भारतीय टीम ने
मीरपुर टेस्ट में बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर सीरीज़ को 2-0 से जीत लिया। हालांकि यह जीत आसान नहीं रही और उन्हें चौथी पारी में 145 रन के लक्ष्य को पाने के लिए नाको-चने चबाने पड़े। एक समय 74 रन पर सात विकेट खोने के बाद भारतीय टीम हार के कगार पर थी। लेकिन
श्रेयस अय्यर और
आर अश्विन की जोड़ी ने आठवें विकेट के लिए 71 रन की नाबाद साझेदारी कर भारत को शर्मनाक हार से बचा दिया। इस जीत में कौन रहे किरदार, किसने किया भारत के लिए अहम काम? चलिए रेटिंग्स के ज़रिए जानते हैं किस खिलाड़ी ने कितने अंक कमाए।
क्या सही और क्या ग़लत?
इस जीत के बाद अब भारतीय टीम के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल की राह भले ही कुछ और आसान होगी, लेकिन उन्हें आत्मविश्लेषण की ज़रूरत है। एक आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी चैंपियन टीम को विपक्षी स्पिनरों के सामने अपने सात विकेट गंवाने पड़े और एक समय वह हार के कगार पर थी। एक समय अच्छा स्पिन खेलने के लिए जाने जाने वाली टीम को विपक्षी स्पिनरों ने चौथी पारी में घेर कर रख दिया। भारतीय बल्लेबाज़ों ने तीसरे दिन की शाम नकारात्मक अप्रोच से बल्लेबाज़ी की। इन बल्लेबाज़ों को सोचना होगा कि वह इस बल्लेबाज़ी अप्रोच के साथ टेस्ट टीम में क्यों हैं?
वहीं अगर गेंदबाज़ी की बात की जाए तो यह हालिया समय में कई बार देखा गया है कि भारतीय गेंदबाज़ शुरुआती विकेट लेने के बाद थोड़े से आश्वस्त हो जाते हैं लेकिन उन्हें पुछल्ले बल्लेबाज़ों का विकेट लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यह कमज़ोरी इस टेस्ट मैच में भी देखने को मिली, जब बांग्लादेश की दूसरी पारी के दौरान छह विकेट 113 रन पर लेने के बाद वे 231 रन बनाने में सफल रहे।
भारतीय टीम के लिए अगर कुछ अच्छा रहा तो वह था आर अश्विन का विकेट लेना और रन बनाना। उन्हें ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, सर्वाधिक 10)
के एल राहुल, 4 : केएल राहुल लगातार असफल हो रहे हैं। बांग्लादेश के इस दौरे पर उन्हें सात पारियां खेलने को मिली, जिसमें वह सिर्फ़ पहले में अर्धशतक बना सके। इसके बाद उनका बल्ला लगातार शांत रहा और वह इस टेस्ट मैच में भी दिखा। कप्तानी मिलने के बाद जहां उनसे और जिजीविषा की उम्मीद थी, लेकिन वह सिर्फ़ 10 और 2 का स्कोर ही दोनों पारियों में बना सके। इस ख़राब फ़ॉर्म पर तो मुझे चार अंक भी अधिक लग रहा है।
शुभमन गिल, 6: चटगांव टेस्ट में शतक लगाने के बाद शुभमन गिल यहां शानदार फ़ॉर्म में आए थे लेकिन वह इस फ़ॉर्म को मीरपुर में नहीं भुना सके। पहली पारी में उन्हें शुरुआत भी मिली लेकिन 20 के निजी स्कोर पर वह गैरज़रूरी स्लॉग स्वीप खेलने के चक्कर में विकेट के सामने पाए गए। दूसरी पारी में जब टीम को उनसे अच्छी शुरुआत की दरकार थी, तब वह स्पिन होती गेंद को आगे निकलकर डिफ़ेंड करने गए और स्टंप आउट हुए। कुल मिलाकर यह उनके लिए औसत मैच रहा तो उन्हें औसत अंक मिलते हैं।
चेतेश्वर पुजारा, 6: शुभमन की तरह चेतेश्वर पुजारा भी चटगांव टेस्ट से शतक लगाकर आए थे, लेकिन वह इस फ़ॉर्म का फ़ायदा नहीं उठा सके। पहली पारी में उन्हें भी शुरुआत मिली लेकिन वह इसे बड़ी पारी में नहीं बदल सके और दूसरी पारी में जब टीम को उनके डिफ़ेस पर अत्यधिक भरोसा तो वह भी शुभमन की तरह आगे निकलकर डिफ़ेंस करने के चक्कर में स्टंप आउट हो गए।
विराट कोहली, 4 : विराट कोहली के लिए यह मैच भूला देने वाला होगा। जब उन्होंने वनडे सीरीज़ में लंबे समय बाद शतक लगाया था तब लगा था कि टेस्ट मैचों में भी शतकों का अकाल ख़त्म होगा। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। पहली पारी में वह तस्कीन अहमद की एक लेंथ गेंद को ड्राइव करने के चक्कर में विकेट के पीछे स्लिप कॉर्डन में कैच दे बैठे, जैसा कि इस साल उनके टेस्ट मैचों में आउट होने का पैटर्न रहा है। दूसरी पारी में तो उन्होंने और भी निराश किया और जब आउट हुए तो अपने गुस्से को काबू में नहीं कर सके और उन्हें बांग्लादेशी खिलाड़ियों के साथ उलझकर पवेलियन जाना पड़ा। इसके अलावा उन्होंने दूसरी पारी के दौरान स्लिप में तीन कैच भी टपकाए, जिसके कारण उनके अंक भी काटे जाते हैं।
