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माइलो के बैट से BCCI लेवल-2 कोच तक : शायला आलम की अनोखी क्रिकेट यात्रा

शायला ने क्रिकेट खेलना तो छोड़ दिया लेकिन इस खेल में उन्होंने अपने लिए नई संभावनाएं भी तलाश लीं

नीरज पाण्डेय
12-Nov-2025 • 2 hrs ago
Harleen Deol poses for a picture with Shyla Alam, Nagaland's Strength and Conditioning coach, April 2, 2025

शायला, हरलीन देओल और हरमनप्रीत कौर जैसी खिलाड़ियों के साथ मैदान साझा कर चुकी हैं  •  Shyla Alam

छत्तीसगढ़ के दुर्ग से निकलकर क्रिकेट की पिच पर अपने पैरों का निशान छोड़ने वाली शायला आलम आज सिर्फ़ अपनी उपलब्धियों की वजह से नहीं, बल्कि अपनी सोच की वजह से भी प्रेरणा हैं। उन्होंने मैदान पर एक खिलाड़ी के रूप में शुरुआत की और अब नागालैंड पुरुष टीम की स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के रूप में नई इबारत लिख रही हैं। पुरुष टीम के साथ काम कर रही वह देश की पहली महिला स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच हैं। लगभग 15 सालों तक क्रिकेट खेलने के बाद शायला ने 31 साल की उम्र में नए सफ़र पर निकलने का निर्णय लिया।
शायला ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा "मैं हमेशा से क्रिकेट के साथ जुड़ी रहना चाहती थी। मैदान से दूर रहना कभी पसंद नहीं था। इसलिए जब खेलने से आगे का रास्ता ढूंढ रही थी, तो मुझे लगा कि स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोचिंग ही वो रास्ता है जो मुझे क्रिकेट से जोड़े रखेगा।"
शायला की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती। बचपन में वो माइलो पीती थीं। उस दौर में जब माइलो के साथ एक बैट मुफ्त आता था। उसी बैट ने शायद उनकी ज़िन्दगी की दिशा तय कर दी। गली क्रिकेट से शुरू हुए सफ़र के बाद जब उनकी मां और बहन को भरोसा हो गया कि उन्हें आगे ले जाना चाहिए तो एकैडमी खोजी जाने लगी। हालांकि, उस समय लड़कियों के लिए एकैडमी थी नहीं, लेकिन किसी तरह उन्हें एक एकैडमी मिली। इसके बाद उन्हें पता लगा कि असली क्रिकेट मध्य प्रदेश में खेली जाती है तो वह अपने सपने लेकर वहां चली गईं।
शायला ने बताया, "मैं गली में लड़कों के साथ खेलती थी। माइलो पीने के कारण बल्लों का अच्छा कलेक्शन हो ही चुका था। धीरे-धीरे खेल में सुधार होता गया और मेरी मां तथा बड़ी बहन ने मुझे एकैडमी में भेजा। वहां से समझ आया कि असली क्रिकेट क्या होती है।"
ऐज ग्रुप में अच्छा प्रदर्शन करके शायला ने मध्य प्रदेश की टीम में जगह बनाई और जब 2018 में BCCI ने छत्तीसगढ़ को एसोसिएशन का दर्जा दिया, तो शायला वहीं से अपने राज्य के लिए खेलने लगीं। लगातार अच्छे प्रदर्शन के दम पर रेलवे में उनका चयन हुआ। रेलवे में जाने के बाद पहली बार शायला को समझ आया कि क्रिकेटरों के लिए फ़िटनेस ट्रेनिंग कितनी आवश्यक है। फ़िटनेस पर अच्छा काम करने के बाद उन्हें अपनी फील्डिंग और स्ट्रोक प्ले में काफ़ी बदलाव नज़र आए। इसके बाद ही उन्होंने फ़िटनेस की दुनिया को ही अपना अगला पड़ाव बनाने की ठान ली।
