटी इसे हासिल करने में नाकाम रहती तो अगला मैच ट्रेलब्लेज़र्स की तरह उसके लिए भी करो या मरो वाला हो जाता।
शेफ़ाली ने बात की गहराई को समझा और विश्व की नंबर एक गेंदबाज़ सोफ़ी एकलस्टन पर जमकर बरसी। इसके बाद ऑफ़ स्पिनर वी चंदू और तेज़ गेंदबाज़ मेघना सिंह और पूजा वस्त्रकर के ख़िलाफ़ भी उन्होंने अपने हाथ खोले। शेफ़ाली ने सभी 10 बाउंड्री गेंदबाज़ों की इसी चौकड़ी के ख़िलाफ़ लगाई थी। आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए शेफ़ाली ने महज़ 30 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया जो इस प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे तेज़ अर्धशतक है।
वेलॉसिटी की सात विकेट की जीत के बाद शेफ़ाली ने होस्ट ब्रॉडकास्टर को बताया, "मैंने पहली पारी से कुछ चीज़ों को समझा जैसे कहां पर शॉट लगाना आसान है और कहां नहीं। मैं चल रही हवा पर ध्यान दे रही थी और उसके अनुसार अपने शॉट लगा रही थी। (थर्ड क्षेत्र में नज़ाक़त के साथ खेले जाने वाले शॉट) पर मैंने काफ़ी काम किया है। मेरे तरकश में दो-तीन और शॉट है जो मैं अगले मैच में आज़माना चाहती हूं।"
लॉरा वुलफ़ार्ट के साथ मैच जिताऊ साझेदारी में नाबाद 24 रनों की पारी खेलने के बाद वेलॉसिटी की कप्तान दीप्ति शर्मा ने शेफ़ाली की पारी की प्रशंसा की और उसे मैच की स्थिति में एक अहम पल बताया। वुलफ़ार्ट भी इस युवा सुपरस्टार के खेल से प्रभावित हुई।
वुलफ़ार्ट ने कहा कि उन्हें शेफ़ाली का आक्रामक अंदाज़ पसंद आया। उनके लिए काम आसान हो गया जब दूसरे छोर पर एक सेट बल्लेबाज़ खेल रही थी। ड्रेसिंग रूम में शेफ़ाली के साथ होती बातचीत पर वुलफ़ार्ट ने कहा, "वह मस्त-मौला बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वह शांत रहती हैं और अपने कौशल पर भरोसा करती हैं। मुझे लगता है कि कभी-कभी मुझे भी इसी तरह बल्लेबाज़ी करनी चाहिए। मैं अपने खेल के बारे में अधिक सोच-विचार करने लगती हूं। शायद यहां से मैं कुछ नई चीज़ें सीखकर जाऊंगी।"
शेफ़ाली की अर्धशतकीय पारी के दौरान केवल अलाना किंग और डिएंड्रा डॉटिन ने उन्हें परेशान किया। 35 के स्कोर पर डॉटिन के टपकाए हुए कैच के बाद मिले जीवनदान के बाद 49 के निजी स्कोर पर उन्होंने रिव्यू का इस्तेमाल किया और मैदान पर आउट दिए गए फ़ैसले को बदलने में सफल हुई। हालांकि छह गेंदों बाद उन्हें निराश होकर पवेलियन लौटना पड़ा।
शेफ़ाली को आउट करने में बड़ा योगदान किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय टी20 टीम की उनकी कप्तान हरमनप्रीत ने दिया था। डॉटिन की गेंद को रूम बनाकर थर्ड क्षेत्र में खेलने का प्रयास कर रही शेफ़ाली के ख़िलाफ़ हरमनप्रीत ने शॉर्ट थर्ड से बायीं ओर एक लंबी डाइव लगाई और हवा में रहते हुए ही दोनों हाथों से गेंद को लपक लिया। यह इस मैच में हरमनप्रीत का दूसरा कैच था। इससे पहले उन्होंने स्लिप में एक मुश्किल कैच को आसान बनाया था।
फ़ील्डिंग में धूम मचाने से पहले हरमनप्रीत ने बल्ले के साथ अपना काम कर दिया था। सुपरनोवास की लड़खड़ाती पारी को संभालते हुए उन्होंने इस संस्करण का अपना पहला अर्धशतक जड़ा। एक बार फिर उन्होंने अपने पसंदीदा स्वीप शॉट का बहुत इस्तेमाल किया। उन्होंने तानिया भाटिया के साथ 82 और फिर सुने लूस के साथ मिलकर 28 रन जोड़े और टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया।
चौथे ओवर में 18 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद क्रीज़ पर आई हरमनप्रीत 19वें ओवर की अंतिम गेंद पर आउट हुई। वह जब पवेलियन लौटी, सुपरनोवास का स्कोर था 138 रन। 18 घंटे पहले इसी बल्लेबाज़ ने ट्रेलब्लेज़र्स के विरुद्ध अपनी टीम की ओर से सर्वाधिक रन बनाए थे और इस बार भी जब वह मैदान से बाहर जा रही थी, डगआउट में बैठे हर एक सदस्य ने खड़े होकर उनकी पारी की सराहना की। हरमनप्रीत और शेफ़ाली की पारियों को देखकर समझ आ गया कि भारतीय क्रिकेट में पावर हिटिंग का भविष्य बहुत उज्जवल है।

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।