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भारत बनाम पाकिस्‍तान, लेकिन वैसा नहीं जैसा हम अक्‍सर जानते हैं

पुरुषों के मुक़ाबले में होने वाले मीडिया उन्‍माद से दूर महिलाओं की प्रतिद्वंद्विता में दिखता है केवल सौहार्द

महिला क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता की परिभाषित छवि?  •  PCB

महिला क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता की परिभाषित छवि?  •  PCB

इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में महिला विश्व कप में बेबी फ़ातिमा की सीमा पार प्रसिद्धि का पल यादगार तस्‍वीरों में से एक था। मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी कप्तान बिस्माह मरूफ़ की नन्ही बेटी के साथ समय बिताया जो दोनों टीमों के बीच प्‍यार, हंसी और सम्‍मान को परिभाषित कर रहा था। यह महिला क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता की एक परिभाषित छवि थी।
बाहर के लोगों को यह न कहने दें कि यह युद्ध है; खिलाड़ियों के बीच संबंध मधुर होते हैं। पाकिस्‍तान की ऑलराउंडर निदा डार भी यह मानती हैं। उन्‍होंने कहा, "मैच एक साइड पर रहता है और दोस्‍ती अपनी जगह पर है।"
दबाव और हर क़ीमत पर जीत की मानसिकता की यहां कोई जगह नहीं है क्‍योंकि पुरुषों की टीमों के मुक़ाबले के जैसे मीडिया महिलाओं के मैच का प्रचार नहीं करती है।
अब इन दोनों के बीच ताज़ा मुक़ाबला रविवार को राष्‍ट्रमंडल खेलों में एजबेस्‍टन में देखने को मिलेगा। भारत और पाकिस्‍तान दोनों ही टीम अपने पहले मुक़ाबले ऑस्‍ट्रेलिया और बारबेडोस से हारकर आ रही हैं, जिससे दोनों ही टीमों पर दबाव होगा। फिर भी खिलाड़ी जानते हैं कि उनका वर्तमान स्वरूप कैसा भी हो, वे स्टार बनने से एक प्रदर्शन दूर हैं।
यक़ीन नहीं आता तो पूछिए नैन अबिदी से, जो महिला वनडे में पाकिस्‍तान की ओर से शतक लगाने वाली पहली खिलाड़ी हैं और 2010 एशियन गेम्‍स में गोल्‍ड जीतने वाली टीम का हिस्‍सा भी। वह दो बार उस टीम का हिस्‍सा रही हैं जब पाकिस्‍तान ने टी20 विश्‍व कप में भारत को हराया है। दोनों ही मुक़ाबले बेहद नज़दीकी रहे थे।
2012 गॉल में, पाकिस्‍तान ने भारत को एक रन से हराया था और टूर्नामेंट के इतिहास में अपनी पहली जीत दर्ज की थी। इसी के साथ यह पहला मौक़ा था जब पाकिस्‍तान की पुरुष या महिला टीम ने विश्‍व कप में पहली बार भारत को हराया था। इसके बाद 2016 में 7000 दर्शकों के बीच बारिश से प्रभावित मैच में पाकिस्‍तान ने दो रनों से जीत डीएलएस से दर्ज की थी।
अबिदी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप अपने दिमाग़ को यह सोचने के लिए कैसे संभालते हैं कि यह सिर्फ़ एक साधारण मैच है, प्रचार से ख़ुद को दूर रख पाना मुश्किल है। भूल जाइए लोग क्‍या सोचते हैं। आपके ख़ुद के परिवार वाले कई बार आप पर दबाव बना देते हैं। मुझे याद है दिल्‍ली वाले मैच से पहले बहुत सारे परिवार के सदस्‍यों ने मुझे शुभकामनाएं दी थीं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैच जीतने के बाद पीसीबी ने हमारे लिए पुरस्‍कार की घोषणा की। हम जिस दफ़्तर के लिए खेलते हैं उन्‍होंने बोनस दिए। न्‍यूज़ चैनल हमारे घर के दरवाज़ों पर थे। यह वास्तविक था, इस हद तक कि इसने हमें आश्चर्यचकित कर दिया कि कहीं हम विश्‍व कप तो नहीं जीत गए। भारत पर जीत कितनी बड़ी है। यह आपको तुरंत स्टार बना सकता है।"
अबिदी इस बार इस प्रचार से बहुत दूर है, उन्‍होंने आख़‍ि़‍री बार पाकिस्तान के लिए संयोग से भारत के ख़‍िलाफ़ 2018 में एशिया कप में खेला था। मां बनने के बाद से अबिदी अमेरिका में रहती है, लेकिन वह यह मैच देखने के लिए सुबह छह बजे टीवी से जुड़ जाएंगी।
