पहले मौके के लिए तैयार हैं वरुण चक्रवर्ती
वरुण के कौशल पर नहीं लेकिन उनकी फ़िटनेस पर सवाल जरूर है।
देवरायण मुथु
24-Jul-2021
मिस्ट्री स्पिनर को पढ़ने में अब तक कई दिग्गज बल्लेबाज़ नाकाम रहे हैं • BCCI
खराब फिटनेस के कारण ऑस्ट्रेलिया दौरे के टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ के लिए चयन से चूकने के बाद मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने के लिए तैयार हैं। श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेली जाने वाली टी20 सीरीज़, इस साल के टी20 विश्व कप से पहले भारतीय टीम की आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ है। 17 अक्टूबर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट से पहले, टीम में अपनी दावेदारी पेश करने के लिए, उनके पास यह पहला और शायद आख़िरी मौका होगा।
पिछली बार जब चक्रवर्ती यूएई में थे, तो वो कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में उभरे थे। उस दौरान उन्होंने 13 मैचों में 6.84 की इकॉनमी दर से 17 विकेट लिए थे। इस प्रदर्शन से राष्ट्रीय चयनकर्ता इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत चक्रवर्ती को टी20 टीम में जगह दे दी।
पर वरुण की खराब फ़िटनेस के कारण इसके बाद का सफर आसान नहीं रहा।
उनके तमिलनाडु के साथी टी नटराजन ने टी20 टीम में उनकी जगह ली और ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पसंदीदा अभिनेता विजय से मुलाक़ात की और इस दौरान अपनी प्रेमिका नेहा से विवाह कर लिया। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रहकर अपनी चोट से वापसी की लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ में चयन के लिए उन्हें पर्याप्त रूप से फ़िट नहीं माना गया। इसके बाद आईपीएल का समय आया और चक्रवर्ती के पास पूरा मौका था कि वो ख़ुद को साबित कर सकें और यह बता सकें कि वह सिर्फ एक आईपीएल सीज़न में सबको आश्चर्यचकित करने वालों में से नहीं हैं।। हालिया आईपीएल सीज़न में चक्रवर्ती ने पावरप्ले, बीच के ओवरों और साथ ही साथ अंतिम ओवरों में गेंदबाजी की - फिर चाहे टीम में सुनिल नारायण हो या ना हो। कोविड-19 संक्रमण के कारण आईपीएल 2021 को बाद में स्थगित कर दिया गया। वरुण ख़ुद भी संक्रमित होने वाले खिलाड़ियों में से एक थे।
नाइट राइडर्स के स्पिन-गेंदबाज़ी कोच कार्ल क्रो के अनुसार चक्रवर्ती अब अपनी चोट से उबर चुके हैं और अपने कौशल को बढ़ाने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। फिलहाल वो अपनी गेंदबाज़ी में कुछ और विवधता लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद अभी भी वरुण के फ़िटनेस पर कुछ सवालिया निशान लगाए जा सकते हैं।
इंग्लैंड टी20 सीरीज़ से पहले चक्रवर्ती के फ़िटनेस टेस्ट में विफल रहने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विराट कोहली ने ज़ोर देकर कहा था कि इस भारतीय टीम में फ़िटनेस के साथ किसी प्रकार का "समझौता" नहीं किया जाएगा। क्रो मानते हैं कि चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ियों को, जो गैर-पेशेवर पृष्ठभूमि से आते हैं, इस मामले में थोड़ी छूट दी जा सकती है।
