कोहली: मैं 120% तैयारी के साथ मैदान में उतरता हूं
कोहली ने बताया कि उन्होंने रांची वनडे की किस तरह से तैयारी की थी
ESPNcricinfo स्टाफ़
01-Dec-2025 • 1 hr ago
विराट कोहली ने साल का अपना दूसरा वनडे शतक लगाया • BCCI
17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 300 से ज़्यादा वनडे और 220 से ज़्यादा अन्य फ़ॉर्मैट के मैच खेलने के बावजूद भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली पहले वनडे से काफ़ी पहले रांची पहुंच गए थे। वनडे के महान खिलाड़ियों में से एक और इतना अनुभवी होने के बाद भी उन्होंने हालात को समझने के लिए कुछ अतिरिक्त बैटिंग सेशन ली। उनका मंत्र वही पुराना था, अपना 120% देना।
इसका नतीज़ा रहा एक शानदार वनडे शतक। उनके करियर का 52वां, जिसने भारत को पहले वनडे में 17 रन की जीत दिलाई।
वनडे में अपना 44वां प्लेयर ऑफ़ द मैच मिलने के बाद कोहली ने कहा, "मैं पहले भी कह चुका हूं कि अगर मैं कहीं मैच के लिए पहुंच रहा हूं तो मैं 120% तैयारी के साथ पहुंचता हूं। [मैं यहां जल्दी आया] ताकि यहां की परिस्थितियां समझ सकूं। दिन में दो बल्लेबाज़ी सत्र और शाम का एक सत्र करूं, जिससे मेरी तैयारी पूरी हो जाए। मैच से एक दिन पहले मैंने आराम किया क्योंकि मैं 37 साल का हूं और रिकवरी भी जरूरी है। मैं मैच को अपने दिमाग़ में बहुत विजुलाइज़ करता हूं और मुझे लगता है कि मैं उतना ही शार्प, इंटेंस हूं कि फ़ील्डर्स और तेज़ गेंदबाज़ों को चुनौती दे सकता हूं।
"आज मैच में ऐसे उतरकर बहुत अच्छा लगा। पिच पहले 20-25 ओवर काफ़ी अच्छी थी, फिर थोड़ी धीमी होने लगी। मैंने बस सोचा कि मैदान में जाऊं और गेंद को मारूं। क्रिकेट खेलने का असली कारण उसका लुत्फ़ उठाना होता है और मुझे वही महसूस करना था। जब शुरुआत मिल गई और स्थिति बनी, तो इतने सालों का अनुभव काम आया और पता चला कि कैसे पारी को आगे बढ़ाना है।"
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की। यशस्वी जायसवाल 18 रन पर आउट हुए तो चौथे ओवर में कोहली बल्लेबाज़ी करने आए और रोहित शर्मा के साथ एक बेहतरीन शतकीय साझेदारी बनाई। उन्होंने 48 गेंदों में अर्धशतक, 102 गेंदों में शतक और 120 गेंदों में 135 रन बनाए, जिसमें सात छक्के शामिल थे। यह वनडे में उनके करियर में सिर्फ़ पांचवीं बार है, जब उन्होंने एक मैच में पांच से ज़्यादा छक्के मारे। भारत ने रांची में भरे हुए स्टेडियम के सामने 349 रन बनाए। यह उनका इस साल का दूसरा वनडे शतक था। पहला उन्होंने दुबई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बनाया था।
"जब आप 300 के क़रीब वनडे और 15-16 साल में इतना क्रिकेट खेल चुके होते हैं, तो बस यह ज़रूरी है कि आप खेल से जुड़े रहें। अगर आप नेट्स में डेढ़-दो घंटे बिना रुके बैटिंग कर सकते हैं, तो सब ठीक है। अगर फ़ॉर्म ख़राब हो तो मैचों की जरूरत पड़ती है। पर जब तक आप गेंद अच्छे से मार रहे हों और अच्छा क्रिकेट खेल रहे हों, तो मेरे अनुभव में सब कुछ फ़िटनेस, मानसिक तैयारी और खेलने का उत्साह संभाल लेता है।
"मैं बहुत ज़्यादा तैयारी में भरोसा नहीं करता। मेरा क्रिकेट हमेशा मानसिक रहा है। मैं मानसिक रूप से तैयार और शारीरिक रूप से मज़बूत रहूं, इसके लिए रोज मेहनत करता हूं। यह क्रिकेट से नहीं, मेरी लाइफ़स्टाइल से आता है। जब फ़िटनेस और मानसिकता सही हो, और दिमाग में खेल साफ़ दिखे, तो एक दिन शुरुआत मिलते ही रन ख़ुद आ जाते हैं।"
