राजस्थान रॉयल्स के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाए रखा। किसी आईपीएल सीज़न में दूसरे सर्वाधिक रन बनाते हुए उन्होंने चार शतक जड़े। इस दौरान उनके बल्ले से 45 छक्के निकले। उन्होंने स्थिति का आकलन करते हुए सूझबूझ के साथ बल्लेबाज़ों पर निशाना साधा और ऑरेंज कैप अपने नाम की। दूसरे क्वालीफ़ायर में दमदार शतक जड़ते हुए उन्होंने राजस्थान को 2008 के बाद पहली बार फ़ाइनल में पहुंचाया।
कोलकाता नाइट राइडर्स को दोनों मैचों में रौंदते हुए डिकॉक ने आईपीएल 2022 में 500 से अधिक रन बनाए। जहां एक छोर पर राहुल संभलकर अपनी पारी को आगे बढ़ाते, डिकॉक पर तेज़ी से रन बनाने का दबाव होता। इस दबाव को चुनौती की तरह स्वीकार करते हुए उन्होंने लगभग 150 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। कोलकाता के विरुद्ध उन्होंने 140 रनों की नाबाद पारी खेली जो इस सीज़न में दूसरी सबसे प्रभावशाली पारी थी।
पाटीदार इस प्रतियोगिता में रिप्लेसमेंट खिलाड़ी बनकर आए थे लेकिन उन्होंने आठ मैचों के भीतर सभी को अपनी कला का परिचय दे दिया। अधिकतर समय उन्हें शुरुआत में ही विकेट गंवाने के बाद क्रीज़ पर आना पड़ा और उन्होंने निडर होकर टीम को ख़ुद से आगे रखा। आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने अपने साथी बल्लेबाज़ को समय लेने का मौक़ा दिया। गुजरात टाइटंस और सनराइज़र्स हैदराबाद के विरुद्ध उन्होंने शानदार बल्लेबाज़ी की लेकिन एलिमिनेटर में उनका नाबाद शतक इस सीज़न की सबसे प्रभावशाली पारी रही।
मुंबई इंडियंस के निराशाजनक सीज़न में भी सूर्यकुमार ने अपनी छाप छोड़ी। रोहित शर्मा, इशान किशन और कायरन पोलार्ड के ख़राब फ़ॉर्म से गुज़रने के बीच उन्होंने कुछ तेज़-तर्रार पारियां खेली। जीत भले ही उनके हाथ ना लगी हो, स्मार्ट स्टैट्स बताते हैं कि आठ में से छह मैचों में उन्होंने अपनी टीम के ज़्यादातर साथियों की तुलना में तेज़ गति से ज़्यादा रन बनाए।
विश्व भर की लीगों में अपना जलवा बिखेर चुके लिविंगस्टन को आईपीएल में सफलता की तलाश थी। आक्रामक शैली की क्रिकेट खेलने वाली पंजाब किंग्स टीम के साथ उनका बढ़िया संतुलन बैठा। बल्ले के साथ गेंदबाज़ों के हौसले तोड़ने के अलावा उन्होंने गेंद के साथ भी कमाल किया। 34 छक्कों के साथ वह सर्वाधिक छक्के लगाने वालों की सूची में बटलर के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
हार्दिक ने सबसे बड़े मंच पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। घर पर खेले गए फ़ाइनल मुक़ाबले में उन्होंने बटलर, संजू सैमसन और शिमरॉन हेटमायर को बाहर का रास्ता दिखाया। इसके अलावा 30 गेंदों पर 34 रन बनाकर उन्होंने अपनी टीम को जीत की दहलीज़ पर ला खड़ा किया। इस सीज़न में हार्दिक ने मध्य क्रम में अलग भूमिका में खेलते हुए केवल 131.26 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। उन्होंने लगभग सभी मैचों में अपना योगदान दिया और इस सीज़न में उनकी इकॉनमी केवल 7.27 की रही।
पिछले कुछ सीज़नों में शांत रहने के बाद इस सीज़न में रसल ने अपना दमखम दिखाया। कोलकाता के शीर्ष क्रम के ना चलने से रसल पर अधिक ज़िम्मेदारी का बोझ था। वह इकलौते खिलाड़ी रहे जिन्होंने इस सीज़न में 200 रन बनाए और 10 विकेट झटके। कोलकाता के निराशाजनक सीज़न में रसल का फ़ॉर्म सबसे सकारात्मक पहलू रहा। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैदराबाद के विरुद्ध आया जब उन्होंने 25 गेंदों पर 49 रन बनाए और दो विकेट अपने नाम किए।
इस सीज़न में पिच बल्लेबाज़ी के अनुकूल थी। इसके बावजूद युवा अनकैप्ड तेज़ गेंदबाज़ मोहसिन ने शानदार स्पेल डाले। पावरप्ले के दौरान उन्होंने 5.25 की इकॉनमी से रन ख़र्च करते हुए छह शिकार किए। इस सीज़न में कुल 14 विकेट झटकने वाले मोहसिन ने केवल 5.96 के दर से किफ़ायती गेंदबाज़ी की। उनका सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन कोलकाता के विरुद्ध आया जहां दोनों टीमों के 200 से अधिक रन बनाने वाले मैच में उनकी इकॉनमी छह से भी कम की रही।
बड़ी नीलामी में उमेश उन खिलाड़ियों में से थे जिन्हें अंत में ख़रीदा गया। कोलकाता की टीम में उमेश की भूमिका स्पष्ट थी कि वह पावरप्ले में गेंदबाज़ी करेंगे। 7.06 की इकॉनमी से पूरे सीज़न में गेंदबाज़ी करते हुए उमेश ने कुछ मैच तो अकेले दम पर अपनी टीम की तरफ़ मोड़ दिए। जब पिच से उन्हें मदद मिली तो वह और भी घातक हो गए। स्मार्ट स्टैट्स में मुश्किल स्थिति में गेंदबाज़ी करने वाले और शीर्ष क्रम के विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों को प्राथमिकता दी जाती है और उमेश दोनों मानकों पर खरे उतरे।
स्मार्ट स्टैट्स के अनुसार चहल इस सीज़न के नंबर एक स्पिनर रहे। 27 विकेट लेकर उनके नाम किसी स्पिनर द्वारा एक सीज़न में लिए सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड है। छोटी बाउंड्री और बल्लेबाज़ी के लिए मददगार परिस्थितियों में वह रन रोकने में सफल हुए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कोलकाता के विरुद्ध आया जब हैट्रिक लेकर उन्होंने कोलकाता के हाथों से जीत छीन ली।
ख़लील उन खिलाड़ियों में से थे जो चुपचाप अपना काम करते चले गए। उन्होंने 16 अलग बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया। स्मार्ट स्टैट्स में ख़लील को अधिक अंक मिले क्योंकि उन्होंने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को बाहर का रास्ता दिखाया था। हालांकि चोट और टीम के संयोजन के कारण उन्हें केवल 10 मैच खेलने का मौक़ा मिला।