एक और कमाल की पारी में शिथिल कोहली में कोई बेताबी नहीं
रविवार को उन्होंने एक बार फिर दिखाया कि वह वनडे के एक ऐसे एंकर हैं जो डेथ ओवरों में पारी को तेज़ी से बढ़ा सकते हैं
हेमंत बराड़
16-Jan-2023
श्रीलंका के पूर्व ऑलराउंडर फ़रवीज़ महारूफ़ ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के शो मैच डे पर कहा, "यदि लियोनेल मेसी फ़ुटबॉल के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं तो मेरे लिए विराट कोहली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।"
अकेले खेलों को छोड़ दें तो सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ की बहस किसी भी क्षेत्र में एक अच्छा अभ्यास है। हक़ीक़त में, हर महान खिलाड़ी पिछले महान खिलाड़ी के कंधों पर खड़ा है। चाहे मेसी डिएगो माराडोना के या मैगनस कार्लसन, गैरी कासपरोव के या कोहली, सचिन तेंदुलकर के। शायद, "दुनिया में सर्वश्रेष्ठ" एक अधिक उपयुक्त प्रशंसा है।
हालांकि, कोहली ने हाल में स्वीकार किया कि वह कुछ भी साबित नहीं करना चाहते। उनके ख़ुद के शब्दों में वह हर मैच को अपने आख़िरी मैच की तरह से खेलते हैं और इसको लेकर दुख़ी नहीं बल्कि ख़ुश हैं।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ तिरुवनंतपुरम में उन्होंने अपनी पिछली चार वनडे पारियों में तीसरा वनडे शतक लगाया, लेकिन यह उनका अपना ही तरीक़ी है। पिछले महीने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ इस कड़ी में पहला शतक लगाने के बाद टेस्ट सीरीज़ थी और कोहली ने स्वीकार किया था कि चीज़ें उनकी उम्मीदों के अनुसार नहीं गई थीं।
फिर श्रीलंका के ख़िलाफ़ पहले वनडे में उन्होंने एक और शतक लगाया। यह आक्रामक पारी थी। इससे पहले 52 और 81 के स्कोर पर उनका कैच छूटा।
लेकिन रविवार को उनकी 110 गेंद में 166 रनों की नाबाद पारी पूरी तरह से दोष मुक्त थी। वह उतने ही शानदार थे जितना वह हमेशा रहे हैं। वह केवल इस पारी में 82 रनों पर तब आउट होने के क़रीब पहुंचे जब उन्होंने लहिरू कुमारा पर लॉन्ग ऑन पर चिप शॉट खेलना चाहा। फ़ील्डर बाउंड्री लाइन के थोड़ा अंदर था और उनकी कूदने के बाद भी गेंद छक्के के लिए चली गई।
कोहली ने 48 गेंद में अर्धशतक लगाया और अगली 37 गेंद में उन्होंने वनडे का अपना 46वां शतक लगाया। इस साल के अंत तक हो सकता है कि वह 50 शतक लगा दें और तेंदुलकर के 49 वनडे शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दें।
आधुनिक टी20 टीम में एंकर के लिए कोई जगह शायद नहीं है। वनडे में ऐसा है और कम से कम अभी तो है।
टी20 पारी से वनडे पारी बहुत बड़ी होती है। एंकर एक छोर अंत तक संभाले रह सकता है और पावर हिटर्स को अपना खेल खेलने दे सकता है।
और यदि एंकर कोहली हैं जो डेथ ओवरों में पारी की गति को बढ़ा सकते हैं जैसा उन्होंने तिरुवनंतपुरम में किया तो वह अपरिहार्य बन जाते हैं।
2022 एशिया कप से पहले कोहली तीन साल तक एक भी शतक नहीं लगा पाए थे। कोहली के अनुसार इंग्लैंड के दौरे के बाद से एशिया कप शुरू होने तक उनके 42 दिनों के क्रिकेट से आराम से उन्हें मानसिक तौर पर आराम मिला और उनकी मौजूदा फ़ॉर्म उसी के कारण है।
रविवार की पारी के बाद उन्होंने कहा, "जब से मैं लंबे ब्रेक के बाद वापस लौटा हूं तो मैं अपने खेल के बारे में अच्छा महसूस करता हूं। अब मेरे अंदर किसी भी माइलस्टोन तक पहुंचने की कोई बेताबी नहीं है। मेरे लिए यह है कि मैं अपनी बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ ले रहा हूं और जितना हो सके टीम की मदद कर रहा हूं। और मैं बस ख़ुश हूं कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं और उस स्थान पर रहना जारी रख पा रहा हूं जहां मैं आराम से हूं। मैं अपने खेल से संतुष्ट हूं और मेरे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है।
कोहली ने आगे कहा, "आज भी मैं वहां जाकर बल्लेबाज़ी करके खु़श था, मैं जितना लंबा हो सके बल्लेबाज़ी करने की सोच रहा था। इस दिमाग़ के साथ मैंने सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट के साथ समाप्त किया। जब भी मैं बेताबी दिखाता हूं तो चीज़ें मेरे से दूर हो रही थींं।"
