टी20 विश्व कप 2021 : किसी के लिए टॉस बना हीरो तो किसी के लिए विलेन
जब यूएई में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने पूरा किया टी20 विश्व कप जीतने का सपना
निखिल शर्मा
16-Oct-2022
ऑस्ट्रेलिया ने 2021 में पहली बार टी20 विश्व कप ख़िताब अपने नाम किया था • AFP/Getty Images
टी20 विश्व कप का समय आ गया है। 2007 में स्थापित हुए इस टूर्नामेंट ने पिछले कुछ सालों में कई रोमांचक संस्करण क्रिकेट जगत को दिए हैं। हर साल कुछ यादगार खिलाड़ियों और टीमों ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम लिखा हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का यह प्रयास है कि हम काउंटडाउन के ज़रिए ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पुरुष क्रिकेट के पहले टी20 विश्व कप से पहले अब तक बीते सारे संस्करणों की यादें ताज़ा करें। आज हम बात करेंगे सबसे हालिया संस्करण की। यह विश्व कप पहले 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होना था लेकिन कोविड की वजह से स्थगित हुआ और भारत ने 2021 विश्व कप की मेज़बानी यूएई में की।
वाह...भाई बड़ी जानकारी रखते हो, लगता है आगे और भी परत खुलेंगी।
जी, बस सवाल पूछते जाओ।
तो चलो यह बताओ...
ऑस्ट्रेलिया कैसे इस टूर्नामेंट को जीत गया, वह तो पिछली तीन सीरीज़ हारा था, है ना?
हां, ऑस्ट्रेलिया की टीम केवल एक बार 2010 में टी20 विश्व कप का फ़ाइनल खेल पाई थी लेकिन तब इंग्लैंड ने उनका सपना तोड़ दिया था। इस बार फ़ाइनल में सामने न्यूज़ीलैंड थी और कप्तान केन विलियमसन रोड़ा बन गए थे। अकेले अर्धशतक लगाकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल चुनौती दी लेकिन हीरो साबित हुए मिचेल मार्श। डेविड वॉर्नर के अर्धशतक लगाकर आउट होने के बाद मार्श ने नाबाद रहते 50 गेंदों में 77 रन बना डाले। ऑस्ट्रेलिया का टी20 विश्व कप जीतने का सपना 14 वर्ष बाद पूरा हुआ।
हां, ऑस्ट्रेलिया की टीम केवल एक बार 2010 में टी20 विश्व कप का फ़ाइनल खेल पाई थी लेकिन तब इंग्लैंड ने उनका सपना तोड़ दिया था। इस बार फ़ाइनल में सामने न्यूज़ीलैंड थी और कप्तान केन विलियमसन रोड़ा बन गए थे। अकेले अर्धशतक लगाकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल चुनौती दी लेकिन हीरो साबित हुए मिचेल मार्श। डेविड वॉर्नर के अर्धशतक लगाकर आउट होने के बाद मार्श ने नाबाद रहते 50 गेंदों में 77 रन बना डाले। ऑस्ट्रेलिया का टी20 विश्व कप जीतने का सपना 14 वर्ष बाद पूरा हुआ।
हां हां, अब याद आया, लेकिन श्रीलंका और बांग्लादेश ग्रुप स्टेज में क्यों थे?
वाह! सवाल तो यह भी सटीक है। मज़ा आएगा बताने में। दरअसल, मेज़बान भारत के अलावा शीर्ष सात टीमों ने सुपर 12 के लिए सीधा क्वालीफ़ाई किया था, जिसमें श्रीलंका और बांग्लादेश नहीं थे। ग्रुप स्टेज जीतकर वे सुपर 12 में पहुंचे।
वाह! सवाल तो यह भी सटीक है। मज़ा आएगा बताने में। दरअसल, मेज़बान भारत के अलावा शीर्ष सात टीमों ने सुपर 12 के लिए सीधा क्वालीफ़ाई किया था, जिसमें श्रीलंका और बांग्लादेश नहीं थे। ग्रुप स्टेज जीतकर वे सुपर 12 में पहुंचे।
इस संस्करण के दौरान विश्व कप क्रिकेट में पहली बार पाकिस्तान ने भारत को हराया था•Aamir Qureshi/AFP/Getty Images
सुपर 12 में किसका हाल कैसा था?
ग्रुप 2 में भारत पहले ही मैच में पाकिस्तान से 10 विकेट से हार गया। यह विश्व कप क्रिकेट में पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की पहली हार थी। समीकरण कुछ ऐसा बना कि भारत अगले मैच में न्यूज़ीलैंड से भी हार गया। भारत अपने अंतिम तीन मैच तो अच्छे रन रेट से जीत गया लेकिन नामीबिया की टीम न्यूज़ीलैंड को नहीं हरा पाई और पाकिस्तान के साथ न्यूज़ीलैंड सेमीफ़ाइनल में पहुंचा। दूसरा ग्रुप ज़्यादा फंसा हुआ था लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आठ-आठ अंक लेकर सेमीफ़ाइनल में जा पहुंच थे। साउथ अफ़्रीका नेट रन रेट में ऑस्ट्रेलिया से पिछड़कर बाहर हुआ।
ग्रुप 2 में भारत पहले ही मैच में पाकिस्तान से 10 विकेट से हार गया। यह विश्व कप क्रिकेट में पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की पहली हार थी। समीकरण कुछ ऐसा बना कि भारत अगले मैच में न्यूज़ीलैंड से भी हार गया। भारत अपने अंतिम तीन मैच तो अच्छे रन रेट से जीत गया लेकिन नामीबिया की टीम न्यूज़ीलैंड को नहीं हरा पाई और पाकिस्तान के साथ न्यूज़ीलैंड सेमीफ़ाइनल में पहुंचा। दूसरा ग्रुप ज़्यादा फंसा हुआ था लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आठ-आठ अंक लेकर सेमीफ़ाइनल में जा पहुंच थे। साउथ अफ़्रीका नेट रन रेट में ऑस्ट्रेलिया से पिछड़कर बाहर हुआ।
सच में यह तो बहुत रोमांचक ग्रुप स्टेज मैच थे, आगे और भी बताओ ना।
पाकिस्तान तो फ़ेवरेट दिख रही थी, उनके साथ यह कैसे हुआ?
सच में, यह टीम ख़िताब की प्रबल दावेदार लग रही थी। टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बाबर आज़म के नाम थे। छह मैच में 60 की औसत से 303 रन, जिसमें चार अर्धशतक। दूसरी ओर मोहम्मद रिज़वान नंबर तीन पर रहे, जिन्होंने छह पारियों में 70.25 की औसत से 281 रन तीन अर्धशतक की मदद से बना दिए। सेमीफ़ाइनल में टॉस उनके हक़ में नहीं गया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्कस स्टॉयनिस और मैथ्यू वेड ने नाबाद पारियां खेलकर जीत दिला दी।
सच में, यह टीम ख़िताब की प्रबल दावेदार लग रही थी। टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बाबर आज़म के नाम थे। छह मैच में 60 की औसत से 303 रन, जिसमें चार अर्धशतक। दूसरी ओर मोहम्मद रिज़वान नंबर तीन पर रहे, जिन्होंने छह पारियों में 70.25 की औसत से 281 रन तीन अर्धशतक की मदद से बना दिए। सेमीफ़ाइनल में टॉस उनके हक़ में नहीं गया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्कस स्टॉयनिस और मैथ्यू वेड ने नाबाद पारियां खेलकर जीत दिला दी।
अरे...हां यह टॉस तो आधा मैच जिता रहा था ना?
बिल्कुल सही कहा है, यूएई की परिस्थितियों में जो टॉस जीतता वह गेंदबाज़ी करता। ऐसे में तीनों नॉकआउट मैच में टॉस अहम रहा। सेमीफ़ाइनल जैसे मैच में पाकिस्तान टॉस हारा और मैच। दूसरे सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड टॉस हारा और मैच। फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड टॉस हारा और ख़िताब।
बिल्कुल सही कहा है, यूएई की परिस्थितियों में जो टॉस जीतता वह गेंदबाज़ी करता। ऐसे में तीनों नॉकआउट मैच में टॉस अहम रहा। सेमीफ़ाइनल जैसे मैच में पाकिस्तान टॉस हारा और मैच। दूसरे सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड टॉस हारा और मैच। फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड टॉस हारा और ख़िताब।
तो प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट कौन रहा?
यह खिलाड़ी थे वॉर्नर जिनके लिए यह टूर्नामेंट यादगार बन गया। वॉर्नर ने सात मैचों में 48.16 की औसत और 146.70 के स्ट्राइक रेट से तीन अर्धशतक समेत 289 रन बना डाले, जिसमें 89 रनों की नाबाद पारी सर्वश्रेष्ठ रही। उनके इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
यह खिलाड़ी थे वॉर्नर जिनके लिए यह टूर्नामेंट यादगार बन गया। वॉर्नर ने सात मैचों में 48.16 की औसत और 146.70 के स्ट्राइक रेट से तीन अर्धशतक समेत 289 रन बना डाले, जिसमें 89 रनों की नाबाद पारी सर्वश्रेष्ठ रही। उनके इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
वाह! भाई मज़ा आ गया, सारी यादें ताज़ा हुई।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26