"यदि आपके पास एक ऐसा क्रिकेटर है जो छोटे कस्बे से आता है और जिसके पास अपने प्रारंभिक वर्षों में फ़िटनेस ट्रेनिंग के लिए साधन नहीं थे, तो मुझे लगता है कि उसे छूट मिलनी चाहिए जब तक उसकी फ़िटनेस में बेहतरी नज़र आ रही हो।"
क्रो ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "खेल के आधुनिक युग में, विशेष रूप से क्रिकेट में, फ़िटनेस बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। आप तर्क कर सकते हैं कि फ़िटनेस पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर दिया जा रहा है। क्रिकेट कौशल का खेल है लेकिन प्रदर्शन में बढ़ौतरी लाने और के लिए चोट से उबरने के लिए फ़िटनेस ज़रूरी है। जब आपके पास वरुण जैसा उच्च कौशल स्तर वाला कोई खिलाड़ी है तो आपको यह भी समझना चाहिए कि उसको यह कौशल फ़िटनेस के कारण प्राप्त नहीं हुआ है। अगर आप देखें कि उसने पिछले दो आईपीएल में कैसी गेंदबाज़ी की है... मुझे याद है उसने पिछले आईपीएल में शारजाह के छोटे से मैदान और सपाट विकेट पर अपने चार ओवरों में केवल 24-25 रन खर्च किए थे। इस बार भी आरसीबी के ख़िलाफ़ वरुण ने विराट कोहली को बहुत जल्दी आउट कर दिया था।
विकेट लेने के बाद खुशी जाहिर करते हुए चक्रवर्ती•BCCI/IPL
"मैं बीसीसीआई का प्रभारी नहीं हूं कि उन्हें कुछ भी करने के लिए कहूं। मेरे विचार में यदि आपके पास एक ऐसा क्रिकेटर है जो छोटे कस्बे से आता है और जिसके पास अपने प्रारंभिक वर्षों में फ़िटनेस ट्रेनिंग के लिए साधन नहीं थे, तो मुझे लगता है कि उसे छूट मिलनी चाहिए जब तक उसकी फ़िटनेस में बेहतरी नज़र आ रही हो", क्रो ने कहा।
क्रो ने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि वरुण ने कभी भी मैदान पर अपनी फ़ील्डिंग के दौरान ज़्यादा गलतियां की। वो अक्सर फ़ाइन लेग या ऐसी जगहों पर फ़ील्डिंग करते हैं, जहां गेंद कम ही आती है। और तो और, उनकी किसी भी गलती के लिए आप फ़िटनेस की कमी को दोषी नहीं ठहरा पाएंगे। वह चार ओवर गेंदबाज़ी के बाद 16 ओवर क्षेत्ररक्षण कर रहे हैं और निचले क्रम में थोड़ी-मोड़ी बल्लेबाज़ी भी कर सकते है। ऐसे में वह आसानी से कोई भी मैच खेल जाएंगे। साथ ही अगर टीम फ़िटनेस की संस्कृति को चलाने की कोशिश कर रही है तो ऐसे किसी खिलाड़ी को टीम में लाना मुश्किल है जो इस स्तर पर फ़िट नहीं है। लेकिन मेरे लिए जब तक वह खिलाड़ी अपनी फ़िटनेस पर अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत करते हुए सुधार करता रहता है और उसके पास वह कौशल स्तर है, तो मैं उसके प्रति थोड़ी और उदारता देखना चाहूंगा।"
चक्रवर्ती के अनूठे कौशल में कैरम बॉल है। जबकि अन्य गेंदबाज़ बीच के उंगली से यह गेंद डालते हैं, उन सब से विपरीत वरुण अपनी तीसरी उंगली से इस गेंद को बाहर निकालते हैं। क्रो के अनुसार, उनके पास धीमी पिचों पर गति प्राप्त करने की क्षमता भी है, जो उन्हें सर्वश्रेष्ठ टी20 स्पिनरों की सूची में शामिल करती है।
