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हमारे पास कुछ कमाल कर दिखाने का बढ़िया अवसर है : विक्रम सोलंकी

गुजरात टाइटंस के निदेशक ने अपने पहले सीज़न, टीम के सूरमा और फ़्रैंचाइज़ी की विचारधारा के बारे में बताया

Vikram Solanki and Hardik Pandya thrash out their plans, Gujarat Titans vs Punjab Kings, IPL 2022, DY Patil Stadium, Mumbai, May 3, 2022

विक्रम सोलंकी के अनुसार हार्दिक पंड्या के पास विजेताओं वाला संतुलन है  •  BCCI

अपना पहला आईपीएल सीज़न खेल रही गुजरात टाइटंस का सफ़र शानदार रहा है। लीग चरण में शीर्ष स्थान पर रहने के बाद पहला क्वालीफ़ायर जीतकर उन्होंने फ़ाइनल में प्रवेश किया। यहां गुजरात टाइटंस के टीम निदेशक विक्रम सोलंकी ने इस पूरे अनुभव के विषय में ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात की।
आईपीएल में गुजरात की पहली गेंद एक अद्भुत पल था। क्या आपको वह याद है?
बिल्कुल, ऐसा लगता है कि काफ़ी समय बीत चुका है लेकिन अगर आप मेरी बात पर गौर करेंगे तो मुझे ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ। इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती, है ना? टूर्नामेंट की पहली गेंद, नई टीम के लिए पहली गेंद और मोहम्मद शमी ने कमाल कर दिया। वह एक बेहतरीन गेंद थी और केएल राहुल बाहरी किनारा लगाकर चलते बने। शमी अपनी कला पर भरोसा करते हैं और प्रारूप को देखे बिना बल्लेबाज़ के डिफ़ेंस की परीक्षा लेते हैं।
आप ने उस मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स को हराया। राहुल तेवतिया उस मैच के मुख्य बल्लेबाज़ बनकर उभरे जिन्होंने दर्शाया कि अब उनके ऑफ़ साइड के खेल में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा था कि वह मैच को अंत तक लेकर जाने के तैयार थे। साथ ही उन्हें अभिनव मनोहर पर विश्वास था और उन्होंने रवि बिश्नोई को आड़े हाथों लिया था।
आपने दो खिलाड़ियों का नाम लिया है जो इस सीज़न में हमारे बड़े सितारे बनकर उभरे हैं - डेविड मिलर और राहुल तेवतिया। वह दोनों ऐसे स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हैं जहां आपको एक अलग मानसिकता की आवश्यकता होती है। दोनों खिलाड़ियों के पास आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है। राहुल (तेवतिया) उस मैच में दबाव की स्थिति में रहने के बाद भी ठंडे दिमाग़ से खेल रहे थे और मिलर उनका साथ दे रहे थे। जिस तरह उन्होंने एक नए खिलाड़ी अभिनव पर विश्वास जताया, वह हमारी टीम की संस्कृति और वातावरण के बारे में बहुत कुछ कहता है।
तेवतिया की बल्लेबाज़ी में 2021 के मुक़ाबले एक बड़ा बदलाव आया है, वह है ऑफ़ साइड पर उनका खेल। क्या नीलामी के दौरान आप इस विषय पर सोच विचार कर रहे थे?
अगर आप मुझे संक्षेप में हमारे पहले सीज़न का वर्णन करने को कहेंगे तो मैं कहूंगा कि हमने बहुत मेहनत की है और हम चुनौती स्वीकार करने को तैयार हैं, फिर चाहे वह अभ्यास में हो या मैच के दौरान। हमने चतुराई भरी क्रिकेट खेलने का प्रयास किया है लेकिन हमें पता है कि हर कोई ग़लतियां करता है। कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता अगर हम किसी चीज़ को सही से अंजाम नहीं दे पाते हैं। बात यह है कि आपको ग़लतियां करने और विफल होने के डर को घर नहीं करने देना चाहिए। मुश्किल स्थितियों में हम इन्हीं दो बातों को ध्यान में रखकर आगे बढ़े हैं।
जहां बात तेवतिया की आती है, मैं अभ्यास के दौरान उनकी प्रक्रिया का बड़ा समर्थक हूं। वह अभ्यास के दौरान भी एक दमदार खिलाड़ी हैं। अगर आप हमारे नेट सत्र देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि वह हर बार साथी खिलाड़ियों के साथ मुक़ाबला करते रहते हैं। जो बात आपने ऑफ़ साइड खेल में हुए बदलाव की की, सारा श्रेय उन्हें जाता है।

