बारिश से प्रभावित मुक़ाबले के शुरू होने के लिए दर्शकों ने सवा दो घंटे तक इंतज़ार किया था। जब मैच शुरू हुआ तो सभी की निगाहें भारतीय खिलाड़ियों पर थी। लेकिन इस बीच हीरो बनकर शार्दुल ठाकुर निकले जिन्होंने दो विकेट निकाले। हालंकि बाद में टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करते हुए भटक गई लेकिन फिर से उन्हें शार्दुल का साथ मिला। लेकिन हीरो तो संजू सैमसन निकले। तो चलिए देखते हैं इस मैच में किस खिलाड़ी ने कितने रेटिंग अंक हासिल किए।
क्या सही और क्या ग़लत?
भारत के लिए इस मैच में अगर कुछ सही गया है तो वह है अहम खिलाड़ियों के नहीं रहते एक फ़िनिशर की झलक लंबे समय बाद दिखी। सैमसन अपने करियर की मात्र आठवीं वनडे पारी खेल रहे थे और उन्होंने ऐसा खेला कि लखनऊ के दर्शकों में ही नहीं बल्कि भारतीय टीम के हर सदस्य के चेहरे खिल उठे। इसी के साथ शार्दुल ने एक बार फिर टीम को मुश्किल में संभाला। उन्होंने बताया कि वह दबाव भरे मैच के खिलाड़ी हैं।
भारत के लिए अगर इस मैच में कुछ सही नहीं गया तो वह था चार कैच छोड़ना। इतने मौक़े मिलने के बाद साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों ने अंत में खुलकर रन बनाए, जिसका नतीजा 40 ओवर में 249 रन बनकर निकला। इसके अलावा ऋतुराज गायकवाड़, इशान किशन जैसे बल्लेबाज़ अपनी क़ीमत नहीं समझ सके। दोनों के पास टीम में स्थान स्थापित करने का मौक़ा था लेकिन दोनों ही ग़लत शॉट का चयन करके चूक गए।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक) शिखर धवन, 6 : शिखर धवन के लिए बल्लेबाज़ी में दिन ज़रूर सही नहीं गया हो लेकिन कप्तानी में उन्होंने यह अहम अंक जुटाए हैं। धवन ने ठीक समय और सही रणनीति के साथ अपने गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया, यह देखते हुए कि कौन बल्लेबाज़ किस तरह की गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ कमज़ोर है।
शुभमन गिल, 5 : शुभमन गिल के लिए यह मैच भुला देने वाला रहेगा। वनडे प्रारूप में खु़द को स्थापित करने का प्रयास कर रहे गिल इस मैच में अंदर आती गेंद पर बोल्ड हो गए। इससे पहले उन्होंने एक कैच भी छोड़ा था।
ऋतुराज गायकवाड़, 7 : ऋतुराज गायकवाड़ का यह डेब्यू मैच था और वह इसमें सफल नहीं हो सके। शम्सी की अंदर आती लेंथ गेंद पर वह आगे निकलकर मारने गए लेकिन गेंद ज़्यादा टर्न होती हुई लेग स्टंप के बाहर निकल गई और वह स्टंप हो गए। इसके अलावा उन्होंने एक कैच भी टपकाया।
इशान किशन, 6 : कुछ समय तक टीम से बाहर रहने के बाद इशान किशन की इस सीरीज़ में वापसी हुई। ऐसे में उम्मीद थी कि वह इसका भरपूर फ़ायदा उठाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गै़र ज़िम्मेदाराना ढंग से वह महाराज की अंदर आती गेंद पर बाहर निकलकर फ़्लिक करना चाहते थे, लेकिन गेंद उनके ग्लव से लगती हुई लेग स्लिप के हाथों में चली गई।
श्रेयस अय्यर, 9 : अगर इस मैच में किसी को अच्छे नंबर मिलने चाहिए तो श्रेयस अय्यर उनमें से एक हैं। जिस समय भारतीय बल्लेबाज़ टीम को मैच में पिछाड़ रहे थे, उस समय श्रेयस ने 37 गेंद में 50 रन की पारी खेलकर भारत को मैच में बनाए रखा। वह आउट ज़रूर हुए लेकिन नौ अंकों के वह पूरी तरह से हक़दार हैं।
संजू सैमसन, 10 : सैमसन इस मैच के असल हीरो रहे हैं। शुरुआत में वह बल्लेबाज़ी में फंसते दिखे थे लेकिन आख़िरी के पांच ओवरों में सैमसन ने रफ़्तार पकड़ी। 19वें ओवर में अगर भारतीय पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने ख़ुद शॉट खेलने की जल्दी नहीं दिखाई होती तो यह मैच सैमसन आराम से जीता लाते। उनकी 63 गेंद में नाबाद 83 रन की पारी उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की सबसे यादगार पारी के तौर पर गिनी जाएगी।
शार्दुल ठाकुर, 9 : शार्दुल को यूं ही लॉर्ड शार्दुल नहीं कहा जाता है। यह उन्होंने इस मैच में भी साबित करके दिखाया। पहले गेंदबाज़ी में उन्होंने यानेमन मलान और तेम्बा बवूमा के अहम विकेट निकाले। इसके बाद उन्होंने 31 गेंद में 33 रन की पारी खेली, जिसमें सैमसन के साथ छठे विकेट के लिए 93 रनों की साझेदारी भी थी।
आवेश ख़ान, 6.5 : आवेश ख़ान इस मैच में एक भी विकेट लेने में क़ामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने 51 रन दिए। वह बल्लेबाज़ों को परेशान करने में ज़रूर क़ामयाब रहे।
कुलदीप यादव, 7 : अपने घरेलू मैदान पर कुलदीप यादव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। पिच पर से उन्हें घुमाव मिल रहा था। उन्होंने आठ ओवर में 39 रन देकर एडन मारक्रम को बोल्ड किया, जिसमें 2019 विश्व कप में बाबर आज़म के उनके किए बोल्ड की याद दिला दी।
रवि बिश्नोई, 6.5 : रवि बिश्नोई एक लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी नहीं कर पाए। उन्होंने कई गेंदें लेग स्टंप के बाहर डाली, जिसका अंदाज़ा भारत द्वारा की गई 15 वाइड से लगाया जा सकता है। हालांकि डेब्यू पर उनके ख़ाते में क्विंटन डिकॉक का विकेट भी आया जो दो रन से अर्धशतक से चूक गए।
मोहम्मद सिराज, 6 : सिराज को कोई विकेट नहीं मिल पाया लेकिन उन्होंने आज बेहद शानदार गेंदबाज़ी की। उनकी अंदर आती गेंदें और ऑफ़ से बाहर निकलती गेंद बल्लेबाज़ों की समस्या बढ़ा रही थी। मलान उनकी गेंद पर शुरुआत में ही पगबाधा से बच गए थे। हालांकि, सिराज ने एक कैच भी छोड़ा।