मैच (30)
IPL (3)
त्रिकोणीय वनडे सीरीज़, श्रीलंका (1)
विश्व कप लीग 2 (1)
County DIV1 (3)
County DIV2 (4)
Women's One-Day Cup (4)
HKG T20 (1)
T20 Women’s County Cup (13)
ख़बरें

ठाकुर: रहाणे और अय्यर के लिए यह बस एक बुरा दौर है

मुंबई के ऑलराउंडर का मानना है कि ये दोनों अनुभवी खिलाड़ी जल्द ही फ़ॉर्म में वापसी करेंगे

PTI
11-Mar-2024
Ajinkya Rahane before the start of play on day three, Australia vs India, WTC final, 3rd day, The Oval, June 9, 2023

रहाणे के नाम इस रणजी सीज़न में सिर्फ़ 141 रन है (फ़ाइल फ़ोटो)  •  ICC/Getty Images

विदर्भ के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल की पहली पारी में मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे और अनुभवी बल्लेबाज़ श्रेयस अय्यर दोनों सात-सात रन के सस्ते स्कोर पर आउट हुए। हालांकि मुंबई के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को भरोसा है कि ये दोनों बल्लेबाज़ जल्द ही फ़ॉर्म में वापसी करेंगे।
दिन के खेल के बाद उन्होंने कहा, "अजिक्य का यह सीज़न अच्छा नहीं रहा है और वह फ़ॉर्म में नहीं हैं। लेकिन इसके लिए उनको दोष नहीं दिया जा सकता। सभी खिलाड़ियों के करियर में ऐसा समय आता है। यह बस एक बुरा दौर है। श्रेयस और अजिंक्य दोनों मुंबई और भारत के लिए एक मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं।"
ठाकुर ने आगे कहा, "अभी उनका समय सही नहीं चल रहा है, लेकिन यह आलोचना करने का भी समय नहीं है। आलोचना करना आसान होता है। अजिंक्य के बल्ले से रन नहीं आए हैं, लेकिन मैदान में आप उनके उत्साह को देख सकते हो। इस उम्र में भी उनका उत्साह कई अंडर-19 और अंडर-23 खिलाड़ियों को पीछे छोड़ता है। वह स्लिप में फ़ील्डिंग करते हैं, दिन में कम से कम 80 ओवर मैदान पर रहते हैं और टीम के लिए बाउंड्री बचाने के लिए स्प्रिंट और डाइव भी लगाते हैं। वहीं अय्यर फ़ील्ड में चीते की तरह फ़ील्डिंग करते हैं। फ़ील्डिंग के दौरान वह तो अपना सबकुछ झोंक देते हैं। ये दोनों खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के लिए रोलमॉडल हैं।"
पहली पारी तक रहाणे ने इस सीज़न के आठ रणजी मैचों की 12 पारियों में 12.81 की मामूली औसत से 141 रन बनाए हैं, जिसमें सिर्फ़ एक अर्धशतक शामिल है। वहीं अय्यर के नाम तीन मैचों में 19.33 की औसत और 48 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ सिर्फ़ 58 रन है।
अनुभवी बल्लेबाज़ों का बचाव कर रहे ठाकुर युवा बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन से नाख़ुश दिखें, जो मिले हुए मौक़ों का फ़ायदा नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा, "दूसरे बल्लेबाज़ों को अच्छा अप्रोच दिखाना चाहिए था, फिर चाहे वह भूपेन ललवानी (37) हों, फिर मुशीर ख़ान (6) या फिर हार्दिक तामोरे (5)। उन्हें जल्दी-जल्दी सीखना होगा क्योंकि मुंबई के ड्रेसिंग रूम में बने रहना बहुत कठिन है। यहां आप टीम के लिए खेलते हैं, ना कि ख़ुद के लिए। आपको अपने स्कोर और अपने खेल को किनारे रखकर टीम के लिए खेलना होता है। अगर आप 25-30 रन बनाते हैं, तो उसे बड़ा करना होगा। हमें अपने आपको एक बल्लेबाज़ी इकाई के रूप में खड़ा करना होगा।"
ठाकुर मुंबई के लिए तब बल्लेबाज़ी के लिए आए, जब मुंबई 111 के स्कोर पर छह विकेट गंवाकर संघर्ष कर रहा था। शार्दुल ने आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से सिर्फ़ 69 गेंदों पर 75 रन बनाए और अपनी टीम को संकट से उबारा।
अपनी पारी के बारे में बात करते हुए ठाकुर ने कहा, "मुझे कठिन परिस्थितियों में खेलना पसंद है। मैं रोज अपने क्रिकेट किटबैग के साथ पालघर से मुंबई ट्रेन में सफ़र करता था, जो आप जानते हैं कि कितना कठिन है। इस यात्रा से मैं बहुत मज़बूत हुआ हूं।"
रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल ठाकुर के तेज़ गेंदबाज़ साथी धवल कुलकर्णी के लिए अंतिम प्रथम श्रेणी मैच है, जिन्होंने पहली पारी के दौरान शानदार गेंदबाज़ी की और तीन विकेट लिए। शार्दुल ने कहा, "यह ना सिर्फ़ धवल बल्कि मेरे लिए भी भावुक क्षण है। मैं उन्हें बचपन से खेलता देखता आ रहा हूं। जब मेरे पास जूते ख़रीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, उन्होंने तब मेरी मदद की थी।"