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अंतिम ओवर में मैच को ख़त्म करने की आदत सी हो गई है आपकी टीम को। लक्ष्य का पीछा करते हुए आपने सात बार जीत दर्ज की और केवल एक मौक़े पर आप अंतिम ओवर में मैच नहीं जीत पाए। तीन मैच में अंतिम चार ओवर में जीत के लिए 50 से ज़्यादा रनों की आवश्कता थी। भरोसा रखना ज़रूरी है लेकिन साथ ही मुझे लगा कि गुजरात के बल्लेबाज़ों ने दबाव में ठंडे दिमाग़ से काम लिया और होश का इस्तेमाल किया। क्या आप इस बात से सहमत हैं?
मैं एक और चीज़ जोड़ना चाहूंगा कि ऐसी स्थिति में आपको ऐसे खिलाड़ी चाहिए होते हैं जो कठिन मौक़ों पर हाथ खड़ा करने को तैयार हो। वह अभ्यास में ख़ुद को दबाव वाली स्थिति में डालते हैं ताकि मैच में उन्हें आसानी हो। यह साफ़ तौर पर दर्शाता है कि तेवतिया किस तरह अपने काम को अंजाम देते हैं : वह अभ्यास के दौरान ख़ुद को दबाव में डालते हैं ताकि मैच में वह अपना काम पूरा कर पाएं।
क्या राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध मिली पिछली जीत इसका अच्छा उदाहरण है?
आप इस सीज़न में कई सारे मैच निकालकर देख सकते हैं जहां इस प्रकार की मुश्किल स्थिति उत्पन्न हुई है और किसी एक खिलाड़ी ने हाथ खड़ा किया है। आप राशिद ख़ान की पारियां देख लीजिए, मिलर ने हमें जीत दिलाई है। पुणे में लखनऊ के विरुद्ध दूसरे मुक़ाबले की तरह कई मौक़ों पर गेंद के साथ भी हमने दबाव वाली स्थिति में अच्छा किया हैं। शुभमन गिल उस मैच में चमके थे। उन्होंने अपने फ़ैसले पर विश्वास जताया, पिच को पढ़ा और उस हिसाब से बल्लेबाज़ी की। इसी वजह से वह एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल हुए।
टी20 मैचों में स्ट्राइक रेट का बहुत हल्ला होता है लेकिन शुभमन उस दिन पिच का आकलन कर पाए और दूसरे छोर पर गिरते विकेटों के बीच उन्होंने ज़रूरत के अनुसार बल्लेबाज़ी की। हमने एक अच्छा स्कोर खड़ा किया और उसका सफलतापूर्वक तरीक़े से बचाव भी किया। यही बात सही है कि वह बचाव करने के लिए एक आसान स्कोर नहीं था लेकिन जिस अंदाज़ से गेंदबाज़ों ने अपना काम किया, यह एक बार फिर दर्शाता है कि दबाव वाली स्थिति में ख़ुद पर और अपनी तकनीक पर भरोसा करते हुए आप मैच को अपने नाम कर सकते हैं।
डेविड मिलर ने इस मानसिकता का परिचय दिया है। उनके पास अपार अनुभव है लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्हें खेलने के मौक़े नहीं मिल रहे थे। क्यों आपने उन्हें ख़रीदने का निर्णय लिया?
जैसा कि मैंने पहले कहा यह एक मुश्किल भूमिका है। मैं किसी भी तरह शीर्ष क्रम की भूमिका को कम नहीं आंक रहा, शीर्ष क्रम के खिलाड़ी अपने दम पर मैच का रुख़ पलट सकते हैं। मेरे अनुसार सबसे कठिन और दबाव वाला काम है मध्य और निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों का। उन्हें मैच की स्थिति को समझकर, चतुराई के साथ स्कोर को आगे बढ़ाना पड़ता है। उन्हें बहादुरी दिखाते हुए महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने होते हैं। मैं यह तक कहूंगा कि यह छोटे प्रारूप में बल्लेबाज़ी की सबसे मुश्किल चुनौती है।
मिलर के पीछे जाने का हमारा तर्क यह था कि हमें उनकी क्षमताओं पर पूरा विश्वास था। उन्होंने कई बार इसका परिचय दिया हैं। हमें ऐसा लगा कि शायद उन्हें निरंतरता के साथ मौक़े नहीं मिले जो इन स्थानों के लिए सबसे आवश्यक है। इन खिलाड़ियों को लगातार खेलने के मौक़े मिलने चाहिए और वह आत्मविश्वास दिया जाना चाहिए कि वह सब कुछ कर सकते हैं। इन बातों के आधार पर हमने नीलामी में मिलर को ख़रीदने का फ़ैसला किया।
क्या मिलर गुजरात के आंद्रे रसल हैं और क्या उनके क्रीज़ पर होने से आपको सुरक्षित महसूस होता है?
मिलर गुजरात टाइटंस के डेविड मिलर हैं। दूसरे खिलाड़ियों ने भी अपना योगदान दिया है। बेशक़ मिलर ने कई मैचों में हमारी नैय्या पार लगाई हैं और टीम को उनके क्रीज़ पर होने से काफ़ी आत्मविश्वास मिलता है। हार्दिक पंड्या भी एक कमाल के बल्लेबाज़ और फ़िनिशर हैं। वह एक चैंपियन खिलाड़ी हैं और उन्होंने इस टीम का नेतृत्व किया है। उनके खेलने का अंदाज़ टीम के खेलने के अंदाज़ में निखरकर आता है। जब इनमें से कोई भी बल्लेबाज़ क्रीज़ पर होता है, हम निश्चिंत रहते हैं।

