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क्विंटन डिकॉक के घुटने टेकने से इनकार करने पर टीम हैरान - तेम्बा बवूमा

"अगर आपके पास यह तय करने का विकल्प है कि आप क्या करना चाहते हैं, तो आप उसके परिणामों से भी बच नहीं सकते हैं।"

Temba Bavuma takes a knee before the start of the game, South Africa vs West Indies, T20 World Cup, Group 1, Dubai, October 26, 2021

मैच शुरु होने से पहले घुटने टेक कर रंभ भेद का विरोध करते हुए साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी  •  Getty Images

क्विंटन डिकॉक के घुटने टेकने से इनकार करने और फिर वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ मैच से हटने से दक्षिण अफ़्रीका के खिलाड़ी "हैरान और हतप्रभ" थे लेकिन यह नहीं पता कि डिकॉक वास्तव में रंगभेद के विरोध में खिलाड़ियों के द्वारा शुरू किए गए पहल के समर्थन के ख़िलाफ़ क्यों हैं। डिकॉक आने वाले दिनों में अपना रुख़ स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी कर सकते हैं। हालांकि अभी के लिए दक्षिण अफ़्रीका के कप्तान तेम्बा बवूमा चाहते हैं कि टीम डिकॉक के फ़ैसले का सम्मान करे।
"एक टीम के रूप में, हम इस ख़बर से हैरान और स्तब्ध हैं। क्विंटन टीम के लिए एक बड़ा खिलाड़ी है, न केवल बल्ले से, बल्कि एक वरिष्ठ खिलाड़ी होने के दृष्टिकोण से भी वह टीम के लिए काफ़ी अहम हैं। यह ज़ाहिर तौर पर कुछ ऐसा है जिसकी मैं उम्मीद नहीं कर रहा था"
बवूमा ने वेस्टइंडीज़ पर दक्षिण अफ़्रीका की जीत के बाद कहा ", क्विंटन एक वयस्क है। वह अपने फ़ैसले लेने में सक्षम हैं। हम उसके फ़ैसले का सम्मान करते हैं, हम उसके विश्वासों का सम्मान करते हैं, और मुझे पता है कि उसने जो निर्णय लिया है, वह सोच-समझ कर लिया होगा।"
बवूमा और उनकी टीम को उनके क्रिकेट बोर्ड से मंगलवार को दुबई में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ खेले जाने वाले मैच से 5 घंटे पहले एक निर्देश मिला, जिसमें खिलाड़ियों को हर मैच से पहले सामूहिक रूप से घुटने टेकने के लिए कहा गया था। बवूमा ने ख़ुलासा किया, "दुबई जाने के लिए बस में चढ़ने से पहले, खिलाड़ियों को यह संदेश दिया गया था।"
बावुमा ने कहा, "अबू धाबी से दुबई की डेढ़ से दो घंटे की यात्रा के दौरान, क्विंटन ने अपना निर्णय लिया, टीम के पास यह पता लगाने का समय नहीं था कि डिकॉक इस फ़ैसले को मानने से क्यों इनकार कर रहे हैं।"
"मुझे कप्तान के रूप में तब इस फ़ैसले के बार में पता चला जब मैं चेंज रूम में गया। हमारे पास इस मामले पर पूरी तरह से चर्चा करने के लिए काफ़ी कम समय था।" उन्होंने कहा कि एक कप्तान के रूप में यह मेरे लिए सबसे कठिन दिनों में से एक था। कप्तान के रूप में ऐसे मामलों से निपटना आसान नहीं है लेकिन राहत की बात यह है कि आज हमारी टीम 8 विकेट से मैच जीत गई।
"इस पर हर किसी की अपनी राय है, लेकिन जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, एक बार जब आप शिक्षित हो जाते हैं तो कई चीज़ो को समझने लगते हैं और समझने के लिए तैयार हो जाते हैं। मुझे लगता है कि शिक्षा ही कुंजी है और हम ऐसा नहीं चाहते हैं कि कोई हमारे लिए रंगभेद का विरोध सिर्फ़ इसलिए करे क्योंकि वह हमारे प्रति खेद महसूस कर रहा है।"
कायरन पोलार्ड
बवूमा ने कहा कि जो खिलाड़ी डिकॉक के फै़सले के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, वे श्रीलंका के ख़िलाफ़ शनिवार को दक्षिण अफ़्रीका के अगले मैच से पहले पता लगा सकते हैं। बवूमा ने कहा "अगले मैच से पहले हमारे पास कुछ दिन हैं और मुझे लगता है कि वे दिन हमारी टीम के लिए एक समूह के रूप में कठिन होंगे। जो लोग उसके फ़ैसले के बारे में जानना चाहते हैं,उन्हें आने वाले मैच के दौरान पता लग जाएगा।"
"क्विंटन एक वयस्क हैं, उन्होंने अपना निर्णय लिया है। आपको इसका सम्मान करना होगा, चाहे आप इससे सहमत हों या नहीं हो।"
समूह में से एक खिलाड़ी ने एक घुटने टेकने के लिए मना कर दिया ? बवूमा ने कहा कि यह मामला जटिल था और टीम के भीतर इस बात को लेकर मतभेद के संकेत आए हैं।
"हम एक टीम हैं, हम एक ही शर्ट पहनते हैं, हम एक ही बैज के लिए खेलते हैं, उसके बाहर हम अभी भी अपना जीवन जीते हैं। सभी खिलाड़ियों का जीवन भिन्न-भिन्न होता है। एक व्यक्ति के रूप में हमें अपने दायरे को बढ़ाने की ज़रूरत है। साथ ही हम अपनी मान्यताओं को किसी के ऊपर ज़बर्दस्ती थोप भी नहीं सकते हैं।"
सीएसए ने टीम के लिए टी20 विश्व कप के प्रत्येक मैच से पहले घुटने टेकना जारी रखना अनिवार्य कर दिया है और अपने बयान में डिकॉक के फ़ैसले का भी ज़िक्र किया है। उन्होंने बाकी टूर्नामेंट में उनकी भागीदारी को फ़िलहाल के लिए अनिश्चित बताया है।
ईएसपीएन क्रिकइंफ़ो से बात करते हुए, सीएसए के एक प्रवक्ता ने बताया कि बोर्ड ने टूर्नामेंट से पहले निर्देश जारी नहीं किया था क्योंकि यह फ़ैसला ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए मुक़ाबले के बाद तय किया गया था क्योंकि मैच के दौरान कुछ खिलाड़ियों ने घुटने नहीं टेके थे, बोर्ड ने महसूस किया कि इस स्थिति को गंभीरता से लेना महत्वपूर्ण है क्योंकि एक टीम के टीम के रूप में हमारे खिलाड़ी इस मुद्दे को लेकर एकजुट नहीं दिख रहे थे।

फ़िरदौस मून्डा ESPNcricinfo के साउथ अफ़्रीका संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।