भारत के कोच
राहुल द्रविड़ का मानना है कि उनकी टीम ने
T20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान कैरिबियाई द्वीप और USA के अलग-अलग मैदानों की बदलती हुई परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझा और उसी के अनुसार ख़ुद को ढालते हुए औसत से ऊपर के स्कोर खड़ा किए। इससे टीम को फ़ायदा हुआ और आज टीम
फ़ाइनल में है, जहां उनका मुक़ाबला
साउथ अफ़्रीका से होगा।
पिछले एक साल में लगातार तीसरा ICC फ़ाइनल खेलने जा रहे भारतीय टीम के इस प्रदर्शन से उनके कोच बहुत ख़ुश हैं, जो कि उनका अंतिम असाइनमेंट भी होगा। उन्होंने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात है परिस्थितियों को पहचानना और उसके अनुसार ख़ुद को ढालना। एक समूह के रूप में हमने इस चीज़ को बहुत बेहतर ढंग से किया है। इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने इस बात को पहचाना है कि किसी पिच पर अच्छा या औसत पार स्कोर क्या होगा। न्यूयॉर्क की परिस्थितियां सेंट लुशिया से अलग थीं और हम उसी के अनुसार दोनों जगहों पर अलग-अलग ढंग से खेलें। अब फ़ाइनल में भी हमें जिस तरह की पिच और परिस्थितियां मिलेंगी, हम उसको पहचानेंगे और उसी के अनुसार अपनी योजनाएं बनाएंगे।"
भारत ने बारबेडोस के इस मैदान पर अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ एक
मैच खेला है, जहां पर उन्होंने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 181 रन बनाए थे और उन्हें 47 रनों की एक बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं साउथ अफ़्रीका का इस विश्व कप में बारबेडोस के मैदान पर यह पहला मैच होगा। द्रविड़ ने कहा कि यह अच्छी बात है कि भारत ने यहां पर एक मैच खेला है और वे परिस्थितियों से वाकिफ़ हैं।
द्रविड़ ने कहा, "हमने बारबेडोस में एक मैच खेला है, जो कि अच्छी बात है। अगर आप पिच और परिस्थितियों से परिचित होते हैं तो यह हमेशा ही बेहतर होता है। लेकिन आपको यह नहीं पता कि आपको क्या वही पिच मिलने जा रही है, जहां पर आपने अपना पिछला मैच खेला था। शायद हमें अलग पिच भी मिल सकती है। बारबेडोस की जिस पिच पर हमने अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ मैच खेला था, वह बहुत धीमी पिच थी। इसलिए कई बार 200 नहीं बल्कि 170 बनाना भी ज़रूरी हो जाता है और वह 200 की तरह ही होता है। उम्मीद है कि हम फ़ाइनल में फिर से पिच और परिस्थितियों को बेहतर ढंग से पहचान सकेंगे और औसत से अधिक स्कोर खड़ा करेंगे।"
यह पिच बारबेडोस के पिच नंबर 4 पर खेली जाएगी, जो कि मैदान के बीच में है और यहां पर नामीबिया बनाम युगांडा और स्कॉटलैंड बनाम इंग्लैंड ग्रुप मैच हुए थे। इन मैचों को हुए ठीक-ठाक समय हो चुका है, इसलिए माना जा सकता है कि यह बिल्कुल ताज़ी पिच होगी।
भारत ने इस टूर्नामेंट में अभी तक एक भी मैच नहीं गंवाए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टीम में सुधार की गुंजाइश नहीं है। विराट कोहली, सलामी बल्लेबाज़ी में असफल हो रहे हैं, वहीं शिवम दुबे अपनी IPL फ़ॉर्म को बरक़रार नहीं रख सके हैं। स्पिन की मददग़ार पिचों पर भी रवींद्र जाडेजा को विकेट नहीं मिल रहें, वहीं शुरुआती सफलता के बाद ऋषभ पंत का भी फ़ॉर्म थोड़ा गड़बड़ हुआ है।
भारतीय कोच ने भी माना कि कोई भी मैच परफ़ेक्ट नहीं हो सकता और हमेशा सुधार की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से हमें कोई परफ़ेक्ट मैच नहीं मिला है और मुझे नहीं लगता कि किसी भी टीम के साथ ऐसा है। बस हमने इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान दबाव वाली परिस्थितियों का सामना किया और वहां पर खिलाड़ी उभरकर निकले और अपना अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हमारे पास एक अच्छा टीम संतुलन है और उनकी तैयारी भी अच्छी है। हम बस उन्हीं चीज़ों को नियंत्रित कर सकते हैं, जिन पर हमारा नियंत्रण है। उम्मीद है कि हम फ़ाइनल में भी अच्छा क्रिकेट खेलेंगे।"
भारतीय कोच इस बात से भी ख़ुश हैं कि वे पिछले एक साल में लगातार तीसरा ICC टूर्नामेंट फ़ाइनल खेलने जा रहे हैं। हालांकि पिछले दो फ़ाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा है, द्रविड़ की टीम इसको बदलना भी चाहेगी।
उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है कि हम निरंतरता के साथ लगातार अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। हम पिछले कुछ सालों से ख़ासकर पिछले साल से तीनों फ़ॉर्मैट में नंबर वन हैं, फ़ाइनल खेल रहे हैं, जो कि अच्छी बात है। इसका सारा श्रेय खिलाड़ियों को जाता है। उन खिलाड़ियों को भी जो सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं, जो सिर्फ़ वनडे खेल रहे हैं या जिनके नाम सिर्फ़ टी20 मैच ही हैं। भारतीय क्रिकेट ने लगातार निरंतरता दिखाई है, जो कि ख़ुश होने वाली बात है। अगर हम इस मैच में अच्छा खेलते हैं, अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं तो हम जीत भी सकते हैं।"