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इस सीज़न में हार्दिक ने अंतिम चार ओवरों में केवल 152.54 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं जो इस दौर में उनके लिए किसी भी सीज़न में तीसरा सबसे कम स्ट्राइक रेट है। साथ ही इस दौरान उन्होंने केवल दो छक्के लगाए हैं। क्या उन्हें मिडिल ऑर्डर में खिलाने की कोई विशेष रणनीति बनाई गई है?
शुरुआती मैचों में हार्दिक ने अच्छा फ़ॉर्म दिखाया और हमारी पारी को बांधकर रखा। टी20 क्रिकेट में बतौर बल्लेबाज़ आप इस तरह के उतार-चढ़ावों से गुज़रते रहते हैं। जहां तक हार्दिक और उनके स्ट्राइक रेट का सवाल है, हमने उन्हें यह स्वतंत्रता दी है कि आप किसी भी स्थिति का आकलन करने के बाद अपनी समझ के अनुसार फ़ैसला लें और अपनी भूमिका निभाएं। हम ज़रूर इस बारे में बातचीत करेंगे। हार्दिक ने ठीक वही किया हैं।
पहले क्वालीफ़ायर में उनकी पारी को ले लीजिए, ज़्यादातर समय किसी भी साझेदारी में उनका बड़ा योगदान होता है, लेकिन उन्होंने पढ़ा कि मिलर अच्छा कर रहे थे। उन्हें केवल यह सुनिश्चित करना था कि साझेदारी अंत तक जाए और उन्होंने टीम की ज़रूरत के अनुसार एक सही पारी खेली। उन्होंने टीम का नेतृत्व अच्छे तरीक़े से किया हैं और सही फ़ैसले लिए हैं।
उनका धैर्य उभरकर सामने आया है। एक मैच में अपनी भावनाओं को प्रकट करने के अलावा हार्दिक हमेशा सब कुछ नियंत्रित रखते हैं। पहले मैच से लेकर 15वें मैच तक, बतौर कप्तान उन्होंने क्या बेहतर किया हैं?
यह सवाल हार्दिक से पूछा जाना चाहिए। मेरे लिए शुरुआत से ही यह बात साफ़ थी, ठीक उस पल से जब हमने पहली बार उनसे कप्तानी को लेकर बात की थी। वह बहुत उत्साहित थे। वह खेल को लेकर काफ़ी उत्साहित रहते हैं और एक मनोरंजक अंदाज़ में खेलते हैं। साथ ही वह लड़ाई के लिए तैयार रहते हैं। वह अपना समय और अपना अनुभव बांटकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दे रहे हैं और उन्हें निडर होकर खेलने के लिए कह रहे हैं। उनमें विजेताओं वाला संतुलन है। एक क्रिकेटर और व्यक्ति के रूप में उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है और इसका इस्तेमाल वह अपनी कप्तानी में करते हैं। मुझे ख़ुशी है क्योंकि वह अच्छा करना चाहते थे। वह एक अच्छे इंसान भी हैं जो उन्हें अच्छा कप्तान बनने में मदद करता है।
जहां तक बात भावनाओं की है तो मैदान के बाहर खिलाड़ियों के परिजन और कोच हमेशा जोश में रहते हैं। क्या आपको उन्हें शांत रहने को कहना पड़ता है?
आप ऐसा क्यों करेंगे? भावुक होना अच्छी बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि आपको टीम की फ़िक्र है। यह समूह एक-दूसरे की, टीम की और सभी के परिवार की फ़िक्र करता है। हमारे लिए यह बबल एक रोचक समय रहा है। चुनौतियों के साथ-साथ इसके कई फ़ायदे भी हैं।
शायद इसी वजह से टीम इस तरह एकजुट हो पाई?
तुलना करने वाली कोई बात नहीं है लेकिन मुझे ऐसा लगता है। मैं सोचता हूं कि अगर बबल ना हो तो कहीं ना कहीं सारे खिलाड़ी इसकी अच्छी बातों को याद करेंगे।

