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भारत-पाकिस्तान सहित चार देशों के टूर्नामेंट के प्रस्ताव को मिला अन्य देशों का समर्थन

बीसीसीआई भी सीधे तौर पर इसके विरोध में नहीं

Ramiz Raja addresses the media after taking over as the new PCB chairman, Lahore, September 13, 2021

पीसीब अध्यक्ष बनने के बाद मुख़़ातिब होते हुए रमीज़ राजा  •  Associated Press

रमीज़ राजा के चतुष्कोणीय टी 20 आयोजन के प्रस्ताव को आईसीसी की बैठक में उनकी प्रस्तुति से पहले कुछ गैर-विशिष्ट समर्थन मिला है। पीसीबी के अध्यक्ष रमीज़ राजा आईसीसी के समक्ष ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान और भारत के बीच एक वार्षिक चतुष्कोणीय टूर्नामेंट के आयोजन का प्रस्ताव रखने वाले हैं। इस टूर्नामेंट के आयोजन के पीछे रमीज़ की दलील है कि यह सभी सदस्यों के लिए राजस्व के अवसर पैदा करेगा।
हालांकि इस विशिष्ट योजना के वास्तविकता बनने की संभावना नहीं है। कम से कम अपने वर्तमान स्थिति में तो नहीं, जिसमें भारत और पाकिस्तान को नियमित रूप से खेलने और आठ पूर्ण सदस्यों को बाहर करने की आवश्यकता होगी। ऐसा प्रतीत होता है कि इसे इस विचार के अधिक समर्थन के लिए प्रेरित किया गया है कि सदस्य खुद के चतुष्कोणीय टूर्नामेंट का आयोजन कर सकें।
वर्तमान समय में, तीन राष्ट्रीय टीमों से अधिक वाले किसी भी टूर्नामेंट को आईसीसी इवेंट माना जाता है। इसका अर्थ होता है कि यह आईसीसी द्वारा संचालित किया जाता है और व्यवसायिक रूप से यह एक आईसीसी इवेंट होता है। इससे होने वाली आय भी टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों के बीच विभाजित की जाती है। रमीज़ राजा की चतुष्कोणीय टूर्नामेंट आयोजित कराने की योजना भी यही बताती है कि आईसीसी द्वारा इवेंट को नियंत्रित किया जाता है। दुबई में शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) की बैठक में विभिन्न बोर्ड के सीईओ ने सदस्यों के अपने स्वयं के चतुष्कोणीय आयोजनों को आयोजित करने में सक्षम होने के विचार की वकालत की।
बैठक में घटनाक्रम से अवगत दो अधिकारियों के अनुसार, कई बोर्डों ने इस विचार का समर्थन किया। हालांकि इस विचार से सभी सदस्यों की आम सहमति नहीं थी, लेकिन इंग्लैंड (ईसीबी), ऑस्ट्रेलिया (सीए), वेस्टइंडीज़ (सीडब्ल्यूआई) और पाकिस्तान (पीसीबी) के क्रिकेट बोर्ड इसके पक्ष में थे। एक अधिकारी के मुताबिक ईसीबी के सीईओ टॉम हैरिसन ने बैठक में इस विचार को प्रकट किया था।
हालांकि हैरिसन का विचार सीधे तौर पर रमीज़ की योजना से जुड़ा हुआ नहीं था। लेकिन पीसीबी के एक अधिकारी ने इसे अपनी जीत करार दिया क्योंकि यह दर्शाता है कि बोर्ड के अन्य सदस्य भी चतुष्कोणीय टूर्नामेंट की परिकल्पना कर रहे हैं। हालांकि मुख्य कार्यकारी समिति की बैठक में बीसीसीआई का रुख़ अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन ऐसे संकेत मिले हैं कि बीसीसीआई ने भी इस चतुष्कोणीय टूर्नामेंट का सीधे तौर पर विरोध नहीं किया। दिसंबर 2019 में चार देशों की सीरीज़ का सबसे पहले प्रस्ताव देने वाले भी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ही थे।
विचार कितना आगे जाता है यह सीईसी के बीच समर्थन के स्तर पर निर्भर करता है। ऐसा माना जाता है कि बोर्ड के सामने प्रस्ताव रखने से पहले एक स्पष्ट बहुमत से सहमत होने की आवश्यकता होगी और यदि एक बार बोर्ड स्तर पर सहमति हो जाती है, तब इवेंट की मंज़ूरी के संबंध में नियमों में बदलाव किए जा सकते हैं। चतुष्कोणीय आयोजनों का प्रश्न किसी भी हाल में बोर्ड की बैठक में ही आता क्योंकि रमीज़ हमेशा वहीं अपना प्रेजेंटेशन देने वाले थे। लेकिन वह प्रस्तुति अब व्यापक चर्चा में बदल सकती है।

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं।