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कैसे सैमसन अन्य विकेटकीपरों से आगे निकले और लिया टी20 विश्व कप का टिकट

वह लंबे समय से भारतीय टीम के सेटअप का हिस्सा हैं लेकिन इस बार IPL में उन्होंने कुछ अलग किया

Sanju Samson's range of shots expanded as his innings progressed, Lucknow Super Giants vs Rajasthan Royals, IPL 2024, Lucknow, April 27, 2024

पहली बार किसी विश्‍व कप टीम में चुने गए हैं संजू सैमसन  •  AFP/Getty Images

मंगलवार का दिन संजू सैमसन के करियर का यादगार दिन बन गया। ऋषभ पंत के साथ वह भारत की टी20 विश्‍व कप टीम में बतौर विकेटकीपर चुने गए थे। यह पहली बार था जब वह किसी विश्‍व कप टीम में चुने गए हों।
सैमसन का कौशल से हर कोई वाकिफ़ था, इसीवजह से वह पिछले पांच सालों से भारतीय टीम के सेटअप का हिस्‍सा थे। 2020 की शुरुआत से वह 24 टी20आई खेले, जो जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जाडेजा (दोनों 20-20) से अधिक हैं।
लेकिन वह बहुत कम प्रथम पसंद रहे थे। वह या तो चोट प्रतिस्‍थापन या दूसरी स्‍तर की टीम का हिस्‍सा रहे। तो इन तीन सालों में उन्‍हें कभी भी लगातार खेलने का अवसर नहीं मिला। केवल एक ही बार वह लगातार दो टी20आई सीरीज़ खेले। अन्य बातों के अलावा, यह भी एक कारण हो सकता है कि वह अपनी प्रतिभा को प्रदर्शन में बदलने में सक्षम नहीं हो सके।
इसी समय पर प्रतिस्‍पर्धा भी कड़ी हो रही थी। केएल राहुल और इशान किशन यहां पर थे। IPL 2023 में जितेश शर्मा ने भी पंजाब किंग्‍स के लिए एक बेहतरीन फ़ीनिशर का काम किया। वेस्‍टइंडीज़ में तीन पारियों में 114.28 के स्‍ट्राइक रेट से केवल 32 रन बनाने के बाद चयनकर्ताओं ने ज‍ितेश की ओर देखना शुरू कर दिया था।
लेकिन IPL 2024 में सैमसन ने कमाल कर दिया। राजस्‍थान रॉयल्‍स की कप्‍तानी करते हुए उन्‍होंने अभी तक नौ मैचों में 161.08 के स्‍ट्राइक रेट और 77.00 की औसत से 385 रन बनाए हैं। और 100 रन बनते हैं तो यह उनका सबसे बेहतरीन IPL सीज़न होगा, वहीं उनकी मौजूदा औसत, स्‍ट्राइक रेट और 50 से अधिक स्‍कोर पहले ही एक सीज़न में उनका बेहतरीन प्रदर्शन बन चुका है।
पिछले कुछ सालों की ही तरह सैमसन ने लखनऊ सुपर जायंट्स के ख़‍िलाफ़(LSG) 55 गेंद में नाबाद 82 रनों से शुरुआत की, लेकिन वे वहीं नहीं रूके। तीन मैच के बाद उन्‍होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़‍िलाफ़ 69 रन बनाए और गुजरात टाइटंस के ख़‍िलाफ़ नाबाद 68 रन बनाए। हाल ही में उन्‍होंने LSG के ख़‍िलाफ़ 33 गेंद में नाबाद 71 रन बनाकर अपनी टीम को एक ओवर शेष रहते जीत दिलाई।
पहले मैच के बाद उन्‍होंने 60.60 की औसत और 162.03 के स्‍ट्राइक रेट से 303 रन बनाए हैं।
