ख़बरें

टी20 लीग : आईसीसी प्लेयिंग इलेवन में चार विदेशी खिलाड़ियों को रखने की सख़्ती पर विचार कर रही है

टी20 वर्किंग ग्रुप होस्टिंग फ़्रैंचाइज़ी लीग पर किसी बोर्ड के ख‍िलाड़ी को लेने पर 10 प्रतिशत रिलीज़ फ़ीस पर भी कर रही विचार

Wanindu Hasaranga celebrates after getting rid of Dasun Shanaka, Desert Vipers vs Dubai Capitals, Dubai, ILT20, January 28, 2023

आईएलटी20 में प्‍लेयिंग इलेवन में नौ विदेशी खिलाड़‍ियों को रखने की इज़ाजत  •  ILT20

आईसीसी वर्किंग ग्रुप ने टी20 फ़्रैंचाइज़ी लीग में संन्‍यास ले चुके अंतर्राष्‍ट्रीय खिलाड़‍ियों समेत कुल चार विदेशी खिलाड़ी को प्‍लेयिंग इलेवन में रखने के निर्णय पर स‍िफ़ारिश की है। यह भी स‍िफ़ारिश की गई है कि प्‍लेयिंग इलेवन में कम से कम चार लोकल खिलाड़ी होने चाहिए और टी20 लीग में किसी भी बोर्ड के खिलाड़ी को रिलीज़ करने के लिए बोर्ड को 10 प्रतिशत र‍िलीज़ फ़ीस दी जाए।
सिफ़ारिशों का उद्देश्‍य दुनिया भर में बढ़ती टी20 लीग से फु़ल मेंबर देशों को खिलाड़‍ियों की हो रही कमी की परेशानी है।
इन सिफ़ारिश पर पहली बार रिपोर्ट मंगलवार को द टेलीग्राफ़ (यूके) में प्रकाशित हुई थी। इस पर जुलाई में डरबन में होने वाली आईसीसी की चीफ़ एक्‍ज़ेकेटिव कमेटी की ग्‍लोबल बॉडी की साला कांफ्रेंस में विचार किया जाएगा। आईसीसी बोर्ड को इसे लागू करने से पहले सीईसी से अनुमति मिलनी जरूरी है।
एक बार अनुमति मिलने के बाद ये सिफ़ारिशें सभी टी20 लीग में लागू होंगी। मौजूदा समय में केवल अंतर्राष्‍ट्रीय लीग टी20 (9), मेजर लीग क्रिकेट (6) और सीपीएल (5) ही प्‍लेयिंग इलेवन में चार से अधिक विदेशी खिलाड़ी रखने की अनुमति देते हैं।
वर्किंग ग्रुप पिछले सप्‍ताह लंदन में हुए विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल के समय मिला था। चर्चा के दौरान कुछ सदस्‍यों ने यह भी बहस की कि घरेलू लीग पर ऐसा करना सही नहीं क्‍योंकि इन लीग से क्रिकेट का उत्‍थान हो रहा है और घरेलू क्रिकेटरों के लिए मौक़े बन रहे हैं। और अगर लोकल खिलाड़‍ियों की कमी है, जैसा यूएई की आईएलटी20 में है, जां कम से कम दो लोकल खिलाड़ी होने चाहिए, तो वहां पर एसोसिएट देशों के खिलाड़‍ियों को उनकी जगह पर भरा जाए।
एक काउंटर नज़रिया यह भी था कि फ़्रैंचाइज़ी और ब्रॉडकास्‍टर आईएलटी20 और एमएलसी जैसी लीगों में पैसा लगा रहे हैं और यह वित्‍तीय वेंचर है, जिसमें अच्‍छे खिलाड़‍ियों को लेकर एक अच्‍छा प्रोडक्‍ट बनाना जरूरी है। पिछले साल ही आईपीएल की कई फ़्रैंचाइज़ी ने विदेशी लीगों में पैसा लगाया था जहां पर एसए20 में छह टीम, आईएलटी20 में तीन टीम और 13 जुलाई से पहली बार खेली जाने वाली एमएलसी में चार टीम शामिल हैं। इसके अलावा, मैनचेस्‍टर युनाइटेड के सहमालिक अवराम ग्‍लेज़र और माइक्रोसॉफ़्ट के सत्‍या नडेला ने भी आईएलटी20 और एमएलसी में टीम ख़रीदी हैं।
ट्रेंट बोल्‍ट ने पिछले साल न्‍यूज़ीलैंड के सालाना करार से खु़द को दूर कर लिया था, यह कहते हुए कि वह बेहतर वर्क लाइफ़ बैलेंस बनाना चाहते हैं। वह आईपीएल में राजस्‍थान रॉयल्‍स के लिए खेले और माय ऐमिरेट्स के लिए भी और जुलाई में वह अमेरिका में शुरू होने वाली पहली मेजर टी20 लीग में खेलते दिखेंगे। जेसन रॉय ने भी हाल ही में खु़द को इंग्‍लैंड के केंद्रीय करार से खु़द को दूर रखा था और मंगलवार को उन्‍हें लॉस एंजिलिस नाइट राइडर्स ने ख़रीदा।

