ऑस्ट्रेलियाई कप्तान
ऐरन फ़िंच ने कहा है कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनकी टीम की सफलता का एक प्रमुख कारण 'टॉस' तो था, लेकिन उनकी टीम ने भी बेहतरीन क्रिकेट खेला। ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट के दौरान जितने भी मैच जीते, पहले गेंदबाज़ी करते हुए जीते। उन्होंने इस विश्व कप के सात में से छह मैचों में टॉस जीता।
फ़िंच ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो टॉस की भूमिका बहुत अहम थी। हालांकि हम इसके लिए हमेशा से तैयार थे कि किसी ना किसी मैच में हम टॉस हार सकते हैं और हमें पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतारा जा सकता है। रात की हर मैचों की तरह यहां पर भी थोड़ा ही सही लेकिन ओस की भूमिका थी और धीमे गेंदबाज़ों को परेशानी हो रही थी।"
उन्होंने आगे कहा, "जिस तरह से हमने पूरे टूर्नामेंट के दौरान नई गेंद से गेंदबाज़ी की, वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमने फ़ाइनल में भी न्यूज़ीलैंड को पहले 10 ओवर में सिर्फ़ 57 रन ही बनाने दिया। रात में ओस भी इस पूरे टूर्नामेंट की तुलना में अधिक गिरे, इसका भी हमें फ़ायदा हुआ।"
फ़िंच ने कहा, "टी20 क्रिकेट में आपको भाग्य की भी ज़रूरत होती है। हमने सात में से छह मैचों में टॉस जीते, जिसका हमारे अभियान पर बड़ा प्रभाव पड़ा। लेकिन यह भी तथ्य है कि हमने बेहतरीन क्रिकेट खेला। हमने आक्रामक क्रिकेट खेला, जिससे टीमें बैकफ़ुट पर आ गईं।"
फ़िंच ने 38 गेंदों पर 53 रन बनाने वाले
डेविड वॉर्नर की भी ख़ूब तारीफ़ की। यह वॉर्नर का लगातार तीसरा 40+ का स्कोर था। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ आख़िरी ग्रुप मुक़ाबले में 57 गेंदों पर 89 और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ महत्वपूर्ण सेमीफ़ाइनल में 30 गेंदों पर 49 रन बनाए थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' का अवार्ड मुख्य चरण में सबसे अधिक विकेट लेने वाले ऐडम ज़ैम्पा को मिलना चाहिए था।
फ़िंच ने कहा कि वॉर्नर की आक्रामक बल्लेबाज़ी पूरे ऑस्ट्रेलियाई टीम की आक्रामक दृष्टिकोण को दर्शाती है। "टूर्नामेंट से पहले उनके फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे लेकिन मैं उनके लिए निश्चिंत था। मैंने कोच जस्टिन लैंगर से भी कहा था कि वह टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक होगा। वह एक जुझारू चरित्र और टी20 क्रिकेट के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक है।"
मैट रोलर ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है