पूर्व भारतीय बल्‍लेबाज़ वीआर वनिता को आज भी उस दिल्‍ली मैच के उस दबाव और प्रचार का याद है, लेकिन खिलाड़ि‍यों के बीच माहौल सौहार्द का था।
"मुझे याद है कि मैं ख़ुद को यह कहकर मना रही थी कि यह सिर्फ़ एक मैच है और मेरे दिमाग़ को इस तरह सोचने के लिए कैसे प्रशिक्षित किया जा सकता है, लेकिन उस दिन, जिस समय मैं स्टेडियम में पहुंची और अपने ईयरफोन उतारे, मैंने सोचा, 'वाह, यहां क्या हो रहा है?' प्रचार, ऊर्जा, सब कुछ बहुत अलग़ था। इसने आपको तुरंत प्रभावित किया।"
भारत के लिए हार झेलना थोड़ा मुश्किल था लेकिन दो दिन बाद दोनों टीम एक चैरेटी इवेंट में गई थी और बाद में एक फै़शन शो में दोनों टीम की खिलाड़‍ियों ने रैंप वॉक किया था। पाकिस्‍तान टीम को आगे की लाइन में सीट दी गई थी। एक ऐसा भी समय था जब 2013 में सिक्‍यो‍रिटी को देखते हुए कटक में उन्‍हें 50 ओवर विश्‍व कप में स्‍टेडियम के अंदर ही रूकवाया गया था।
वनिता ने याद करते हुए कहा, "अगले दिन ब्रेकफ़ास्‍ट टेबल पर हमने साथ में खाना खाया। आपको विश्‍वास नहीं होगा कि यह वही टीम थी जिससे हम पिछले दिन हारे थे। हमने मुश्किल से क्रिकेट पर बात की, लेकिन जब हम अलग़ हुए तो एक दूसरे को टूर्नामेंट में आगे के लिए शुभकामनाएं दी। मुझे किसी तरह की दुश्मनी का कोई उदाहरण याद नहीं है। हां, दोस्ताना मज़ाक था, लेकिन यह हमेशा सौहार्दपूर्ण था।"
2017 विश्‍व कप के दौरान डर्बी में तेज़ गेंदबाज़ कायनात इम्तियाज़ शांत होकर अपनी प्रेरणास्‍त्रोत झूलन गोस्‍वामी से सलाह ले रही थी। 2006 में इम्तियाज़ पाकिस्‍तान में हुए एशिया कप के दौरान बॉल गर्ल थी, जहां उन्‍होंने झूलन को गेंद डालते देखा और उन्‍हें अपना प्रेरणास्‍त्रोत बना लिया।
झूलन ने इसके बाद कहा था, "मैं कह सकती हूं कि मैंने दुनिया में एक लड़की को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा तो दी है और वह लड़की पाकिस्‍तान से है। यह मेरे लिए बड़ी बात है।"
2019 में जब हरमनप्रीत कौर को महिला बीबीएल बीच में छोड़ना पड़ा तो उनकी जगह डार को ही चुना गया था। वह इस टूर्नामेंट में खेलने वाली पहली महिला पाकिस्‍तानी खि‍लाड़ी बनी थी और तब उन्‍होंंने बॉर्डर पार की अपनी पंजाबी दोस्‍त से सलाह लेने में थोड़ी भी देर नहीं की।"
फिर भी मैदान के बाहर सभी दोस्ताना बातचीत के बावजूद खिलाड़ी मैदान पर भयंकर प्रतिद्वंद्वी हैं। इसे समझने के लिए आपको बस इस साल की शुरुआत में विश्व कप में हरमनप्रीत का विकेट लेने पर डार की प्रतिक्रिया देखने की ज़रूरत थी।
संक्षेप यह है कि क्रिकेट में सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता महिला टीमों के बीच कैसी होती है। खिलाड़ी इस क्षेत्र की राजनीति से अवगत हैं, जो समय-समय पर दोनों पक्षों के सामने आता है लेकिन उनके पास इससे परेशान नहीं होने का दृढ़ संकल्प है। और जबकि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय सीरीज़ में एक-दूसरे से नहीं खेल सकते हैं, हर अवसर जो उन्हें एक-दूसरे के ख़‍िलाफ़ खड़ा करता है वह केवल मैदान के बाहर गर्मजोशी और सौहार्द की एक नई परत जोड़ता है।
रविवार को इस दोस्‍ताना प्रतिद्वंद्विता का एक और चैप्‍टर जुड़ेगा। प्रतियोगिता का महत्व यह है कि एक जीत एक ऐतिहासिक पदक के लिए कदम बढ़ाने में स्प्रिंगबोर्ड हो सकती है, एक हार का मतलब राष्ट्रमंडल खेलों से जल्दी बाहर होना हो सकता है।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।