'अनुचित प्रतिस्‍पर्धा लाभ'

वर्किंग ग्रुप में यह भी राय थी कि आईएलटी20 और ग्‍लोबल टी20 कनाडा और एमएलसी जैसी लीग में अनुचित प्रतिस्‍पर्धा लाभ है जो फुल मेंबर बोर्ड के शीर्ष खिलाड़‍ियों को लुभाकर इसको एक तरह का निम्‍नस्‍तरीय विश्‍व कप बनाती हैं। फुल मेंबर बोर्ड के द्वारा चलाई जा रही लीग के विपरित इन लीग में इंफ़्रास्‍ट्रक्‍चर और एज ग्रुप क्रिकेट, प्र‍थम श्रेणी क्रिकेट और ए टीम क्रिकेट में निवेश करने की ज़रूरत नहीं थी। इसकी जगह वे बड़े खिलाड़‍ियोंं को लीग के लिए लेते हैं और फ‍िर वे चले जाते हैं।
2018 में, क्रिकेट वेस्टइंडीज़ के सीईओ जॉनी ग्रेव ने टी20 लीग के बढ़ते प्रभाव पर एक कागज़ तैयार किया जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि जब तक आईसीसी और पूर्ण सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के तरीके़ नहीं मिलते तब तक क्रिकेट "ख़तरे में" रहेगा।
2019 में आईसीसी सीईसी ने टी20 लीग में पांच विदेशी खिलाड़‍ियों का कैप लगाने पर विचार किया था जिसे बोर्ड मेंबर्स ने ठुकरा दिया था। लेकिन उन्‍हीं में से कुछ ने इस बहस को फ‍िर से शुरू किया है। 2022 में बर्मिंघम में हुई आईसीसी की सालाना कांफ़्रेंस में पीसीबी समेत कई फु़ल मेंबर सदस्‍यों ने आईएलटी20 में प्‍लेयिंग इलेवन में नौ खिलाड़ी रखने पर चिंता जताई थी।

10% की फ़ीस

वर्किंग ग्रुप ने एक संभावित सिफ़ारिश पर भी ध्यान दिया, जो टी20 लीग की मेज़बानी करने वाले बोर्ड को हर सीज़न में खिलाड़ियों के घरेलू बोर्ड को 10% रिलीज़ फ़ीस देने के लिए मजबूर करेगी।
आईपीएल अपनी स्थापना के बाद से रिलीज़ फ़ीस का भुगतान कर रहा है। बीसीसीआई बोर्ड को प्रति खिलाड़ी न्यूनतम 10% रिलीज़ फ़ीस का भुगतान करता है। अन्य लीगों ने भी, खिलाड़ी अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए साथी बोर्डों के साथ द्विपक्षीय समझौतों में बातचीत की है।
इस चर्चा को अब जुलाई की बैठक में सीईसी द्वारा उठाया जाएगा।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्‍यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।