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आपको पता होगा कि लीग चरण में पहले पायदान पर रहने वाली टीमों ने पिछले 14 सालों में चार बार ख़िताब अपने नाम किया है। किस चीज़ से आपको कुछ बड़ा करने का आत्मविश्वास मिल रहा है?
मुझे यह बात नहीं पता थी, धन्यवाद। हम अपने खेलने के अंदाज़ और अपने अभ्यास के कारण उत्साहित हैं। मैं उन्हीं बातों को दोहराऊंगा कि हमने आज अभ्यास में बहुत मेहनत की, हम कल भी मेहनत करेंगे और चतुराई भरी क्रिकेट खेलेंगे। जब बात मैच की आती है, हम पहले भी दबाव में रहे हैं और वहां से जीते हैं। यह हमारा पहला फ़ाइनल है और हमारे पास कुछ कमाल कर दिखाने का मौक़ा है। हालांकि एक हद तक हमने अब तक जो कुछ हासिल किया है वह सराहनीय है। मैं इस फ़्रैंचाइज़ी से जुड़े सभी लोगों को बधाई देना चाहूंगा। केवल इस साल ही नहीं बल्कि आने वाले समय में भी एक टीम के रूप में हमें बहुत कुछ हासिल करना है। हमारे लिए यह केवल अगला क़दम होगा।
आंकड़े संपत बंडारुपल्ली द्वारा

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।