लेकिन कैसे उन्‍होंने इस निरंतरता को हासिल किया? जयपुर में पहले मैच के बाद उन्‍होंने अपने माइंडसेट में बदलाव किया। उन्‍होंने कहा था, "इस बार टीम संयोजन अलग होने की वजह से मेरा रोल थोड़ा अलग हो गया है। मैं दस सालों से IPL खेल रहा हूं, तो अनुभव भी आ गया है। मुझे लगा कि मुझे क्रीज पर और समय बिताने की आवश्‍यकता है, जहां परिस्‍थति को समझा जा सके और तब देखा जाए। मुझे इस तरह के विकेटों पर कुछ वनडे खेलने की वजह से भी मदद मिली।"
आंकड़ों को अगर गहराई से देखा जाए तो पता चलेगा कि सैमसन ने शुरुआत में स्‍थ‍िरता का इरादा दिखाया है, जिससे उन्‍हें एक बेहतरीन वापसी करने में मदद मिली।
पिछले दो सीज़न से उन्‍होंने शुरुआत से ही आक्रामक होने को देखा और पहली 10 गेंद में नौ बार आउट हो गए। इनमें छह बार वह आक्रामक शॉट लगाते हुए आउट हुए।
इस बार वह थोड़ा देखकर खेल रहे हैं। परिणाम स्‍वरुप, उनका आक्रामक शॉट पर कंट्रोल (75.26% से 90.91%) अधिक हो गया है। पहली 10 गेंद में उनका स्‍ट्राइक रेट पिछले दो साल की तुलना में 145.69 से 137.50 हो गया है। इस पीरियड में वह अभी तक आक्रामक शॉट खेलते हुए इस सीज़न आउट नहीं हुए हैं।
इस अप्रोच से सैमसन को लंबे समय तक हावी होने में मदद मिली है। इसी समय पर उनकी टीम ने पांच बार पहले दो ओवरों के बीच पहला विकेट गंवा दिया, लेकिन सैमसन ने टीम को अधिक दिक्‍कत होने से बचा लिया।
जहां तक विश्‍व कप की बात है तो सैमसन ने अपने सारे रन नंबर तीन पर बनाए हैं, यह वह स्‍थान है जहां पर उन्‍होंने अपना अधिकतर 255 पारियों में से 124 बार टी20 क्रिकेट खेला है और यहीं पर उन्‍हें अधिक सफलता मिली है।
जब तक भारत यशस्वी जयसवाल को बाहर नहीं करता और रोहित शर्मा और विराट कोहली के साथ ओपनिंग नहीं करता, तब तक उनके विकेटकीपर को नंबर 5 पर रखा जाएगा, यह स्थिति पंत के लिए अधिक उपयुक्त है, जिन्हें बायें हाथ के बल्लेबाज़ होने का भी फ़ायदा है।
सैमसन के हक़ में बात यह है कि वह इस सीज़न मध्‍य ओवरों (7-16) में हावी रहे हैं, जहां पर उन्‍होंने 161.31 के स्‍ट्राइक रेट और 110.50 की औसत से रन बनाए हैं। वह इस दौरान पेस और स्पिन दोनों के ख़‍िलाफ़ शानदार खेले हैं। यह बात उन्‍हें पंत से आगे करती है जिन्‍होंने स्पिन के ख़‍िलाफ़ 117.92 के स्‍ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। यहां तक कि इस सीज़न सैमसन और हाइनरिक क्‍लासन ही दो ऐसे बल्‍लेबाज़ हैं जिन्‍होंने पेस और स्पिन के ख़‍िलाफ़ 40 से अधिक की औसत से 100 से अधिक रन बनाए हैं।
लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है कि सैमसन अभी विश्‍व कप के बारे में सोच रहे हैं। अभी भी इसमें एक महीने का समय है। उनका अभी फ़ोकस RR पर होगा जो नौ में से आठ मैच जीती है और प्‍लेऑफ़ में क्‍वाल‍िफ़ाई करने के बेहद क़रीब है।

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।