टी20 विश्व कप 2021 : किसी के लिए टॉस बना हीरो तो किसी के लिए विलेन
जब यूएई में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने पूरा किया टी20 विश्व कप जीतने का सपना
हां, ऑस्ट्रेलिया की टीम केवल एक बार 2010 में टी20 विश्व कप का फ़ाइनल खेल पाई थी लेकिन तब इंग्लैंड ने उनका सपना तोड़ दिया था। इस बार फ़ाइनल में सामने न्यूज़ीलैंड थी और कप्तान केन विलियमसन रोड़ा बन गए थे। अकेले अर्धशतक लगाकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल चुनौती दी लेकिन हीरो साबित हुए मिचेल मार्श। डेविड वॉर्नर के अर्धशतक लगाकर आउट होने के बाद मार्श ने नाबाद रहते 50 गेंदों में 77 रन बना डाले। ऑस्ट्रेलिया का टी20 विश्व कप जीतने का सपना 14 वर्ष बाद पूरा हुआ।
वाह! सवाल तो यह भी सटीक है। मज़ा आएगा बताने में। दरअसल, मेज़बान भारत के अलावा शीर्ष सात टीमों ने सुपर 12 के लिए सीधा क्वालीफ़ाई किया था, जिसमें श्रीलंका और बांग्लादेश नहीं थे। ग्रुप स्टेज जीतकर वे सुपर 12 में पहुंचे।
ग्रुप 2 में भारत पहले ही मैच में पाकिस्तान से 10 विकेट से हार गया। यह विश्व कप क्रिकेट में पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की पहली हार थी। समीकरण कुछ ऐसा बना कि भारत अगले मैच में न्यूज़ीलैंड से भी हार गया। भारत अपने अंतिम तीन मैच तो अच्छे रन रेट से जीत गया लेकिन नामीबिया की टीम न्यूज़ीलैंड को नहीं हरा पाई और पाकिस्तान के साथ न्यूज़ीलैंड सेमीफ़ाइनल में पहुंचा। दूसरा ग्रुप ज़्यादा फंसा हुआ था लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आठ-आठ अंक लेकर सेमीफ़ाइनल में जा पहुंच थे। साउथ अफ़्रीका नेट रन रेट में ऑस्ट्रेलिया से पिछड़कर बाहर हुआ।
सच में, यह टीम ख़िताब की प्रबल दावेदार लग रही थी। टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बाबर आज़म के नाम थे। छह मैच में 60 की औसत से 303 रन, जिसमें चार अर्धशतक। दूसरी ओर मोहम्मद रिज़वान नंबर तीन पर रहे, जिन्होंने छह पारियों में 70.25 की औसत से 281 रन तीन अर्धशतक की मदद से बना दिए। सेमीफ़ाइनल में टॉस उनके हक़ में नहीं गया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्कस स्टॉयनिस और मैथ्यू वेड ने नाबाद पारियां खेलकर जीत दिला दी।
बिल्कुल सही कहा है, यूएई की परिस्थितियों में जो टॉस जीतता वह गेंदबाज़ी करता। ऐसे में तीनों नॉकआउट मैच में टॉस अहम रहा। सेमीफ़ाइनल जैसे मैच में पाकिस्तान टॉस हारा और मैच। दूसरे सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड टॉस हारा और मैच। फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड टॉस हारा और ख़िताब।
यह खिलाड़ी थे वॉर्नर जिनके लिए यह टूर्नामेंट यादगार बन गया। वॉर्नर ने सात मैचों में 48.16 की औसत और 146.70 के स्ट्राइक रेट से तीन अर्धशतक समेत 289 रन बना डाले, जिसमें 89 रनों की नाबाद पारी सर्वश्रेष्ठ रही। उनके इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26