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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : क्या है कार्तिक के फ़्लॉप होने के पीछे का बड़ा कारण?

टी20 विश्व कप से पहले डेथ गेंदबाज़ी है भारत की बड़ी समस्या

मोहाली में खेले गए पहले मैच में मिली हार के बाद भारत के लिए इस टी20 सीरीज़ में जीवित रहने के लिए नागपुर में ऑस्ट्रेलिया को हराना ज़रूरी है। जहां रोहित शर्मा बतौर लगातार सात टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ जीतने के अपने रिकॉर्ड को बरक़रार रखना चाहेंगे वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत को घर पर दो टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ हराने वाली पहली टीम बनने की राह पर है। इस वजह से एक और रोमांचक मुक़ाबला होने की पूरी उम्मीद है। चलिए हम और आप मिलकर इस मैच से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों पर नज़र डालते हैं।
डेथ गेंदबाज़ी है बड़ी समस्या
इस साल टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में लक्ष्य का बचाव करना भारतीय टीम को रास नहीं आया है। इस टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करने के बाद छह मैचों में हार का सामना किया है। बल्ले के साथ 180 से 200 के बीच का अच्छा स्कोर खड़ा करने के बावजूद टीम उसे बचाने में असफल रही है। इसका बड़ा कारण यह रहा है कि इस साल जसप्रीत बुमराह ने केवल तीन मैच खेले हैं। उनकी अनुपस्थिति में भुवनेश्वर कुमार को डेथ में गेंदबाज़ी करने का काम सौंपा गया है। भुवनेश्वर एशिया कप 2022 की शुरुआत से अंतिम पांच ओवरों में लगभग 11 की इकॉनमी से रन ख़र्च कर रहे हैं और उनकी गेंदबाज़ी में पैनापन नज़र नहीं आ रहा। इसके अलावा टीम के डेथ ओवर स्पेशलिस्ट हर्षल पटेल चोटिल रहे हैं और इस साल उन्होंने भारत की ओर से सर्वाधिक 28 छक्के भी खाए हैं।
फ़िंच के फ़ॉर्म को हुआ है क्या?
भारतीय कप्तान रोहित की तरह ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ऐरन फ़िंच ने शुरुआत से ही आक्रामक रवैया अपनाने का काम किया है। इसके चलते उनका स्ट्राइक रेट तो बढ़ा है लेकिन वह बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे हैं। अब टीमों ने उनका तोड़ निकाल लिया है। फ़िंच स्पिन के विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं और पिछले 10 पारियों में छह बार स्पिन का शिकार बने हैं। इस साल स्पिन के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट केवल 101 का है और अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप से पहले बड़ा निर्णय लेना पड़ सकता है।
कार्तिक का फ़िनिशिंग टच खो गया
भारत ने अपने फ़िनिशर दिनेश कार्तिक का ज़्यादातर इस्तेमाल पारी के अंतिम पांच ओवरों में किया है। यह रणनीति उनके काम नहीं आई और पिछले पांच मैचों में कार्तिक आतिशबाज़ी नहीं दिखा पाए। उनकी बल्लेबाज़ी की विशेषता यह है कि मध्य ओवरों में ख़राब स्ट्राइक रेट के चलते उन्हें सेट होने में समय लगता है और फिर 10 गेंद खेलने के बाद वह 236 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। हालिया मैचों में भारत ने उन्हें अंत तक रोकते हुए सेट होने का पर्याप्त समय नहीं दिया है। पिछले मैच में अक्षर पटेल को उनसे आगे भेजा गया था और शायद टीम को इस रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।

अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।