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हार्दिक : 'इंपैक्ट प्लेयर' नियम कप्तानों को भ्रमित कर कर सकता है

'इससे हमारे सामने कई सारे विकल्प होंगे, जिसे प्रयोग करने में हमें बहुत सारी चुनौतियां मिलेंगी'

आईपीएल में लागू हुआ नया 'इंपैक्ट प्लेयर' नियम कप्तानों को भ्रमित कर सकता है और इससे कुछ गेंदबाज़ों का प्रयोग भी कम होगा। ऐसा कहना है गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या का, जिनकी टीम ने आईपीएल 2023 के पहले मैच में चेन्नई सुपर किंग्स को पांच विकेट से हराकर जीत के साथ शुरुआत की। यह आईपीएल का पहला मैच था, जिसमें इंपैक्ट प्लेयर नियम लागू हुआ।
इस नियम के अनुसार आप एकादश के बाहर के कुछ चुने हुए खिलाड़ियों में से एक को इंपैक्ट प्लेयर बना सकते हैं और उन्हें कभी भी खेल में ला सकते हैं। इसके अलावा आप टॉस के बाद अपने एकादश का चयन कर सकते हैं। इसका मतलब यह होता है कि अगर आपकी बल्लेबाज़ी पहले आती है तो आपके पास एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ को एकादश में चुनने की सहूलियत होगी, जिसे दूसरी पारी में गेंदबाज़ी के दौरान किसी एक गेंदबाज़ से इंपैक्ट प्लेयर के रूप में बदला जा सकेगा। पहले गेंदबाज़ी आने पर ठीक इसका उल्टा होगा और कप्तान एक अतिरिक्त गेंदबाज़ के साथ मैदान पर उतर सकेंगे।
शनिवार को गुजरात और चेन्नई के बीच हुए मैच के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ। टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने उतरी गुजरात की टीम ने अपने एकादश में सात गेंदबाज़ उतारे। इसमें चार प्रमुख तेज़ गेंदबाज़, दो तेज़ गेंदबाज़ी हरफ़नमौला हार्दिक व विजय शंकर और एक स्पिनर राशिद ख़ान थे। इसके अलावा उनके पास राहुल तेवतिया का कामचलाऊ लेग ब्रेक विकल्प भी मौजूद था।
इन सात विकल्पों में से विजय को गेंदबाज़ी नहीं मिली, वहीं पिछले सीज़न 11 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल ने सिर्फ़ एक ही ओवर किया, जो कि पारी का 12वां ओवर था। वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ अल्ज़ारी जोसेफ़ ने पहले 13 ओवर में सिर्फ़ एक ओवर गेंदबाज़ी की। हालांकि उन्होंने अंतिम सात में से अपने बाक़ी के तीन ओवर फेंके और इस दौरान सिर्फ़ 15 रन ख़र्च करते हुए दो विकेट लिए।
मैच के बाद जब हार्दिक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक साथ कई गेंदबाज़ी विकल्प उपलब्ध होने के कारण उनके सामने 'इस्तेमाल करने' की चुनौतियां आईं। उन्होंने जोसेफ़ का आख़िरी ओवरों में इसलिए उपयोग किया क्योंकि उन्हें लगा कि जोसेफ़ की हार्ड लेंथ गेंदें खेल के आख़िरी चरण में अधिक उपयोगी साबित होंगी।
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो इंपैक्ट प्लेयर नियम से मेरा काम कठिन हो गया है। जब आपके पास कई विकल्प होते हैं तो आपको एकदम सटीक चुनाव करना होता है। इस कारण से कई गेंदबाज़ों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाया। उस समय जो मुझे सही लगा और जैसा मेरे अंतः प्रेरणा (इंस्टिंक्ट) ने कहा, मैंने वही किया। मुझे लगा था कि इस पिच पर आख़िर में हार्ड-लेंथ की गेंदें अधिक कारगर साबित होंगी, इसलिए कुछ गेंदबाज़ देर से आएं। हालांकि उन्होंने भी अपना काम बख़ूबी किया।"
गुजरात अपने किसी गेंदबाज़ को दूसरी पारी में सब्स्टीट्यूट कर कोई बल्लेबाज़ एकादश में ला सकता था, लेकिन केन विलियमसन को बाउंड्री पर कैच लपकने के दौरान घुटने में चोट लगी और वह बल्लेबाज़ी करने नहीं आए। इसलिए गुजरात ने उनकी जगह साई सुदर्शन को एकादश में लाया।
गुजरात ने चार गेंद शेष रहते ही लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। हालांकि हार्दिक को लगता है कि उनके बल्लेबाज़ों ने इस लक्ष्य को कठिन बनाया, जबकि शीर्षक्रम को ही इस मैच को ख़त्म करके आना चाहिए था। वह ख़ुद पर और शुभमन गिल (63) पर अधिक आलोचनात्मक थे, जो क्रमशः स्वीप और पुल करने के चक्कर में आउट हुए।
हार्दिक ने कहा, "मेरे और शुभमन के शॉट ने टीम को मुश्किल में डाला। वो तो भला है कि हमारे पास राशिद ख़ान जैसे खिलाड़ी हैं, जो किफ़ायती गेंदबाज़ी कर हमें विकेट दिलाते हैं और फिर अंत में कुछ अच्छे शॉट लगाकर हमें मैच भी जिताते हैं। हम अगले मैचों में सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें बार-बार यह करना ना पड़े और हम बल्लेबाज़ ही मैच को ख़त्म करें।"
राशिद ने इस मैच में चार ओवर में सिर्फ़ 26 रन देते हुए दो विकेट लिए और फिर अंत में सिर्फ़ तीन गेंदों में एक चौके और एक छक्के के साथ 10 रन बनाकर अपनी टीम को आख़िरी ओवर की जीत दिलाई। उन्होंने पिछले सीज़न में भी कुछ बार अपनी बल्लेबाज़ी के द्वारा अपनी टीम को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया था।