क्रो ने कहा, "एक साधारण कैरम गेंद को पढ़ना आसान है लेकिन अगर इस गेंद को तीसरी उंगली से फेंका गया है तो इसे समझना काफी मुश्किल हो जाता है। इसके बाद बल्लबाज़, अगली गेंद किस ओर घूमेगी? यह सोंचने पर मजबूर हो जाता है। मुझे पता है कि वह कम से कम एक और गेंद पर काम कर रहा है। एक बार जब बल्लेबाज़ बीच की उंगली से कैरम गेंद का सामना करने के लिए परिपक्व हो जाते है, तो उन्हें तीसरी उंगली से कैरम गेंद का सामना करने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
आख़िरकार यह मायने रखता है गेंद बाएं, दाएं, या किस ओर घूम रही है और इसकी अलग-अलग विशेषताएं हैं। आप इस काम को कैसे अंजाम देते हैं यह आप पर निर्भर करता है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे लिए पिच से अतिरिक्त गति प्राप्त करने की क्षमता विश्व-स्तरीय स्पिनरों को दूसरों से अलग बनाती है। बल्लेबाज़ों के पास गेंद को खेलने के लिए कम समय होता है। यह टीवी पर देख कर अच्छा लग सकता है कि गेंद पिच पर कमाल कर रही है, लेकिन अगर गेंद तेज़ गति के साथ ना आए, तो अच्छे खिलाड़ी स्पिन को बड़ी आसानी से खेल लेंगे। यदि आप टी20 क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों पर गौर करें, तो उसमें राशिद ख़ान और सुनिल नारायण का नाम आता है। इन गेंदबाज़ों की तरह वरुण भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद को दोनों तरफ स्पिन करवाते हैं।"
दुनिया भर की विभिन्न लीगों में स्पिनरों की प्रगति की देखरेख करने वाले क्रो का यह भी मानना है कि विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में एक मिस्ट्री स्पिनर की उपस्थिति से भारत को बहुत फ़ायदा होगा।
"आईपीएल में मैंने देखा है कि विदेशी खिलाड़ियों की तुलना में भारतीय खिलाड़ी मिस्ट्री स्पिन और किसी भी तरह की स्पिन को काफी अच्छे ढंग से खेलते हैं। जॉस बटलर जैसे कुछ विदेशी खिलाड़ी हैं जो व्यक्तिगत रूप से एक तरह की स्पिन को अच्छा खेलते हैं। पर ज़्यादातर विदेशी बल्लेबाज़ मिस्ट्री स्पिन के ख़िलाफ़ उतने कुशल नहीं हैं। आप एक विश्व कप के बारे में सोचिए, जहां विदेशी खिलाड़ी एक मिस्ट्री स्पिनर के ख़िलाफ़ खेलेंगे। गेंद किस तरफ घूमेगी यह सोचते हुए उन बल्लेबाज़ों के रातों की नींद ज़रूर हराम हो जाएगी। मैं जानता हूं भारत के लिए खेलना वरुण के लिए कितना मायने रखता है और मैं उसे अपना ख़्वाब पूरा करते हुए देखने के लिए उत्साहित हूं," क्रो ने बताया।
"मुझे बहुत सारे युवा खिलाड़ी सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज करते हैं कि उन्हें भी एक मौका की तलाश है। ऐसे में मैं हमेशा वरुण की ओर देखता हूं। यही वो प्लेयर है, जिससे आपको प्रेरणा लेनी चाहिए और आपका सपना भी सच हो सकता है। उसकी कहानी हम सभी को कुछ ना कुछ ज़रूर सिखाती है," यह कहकर क्रो ने अपनी बात का अंत किया।
भारत के स्पिन आक्रमण में पहले से ही युज़वेंद्र चहल, राहुल चाहर, कुलदीप यादव, वॉशिंगटन सुंदर और क्रुणाल पंड्या मौजूद है, लेकिन उनके पास वह एक्स-फ़ैक्टर नहीं है, जो चक्रवर्ती साथ लेकर आते हैं। अगर वह श्रीलंका में अपनी इस अग्नि परीक्षा में कामयाब होते हैं, तो उनकी मज़ेदार कहानी में एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।