तिलक वर्मा ने अपने डेब्यू मैच पर कई आकर्षक शॉट लगाए • AFP/Getty Images
अगला टी20 विश्व कप का सह-आयोजन कुछ ही महीनों में वेस्टइंडीज़ में ही होगा। ऐसे में टी20 सीरीज़ के पहले मुक़ाबले में भारत के पास मौक़ा था कि एक युवा टीम को लेकर वह इस अभियान की नींव रखे। लेकिन एक निराशाजनक बल्लेबाज़ी में तिलक वर्मा (39) के अलावा किसी ने 22 का आंकड़ा भी नहीं छुआ। इससे पहले गेंदबाज़ी में स्पिनरों ने प्रभावित किया, जहां युज़वेंद्र चहल (तीन ओवर में 2/24) और कुलदीप यादव (1/20) ने अच्छे नियंत्रण से गेंदबाज़ी की।
क्या सही क्या ग़लत?
भारत की टीम चयन अटपटी थी। तिलक वर्मा को अगर जोड़ें तो सात गेंदबाज़ी के विकल्प थे और बल्लेबाज़ी में गहराई की कमी थी। ऐसे में सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन और हार्दिक पंड्या जैसे सीनियर बल्लेबाज़ों पर काफ़ी कुछ निर्भर था लेकिन किसी ने गेम को फ़िनिश नहीं किया।
हालांकि भारत की गेंदबाज़ी अच्छी रही। स्पिन गेंदबाज़ों ने अनुकूल पिच पर वेस्टइंडीज़ के रन गति पर अंकुश ज़रूर लगाया। तेज़ गेंदबाज़ों ने फ़िनिश भी अच्छा किया, हालांकि चार रन से हारे मैच में छह वाइड डालना भी भारत के लिए बहुत क़ीमती साबित हुआ।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
इशान किशन, 4: किशन भारत के लिए फ़ॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ थे। ऐसे में एक चुनौतीपूर्ण विकेट पर उनकी शुरुआती बल्लेबाज़ी ख़राब रही। अपने सलामी जोड़ीदार शुभमन गिल को खोने के बाद एक भाग्यशाली बाउंड्री के तुरंत बाद वह एक और आक्रामक शॉट मारने के प्रयास में आउट हुए।
शुभमन गिल, 3: शुभमन शायद इस मैच में भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम में तकनीकी रूप से सबसे सक्षम बल्लेबाज़ थे। पहली पारी से उन्हें समझ लेना चाहिए था कि स्पिन के ख़िलाफ़ तेज़ी से रन बनाना आसान नहीं और ऐसे में उनके सामने वेस्टइंडीज़ के इकलौते विशेषज्ञ स्पिनर थे अकील हुसैन। बाहर निकलती स्पिन के विरुद्ध क़दमों का इस्तेमाल करना ख़तरे से खाली नहीं था और वह इसी प्रयास में आउट भी हुए।
सूर्यकुमार यादव, 5.5: इस मैच में तीन पर उतरे सूर्यकुमार यादव के पास मौक़ा था अपने विश्व नंबर 1 की ख्याति के अनुसार एक बड़ी पारी खेलने का। शुरुआत में उन्होंने एक ज़बरदस्त स्ट्रेट ड्राइव लगाकर कुछ फ़ॉर्म में होने के आसार दिए। हालांकि तेज़ गेंदबाज़ लगातार उन्हें ऑफ़ स्टंप के बाहर सताते रहे और ऐसी ही गेंद पर हवाई ड्राइव से उनका विकेट गिरा।
