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लखनऊ के मैदान में उतरते ही क्यों नर्वस हुए के एल राहुल?

भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा है कि एक ऐसा समय आया था, जब उन्हें क्रिकेट से थोड़ा ब्रेक ले लेना चाहिए थे

Rainwatchin' - KL Rahul sports a gloomy expression, Pakistan vs India, Asia Cup Super Four, Colombo, September 11, 2023

के एल राहुल पिछले कुछ समय से बेहतरीन फ़ॉर्म से गुज़र रहे हैं  •  Associated Press

के एल राहुल आईपीएल में चोटिल होने के बाद पहली बार लखनऊ के मैदान में फिर से वापसी कर रहे हैं। यहां रविवार को भारत विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना मुक़ाबला खेलेगी।
आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी करने वाले राहुल मई की शुरुआत में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ खेले गए एक मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण करते हुए चोटिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें आईपीएल, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल और वेस्टइंडीज़ टूर से बाहर रहना पड़ा।
राहुल ने शुक्रवार दोपहर भारत के प्रशिक्षण सत्र के बाद बीसीसीआई टीवी से कहा, "आज मैदान पर अंदर आते ही मुझे थोड़ी रनिंग करनी पड़ी। मैंने अपने ट्रेनर रजनी सर [रजनीकांत शिवगणनम] से कहा कि मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा है, क्योंकि पिछली बार जब मैं यहां था, तो मेरा अनुभव बिल्कुल अच्छा नहीं था।"
सबसे दर्दनाक हिस्सा होता है - चोट के बाद पुनर्वास (रिहैब) करना। इसके बाद आपको फ़िट और मज़बूत होने की कोशिश करनी पड़ती है। साथ ही आपको खु़द को आश्वस्त करना है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। यह मानसिक रूप से बहुत ही ज़्यादा चुनौतीपूर्ण होता है। जब मैं चोटिल हुआ तो यह स्पष्ट रूप से निराशाजनक था। मैं बहुत गुस्से में था।"
के एल राहुल
"उस चोट ने ज़ाहिर तौर पर मुझ पर और मेरे करियर पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला। यह मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए इतना खु़शी का क्षण नहीं था। अब मैं अपने इस छोटे से करियर में कई चोटों से गुज़र चुका हूं। किसी भी एथलीट के लिए बार-बार घायल होना और सर्जरी करवाना बहुत अच्छा एहसास नहीं है। सबसे पहले तो यह काफ़ी कुछ सिखाने वाले अनुभव होता लेकिन इसके अलावा यह बहुत दर्दनाक भी होता है।"
राहुल ने कहा कि वह दर्द शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव छोड़ता है। उन्होंने कहा, "सबसे दर्दनाक हिस्सा होता है - चोट के बाद पुनर्वास (रिहैब) करना। इसके बाद आपको फ़िट और मज़बूत होने की कोशिश करनी पड़ती है। साथ ही आपको खु़द को आश्वस्त करना है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। यह मानसिक रूप से बहुत ही ज़्यादा चुनौतीपूर्ण होता है। जब मैं चोटिल हुआ तो यह स्पष्ट रूप से निराशाजनक था। मैं बहुत गुस्से में था।"
"लेकिन मुझे इसका महत्त्व काफ़ी बाद पता चला जब मैं बेंगलुरु में था। मुझे आभास हुआ कि मुझे गेम से एक ब्रेक की ज़रूरत थी। मेरे मन में काफ़ी हलचल थी और मेरे करियर में पहली बार मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।"