2019 से 2025 के बीच शायला ने लगातार फ़िटनेस ट्रेनिंग को लेकर अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग जारी रखी। उन्होंने ACL लेवल-1, ACSL लेवल-2 और हाल ही में BCCI लेवल-2 कोचिंग सर्टिफ़िकेशन पूरा किया। लॉकडाउन के दौर में, जब क्रिकेट थम सा गया था तो उन्होंने उसे अपने लिए "अपग्रेड फेज़" बना लिया। 2021 में ही शायला ने क्रिकेटर के रूप में अपना आख़िरी प्रोफेशनल मैच खेल लिया था। इसके बाद से वह पूरी तरह ख़ुद को फ़िटनेस कोच बनाने के लिए जोर लगाने लगीं।
उन्होंने बताया, "उस वक्त मैंने अपने मेंटॉर युवराज साल्वी के साथ बैठकर प्लानिंग की कि अलग-अलग फ़ॉर्मेट के हिसाब से ट्रेनिंग कैसे बदलती है। वही समय मेरे करियर की दिशा तय करने वाला साबित हुआ। अलग-अलग फ़ॉर्मेट में खिलाड़ियों को कैसे ट्रेन करना है और कितनी एनर्जी लगानी है इसकी मैंने काफ़ी पढ़ाई की।"
2021 में शायला ने भारत के कई क्रिकेट एसोसिएशन को मेल किया और ख़ुद के लिए नौकरी मांगी। उन्हें केवल नागालैंड क्रिकेट एसोसिएशन से जवाब आया और वहीं से कोचिंग करियर की उनकी नई पारी शुरू हुई। शुरुआत अंडर-19 महिला टीम से हुई, फिर सीनियर विमेंस टीम और 2023 में उन्हें एक मौक़ा मिला जो भारत में शायद ही किसी महिला को मिला हो। सीनियर मेंस टीम की स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच बनने का।
उन्होंने गर्व से कहा, "एसोसिएशन ने मुझ पर भरोसा किया। अंडर-19 टीम के साथ अच्छा काम करने के बाद प्रमोट करके मुझे सीनियर टीम के साथ जोड़ा गया। इसके बाद 15 दिन का प्री सीज़न कैंप मेंस टीम के साथ लगा और मुझे उसमें शामिल किया गया। परिवार से बात करके फिर मैंने 2023 में ही इस मौक़े के लिए हां कर दिया और तब से लेकर अब तक टीम के साथ काम कर रही हूं। शुरुआत में थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि खिलाड़ियों ने पहले कभी महिला कोच के साथ काम नहीं किया था। लेकिन मैंने ठान लिया था कि भरोसा जीतना है। एक हफ्ते में माहौल बदल गया और जब रिज़ल्ट दिखने लगे तो सबने मेरा साथ दिया।"
शायला ने भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान बैच के लगभग सभी खिलाड़ियों के साथ या उनके ख़िलाफ़ क्रिकेट खेला हुआ है। वर्तमान कप्तान हरमनप्रीत कौर से लेकर हरलीन देओल तक कई खिलाड़ियों के साथ वह मैदान शेयर कर चुकी हैं। हालांकि, उनके पास गिनाने के लिए क्रिकेट खेलने से अधिक स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के रूप में बड़ी उपलब्धियां हैं और उन्हें इस पर काफ़ी गर्व भी है।
वह कहती हैं, "पिछले तीन साल से मैं BCCI के COE (सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस) के लिए काम कर रही हूं। इसमें टारगेटेड विमेंस सीनियर टीम के लिए काम किया है जो 2024 T20 विश्व कप की तैयारी के लिए एक कैंप था। उसके बाद अंडर-16 विमेंस क्रिकेट टीम का हाई परफॉर्मेंस कैंप किया है। हाल ही में इमर्जिंग एशिया कप के लिए एक तैयारी कैंप एंड हाई परफॉर्मेंस कैंप लगा हुआ था COE में वो भी मैंने किया था। हाल ही में हुए महिला वनडे विश्व कप से पहले अफ़ग़ानिस्तान महिला क्रिकेट टीम के लिए BCCI ने एक कैंप कराया था तो उसमें हेड स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच मुझे चुना गया था।"