तिलक वर्मा, 8.5: तिलक के बारे में माना जाता है कि वह हर फ़ॉर्मैट में भारत के लिए एक उपयोगी खिलाड़ी सिद्ध हो सकते हैं। आज इसके पहले आसार उनके अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण में दिखे। पहले फ़ील्ड में उन्होंने दो अच्छे कैच पकड़े, जिसमें जॉनसन चार्ल्स के डाइविंग कैच में उन्होंने अपने बेहतरीन एथलीट होने का एहसास दिलाया। बल्लेबाज़ी में जिस तरह उन्होंने अल्ज़ारी जोसेफ़ पर लगातार छक्के लगाकर धावा बोला, उससे नॉन-स्ट्राइक छोर पर सूर्यकुमार यादव को ख़ुद जोफ़्रा आर्चर की गेंद पर अपने डेब्यू पर लगाए गए छक्के की याद आई होगी। तिलक के अतिरिक्त अंक इसलिए कटते हैं कि वह पूरी नियंत्रण में दिखते हुए अति आक्रमण का शिकार हुए।
हार्दिक पंड्या, 8.5: हार्दिक की कप्तानी काफ़ी अच्छी रही। पहले वह ख़ुद गेंदबाज़ी करने आए और कुछ अच्छे मिश्रण के साथ वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाया, जिसका फ़ायदा दूसरे छोर पर स्पिन गेंदबाज़ों को मिला।बल्ले से वह एक मुश्क़िल वक़्त पर उतरे और एक सटीक पारी खेल रहे थे लेकिन होल्डर के ऑफ़ कटर को समझ नहीं पाए और एक नाज़ुक़ मोड़ पर पवेलियन लौट गए।
संजू सैमसन, 4: सैमसन के लिए यह उपयुक्त पिच ज़रूर नहीं थी लेकिन उनकी शुरुआत आश्वस्त नज़र आई। डायरेक्ट हिट पर आउट होना उनके लिए थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण भी रहा।
अक्षर पटेल, 5: अक्षर लगभग एक साल बाद उसी वतन में लौटे जहां उन्होंने एक विशुद्ध बल्लेबाज़ के रूप में कुछ ज़बरदस्त योगदान दिए थे। जेसन होल्डर की गेंद पर जब उन्होंने एक सीधा छक्का जड़ा तो एक एक्शन रिप्ले की उम्मीदें जगी लेकिन वह एक और शॉट लगाते हुए आउट हुए। उन्हें पिच से बहुत अधिक मदद नहीं मिली और ऐसे में किफ़ायती गेंदबाज़ी से चूके।
कुलदीप यादव, 8: पावरप्ले के बाद आते हुए कुलदीप यादव ने अच्छी गेंदबाज़ी की और उनके सामने वेस्टइंडीज़ के कोई भी बल्लेबाज़ सहज नहीं दिखे। थोड़ी बेहतर फ़ील्डिंग होती तो शायद उनके पास और विकेट होते, लेकिन उनको इकलौता विकेट भी तिलक की बेहतरीन कैच के बदौलत मिला।
अर्शदीप सिंह, 7: अर्शदीप ने डेथ ओवरों में दो विकेट एक ओवर में निकाले ज़रूर लेकिन उसी ओवर में तीन लगातार वाइड ने उनके मिले-जुले दिन को चरितार्थ किया। अपने टी20 जीवन के सर्वाधिक स्कोर के साथ उन्होंने दिखाया कि अगर वह मेहनत करते रहेंगे, तो आगे चलते बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं।
युज़वेंद्र चहल, 6: चहल ने मैच की अपनी पहली ही तीन गेंदों पर दो विकेट लेते हुए भारत के लिए मैच में वापसी का रास्ता बनाया। हालांकि उन्होंने वेस्टइंडीज़ कप्तान रोवमन पॉवेल को फ़ील्ड में एक जीवनदान दिया, जिसके बाद उस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने 11 गेंदों पर 28 रन ठोके। सोचिए अगर भारत के सामने 130 का लक्ष्य होता...
मुकेश कुमार, 4: मुकेश को टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में असरदार होना है तो या तो अपनी गति में वृद्धि करनी होगी, अथवा विविधता लाना होगा। वह एक लाइन-एंड-लेंथ गेंदबाज़ हैं और बल्लेबाज़ अगर उन्हें लाइन अप कर लेता है तो इस स्तर पर उनकी ख़ास पिटाई होगी।