श्रेयस अय्यर, 9.5: श्रेयस अय्यर लगातार टेस्ट क्रिकेट में खु़द को साबित कर रहे हैं। पहली पारी में जहां 87 रन बनाकर वह टीम इंडिया के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहें, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने दबाव के समय में ख़ुद को अलग तरीक़े से पेश किया। जहां एक छोर से लगातार विकेट गिरते जा रहे थे, वह दूसरी छोर पर उन्होंने ख़ुद को शांत बनाए रखा और फिर जब अश्विन का साथ मिला तब वह टीम इंडिया को जीत के द्वार तक ले गए। उनके इस प्रयास के कारण उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवार्ड दिया गया।
ऋषभ पंत, 7.5: ऋषभ पंत ने एक बार फिर दिखाया कि क्यों वह हालिया समय के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। पहली पारी में वह तब बल्लेबाज़ी के लिए आए, जब भारतीय टीम 72 रन पर तीन विकेट गंवाकर संघर्ष की स्थिति में था। इसके कुछ देर बाद विराट भी पवेलियन में थे। लेकिन पंत ने अय्यर के साथ पारी को संभाला और 93 रन की बेहतरीन पारी खेली। इस पारी में उनका एक हाथ से मारा गया छक्का भी शामिल था, जो उनकी टेस्ट पारियों का प्रतीक बन चुका है। हालांकि जब दूसरी पारी में उनसे फिर से ऐसी ही पारी की उम्मीद थी तो वह चलते बने। इस नाउम्मीदी के कारण उनके आधे अंक काटे जा रहे हैं।
अक्षर पटेल, 7: अक्षर पटेल को पहले टेस्ट की दूसरी पारी में लय मिला था, जिसे उन्होंने दूसरे टेस्ट में बरकरार रखा। पहली पारी में हालांकि उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया। दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी के दौरान जब उन्हे ऋषभ पंत की जगह ऊपर भेजा गया, तो उन्होंने इस भरोसे की लाज रखी और स्टंप्स तक टिके रहने के बाद अगले दिन कुछ महत्वपूर्ण रन भी बनाए।
आर अश्विन, 8.5: पहले टेस्ट में जहां भारत के दो अन्य स्पिनरों अक्षर और कुलदीप यादव ने प्रभावित किया था लेकिन आर अश्विन प्रभावित नहीं कर सके थे। उन्होंने इस कमी को दूसरे टेस्ट में पूरा किया और ऑलराउंड प्रदर्शन कर प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब जीता। पहली पारी में उन्होंने चार विकेट लिए, जिसमें शीर्ष क्रम, मध्य क्रम और निचले क्रम सभी तरह के बल्लेबाज़ शामिल थे। वहीं दूसरी पारी में जब भारतीय टीम को एक साझेदारी और मैच विनिंग पारी की ज़रूरत थी, तब उन्होंने बेहतरीन ढंग से बांग्लादेशी स्पिनरों को खेला और एक बार फिर दिखाया कि उनकी बल्लेबाज़ी में क्या क़ाबिलियत है।
मोहम्मद सिराज, 6.5: मोहम्मद सिराज पिछले कुछ समय से टेस्ट मैचों में एक बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ बनकर उभरे हैं। हालांकि पहली पारी के दौरान उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला लेकिन उन्होंने विपक्षी बल्लेबाज़ों को परेशान किए रखा और जब वह दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करने आए तब उन्होंने मोमिनुल हक़ और लिटन दास का महत्वपूर्ण विकेट अपने वॉबल सीम से झटका। मोमिनुल और लिटन बांग्लादेश के लिए पहली और दूसरी पारी में क्रमशः सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे।
उमेश यादव, 7.5: उमेश यादव को भारतीय उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों का चैंपियन गेंदबाज़ माना जाता है और वह अक्सर इन्हीं परिस्थितियों में खेलते हैं। चटगांव टेस्ट में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी लेकिन मीरपुर टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने बांग्लादेश के मध्य और निचले क्रम को तहस-नहस कर रख दिया।
जयदेव उनादकट, 7: लगभग 12 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे जयदेव उनादकट के लिए यह टेस्ट यादगार रहा। उन्होंने पहली पारी में भारत को पहली सफलता तब दिलाई, जब बांग्लादेशी ओपनर पैर जमाते हुए नज़र आ रहे थे। उन्होंने पहली पारी में दो विकेट लिए और दूसरी पारी के दौरान जब टीम को ज़रूरत थी तब वह नाइट वाचमैन बनकर आए और उस भूमिका को बखूबी निभाया।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं @dayasagar95