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ईडन गार्डेन्स की परिस्थितियां भारत और साउथ अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों को दे सकती हैं धार

पिच तीसरे दिन से टर्न प्राप्त करना शुरू कर सकती है, हालांकि दोनों टीमें शुरुआती दिनों की परिस्थितियों का लाभ उठाने का प्रयास करेंगी जहां नई गेंद को स्विंग प्राप्त होती है

Jasprit Bumrah with Mohammed Siraj after getting rid of Johann Layne, India vs West Indies, 1st Test, Ahmedabad, 1st day, October 2, 2025

शुरुआती दिनों में पिच तेज़ गेंदबाज़ों को मददगार हो सकती है  •  Associated Press

भारतीय परिस्थिति में टेस्ट मैच खेले जाने से पहले क्यूरेटर से यह नहीं पूछा जाता कि पिच में टर्न मिलेगी या नहीं बल्कि अमूमन सवाल यह होता है कि पिच कब से स्पिन करना शुरू करेगी क्योंकि भारत में अधिकांश पिचों पर स्पिन को मदद मिलना तय होता है।
यह कथन ईडन गार्डेन्स के लिए भी सही हो सकता है जहां पहले टेस्ट के लिए भारत और साउथ अफ़्रीका दोनों ही तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फ़ैसला ले सकती हैं।
शहर के मौसम को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि पिच में तीसरे दिन या उसके बाद स्पिन को मदद मिलना शुरू हो सकता है। यह एक क्लासिकल ईडन गार्डेन्स की पिच हो सकती है जहां पहली पारी में बड़े स्कोर बनते हैं, जिसका मतलब है कि न सिर्फ़ स्पिनरों बल्कि तेज़ गेंदबाज़ों को भी यहां मेहनत करनी पड़ सकती है।
भारत के सहायक कोच रायन टेन डशकाटे ने बुधवार को कहा, "मुझे लगता है कि यह एक अच्छी विकेट है और बाद में स्पिन को मदद करना शुरू करेगी। तो निश्चित तौर पर यहां सिर्फ़ स्पिन का बोलबाला नहीं होगा। बल्लेबाज़ों को भी शुरुआती दिनों में सतर्कता के साथ बल्लेबाज़ी करनी होगी क्योंकि दोनों टीमों के पास काफ़ी अच्छे तेज़ गेंदबाज़ हैं। तो दोनों टीमों के सामने बड़ी चुनौती यह होगी कि हम कौन से संयोजन के साथ मैदान में उतरें।"
"लेकिन निश्चित तौर पर शुरुआती दिनों में हम सफलता के लिए अपने तेज़ गेंदबाज़ों पर निर्भर होंगे। और मुझे लगता है कि एक अच्छे टेस्ट विकेट से आप यही उम्मीद करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि इस पिच पर आगे चलकर स्पिन के लिए काफ़ी मदद होगी।"
इतिहास बताता है कि ईडन गार्डेन्स भारत में तेज़ गेंदबाज़ों के लिए सबसे मुफ़ीद वेन्यू रहा है। 2010 के बाद से कम से कम पांच टेस्ट मैचों की मेज़बानी करने वाले भारतीय मैदानों में सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ी औसत (27.44) और स्ट्राइक रेट (47.1) इसी मैदान का रहा है। तेज़ गेंदबाज़ों ने इस दौरान यहां प्रति टेस्ट 19.14 विकेट हासिल किए हैं जबकि दूसरे स्थान पर मोहाली है जहां प्रति टेस्ट तेज़ गेंदबाज़ों ने 13.80 विकेट लिए हैं।
साउथ अफ़्रीका के मुख्य कोच शुक्री कॉनराड ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत में हर कोई स्पिन की बात करता है लेकिन दोनों दलों के पास विश्व स्तरीय तेज़ गेंदबाज़ हैं। और अग़र इतिहास देखा जाए तो ईडन गार्डेन्स पर हमेशा तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मदद होती है। तो मुझे लगता है कि दोनों टीमों की ओर से तेज़ गेंदबाज़ इस मुक़ाबले में अपना असर छोड़ेंगे।"
"निश्चित तौर पर इस एक टेस्ट मैच में कई भिड़ंत होंगी। आप (जसप्रीत) बुमराह, (कगिसो) रबाडा, (मोहम्मद) सिराज की बात कर रहे हैं और फिर स्पिनर्स भी हैं। तो मुझे लगता है कि यह एक रोचक मुक़ाबला होगा।"
इस बार साउथ अफ़्रीका की टीम अलग नज़र आ रही है, स्पिन और तेज़ गेंदबाज़ी दोनों ही विभाग में गहराई नज़र आ रही है। रबाडा, केशव महाराज और साइमन हार्मर तीनों ही पिछले भारतीय दौरों के अनुभव के साथ मैदान में उतरेंगे।
इस वजह से साउथ अफ़्रीका एक ख़तरनाक विपक्षी टीम साबित हो सकता है और भारत को भी इस बात का ध्यान रखना होगा क्योंकि पिछले साल न्यूज़ीलैंड के हाथों मिली 3-0 की हार के ज़ख्म अभी तक भरे नहीं हैं। अग़र फ़ॉर्म और क़िस्मत साथ देती है तो यह कांटे के टक्कर की सीरीज़ हो सकती है। और उनके दृष्टिकोण से शुरुआत के लिए कोलकाता से बेहतर कोई वेन्यू नहीं हो सकता।

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo के सहायक एडिटर हैं।