"मैं अभी अच्छा महसूस कर रहा हूं और इसी के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं। ऐसा ही कि मैं हमेशा अच्छा महसूस करता रहूं। मैं इसी अहसास को फ़ॉलो करना चाहता हूं और किसी चीज़ के लिए लड़ना नहीं चाहता।"
अकेले खेलों को छोड़ दें तो सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ की बहस किसी भी क्षेत्र में एक अच्छा अभ्यास है। हक़ीक़त में, हर महान खिलाड़ी पिछले महान खिलाड़ी के कंधों पर खड़ा है। चाहे मेसी डिएगो माराडोना के या मैगनस कार्लसन, गैरी कासपरोव के या कोहली, सचिन तेंदुलकर के। शायद, "दुनिया में सर्वश्रेष्ठ" एक अधिक उपयुक्त प्रशंसा है।
हालांकि, कोहली ने हाल में स्वीकार किया कि वह कुछ भी साबित नहीं करना चाहते। उनके ख़ुद के शब्दों में वह हर मैच को अपने आख़िरी मैच की तरह से खेलते हैं और इसको लेकर दुख़ी नहीं बल्कि ख़ुश हैं।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ तिरुवनंतपुरम में उन्होंने अपनी पिछली चार वनडे पारियों में तीसरा वनडे शतक लगाया, लेकिन यह उनका अपना ही तरीक़ी है। पिछले महीने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ इस कड़ी में पहला शतक लगाने के बाद टेस्ट सीरीज़ थी और कोहली ने स्वीकार किया था कि चीज़ें उनकी उम्मीदों के अनुसार नहीं गई थीं।
फिर श्रीलंका के ख़िलाफ़ पहले वनडे में उन्होंने एक और शतक लगाया। यह आक्रामक पारी थी। इससे पहले 52 और 81 के स्कोर पर उनका कैच छूटा।
लेकिन रविवार को उनकी 110 गेंद में 166 रनों की नाबाद पारी पूरी तरह से दोष मुक्त थी। वह उतने ही शानदार थे जितना वह हमेशा रहे हैं। वह केवल इस पारी में 82 रनों पर तब आउट होने के क़रीब पहुंचे जब उन्होंने लहिरू कुमारा पर लॉन्ग ऑन पर चिप शॉट खेलना चाहा। फ़ील्डर बाउंड्री लाइन के थोड़ा अंदर था और उनकी कूदने के बाद भी गेंद छक्के के लिए चली गई।
कोहली ने 48 गेंद में अर्धशतक लगाया और अगली 37 गेंद में उन्होंने वनडे का अपना 46वां शतक लगाया। इस साल के अंत तक हो सकता है कि वह 50 शतक लगा दें और तेंदुलकर के 49 वनडे शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दें।
आधुनिक टी20 टीम में एंकर के लिए कोई जगह शायद नहीं है। वनडे में ऐसा है और कम से कम अभी तो है।
टी20 पारी से वनडे पारी बहुत बड़ी होती है। एंकर एक छोर अंत तक संभाले रह सकता है और पावर हिटर्स को अपना खेल खेलने दे सकता है।
और यदि एंकर कोहली हैं जो डेथ ओवरों में पारी की गति को बढ़ा सकते हैं जैसा उन्होंने तिरुवनंतपुरम में किया तो वह अपरिहार्य बन जाते हैं।
2022 एशिया कप से पहले कोहली तीन साल तक एक भी शतक नहीं लगा पाए थे। कोहली के अनुसार इंग्लैंड के दौरे के बाद से एशिया कप शुरू होने तक उनके 42 दिनों के क्रिकेट से आराम से उन्हें मानसिक तौर पर आराम मिला और उनकी मौजूदा फ़ॉर्म उसी के कारण है।
रविवार की पारी के बाद उन्होंने कहा, "जब से मैं लंबे ब्रेक के बाद वापस लौटा हूं तो मैं अपने खेल के बारे में अच्छा महसूस करता हूं। अब मेरे अंदर किसी भी माइलस्टोन तक पहुंचने की कोई बेताबी नहीं है। मेरे लिए यह है कि मैं अपनी बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ ले रहा हूं और जितना हो सके टीम की मदद कर रहा हूं। और मैं बस ख़ुश हूं कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं और उस स्थान पर रहना जारी रख पा रहा हूं जहां मैं आराम से हूं। मैं अपने खेल से संतुष्ट हूं और मेरे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है।
कोहली ने आगे कहा, "आज भी मैं वहां जाकर बल्लेबाज़ी करके खु़श था, मैं जितना लंबा हो सके बल्लेबाज़ी करने की सोच रहा था। इस दिमाग़ के साथ मैंने सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट के साथ समाप्त किया। जब भी मैं बेताबी दिखाता हूं तो चीज़ें मेरे से दूर हो रही थींं।"
"मैं अभी अच्छा महसूस कर रहा हूं और इसी के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं। ऐसा ही कि मैं हमेशा अच्छा महसूस करता रहूं। मैं इसी अहसास को फ़ॉलो करना चाहता हूं और किसी चीज़ के लिए लड़ना नहीं चाहता।"
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।