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महिला T20 विश्व कप 2024 में स्मार्ट रिप्ले सिस्टम का प्रयोग होगा

IPL 2024 और द हंड्रेड में इस रिप्ले सिस्टम का प्रयोग किया जा चुका है

The television (TV) broadcast production control room at the stadium, Rajasthan Royals vs Punjab Kings, IPL 2024, Guwahati, May 15, 2024

BCCI

महिला T20 विश्व कप 2024 की शुरुआत तीन अक्तूबर से हो रही है। यह पहला ऐसा ICC टूर्नामेंट होगा, जहां स्मार्ट रिप्ले सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग इससे पहले IPL 2024 और द हंड्रेड में किया जा चुका है।
ICC ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हर मैच में कम से कम 28 कैमरों की कवरेज होगी, जिसे कई तरह के विश्लेषणात्मक और दृश्यात्मक सुधारों के साथ पेश किया जाएगा। सभी मैचों में डिसीज़न रिव्यू सिस्टम (DRS) उपलब्ध होगी, जिसमें हॉक-आई स्मार्ट रिप्ले सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह टीवी अंपायर को विभिन्न कोणों से एकसाथ आने वाले फुटेज़ की तुरंत समीक्षा कर सटीक निर्णय लेने में मदद करेगा।"
स्मार्ट रिप्ले सिस्टम के तहत टीवी अंपायर को सीधे दो हॉक-आई ऑपरेटरों से जानकारी मिलेगी, जो अंपायर के साथ एक ही कमरे में बैठेंगे और उन्हें मैदान में लगे हॉक-आई के आठ हाई-स्पीड कैमरों द्वारा कैद की गई दृश्य को दिखाएंगे। अब तक टीवी प्रसारण निदेशक, तीसरे अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटरों के बीच मध्यस्थ का काम करते थे। अब प्रसारण निदेशक की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह सिस्टम टीवी अंपायर को पहले से अधिक दृश्य देखने की सुविधा भी देता है, जिसमें स्प्लिट-स्क्रीन भी शामिल हैं।
स्मार्ट रिप्ले सिस्टम के तहत स्टंपिंग रेफरल के मामले में टीवी अंपायर हॉक-आई ऑपरेटरों से स्प्लिट-स्क्रीन विजुअल मांग सकते हैं। मान लीजिए कि अगर गेंद और बल्ले के बीच अच्छा-ख़ासा गैप है तो टीवी अंपायर अल्ट्रा एज़ (यह देखने के लिए कि क्या यह कैच आउट था) के लिए नहीं पूछेंगे और इसके बजाय सीधे स्टंपिंग के लिए साइड-ऑन रिप्ले की जांच करेंगे। यदि टीवी अंपायर को बैट और गेंद के बीच स्पष्ट दूरी नहीं दिखती है, तभी वह अल्ट्रा एज़ जांच करेंगे।
स्टंपिंग के मामले में स्मार्ट रिव्यू सिस्टम के तहत टीवी अंपायर को ट्राई-विज़न दृश्य दिखेंगे। एक ही फ़्रेम में साइड-ऑन कैमरा और फ़्रंट-ऑन कैमरा दोनों से फ़ुटेज़ दिखाया जाएगा। फ़्रंट-ऑन कैमरा कोण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बेल को हटाने का सटीक समय बताएगा। पहले ब्रॉडकास्टर हर तरफ़ से साइड-ऑन कोण और स्टंप कैम से फ़ुटेज़ दिखाया करते थे। लेकिन स्टंप कैम लगभग 50 फ़्रेम प्रति सेकंड की कम गति से एक्शन रिकॉर्ड करता है, जबकि हॉक-आई कैमरा लगभग 300 फ़्रेम प्रति सेकंड से एक्शन रिकॉर्ड करता है, जिसका अर्थ है कि अंपायरों के पास अब अपने निर्णय लेने के लिए अधिक सटीक फ़ुटेज़ होंगे।
अंपायरिंग के संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस बार के महिला T20 विश्व कप में अंपायरों के पूरे पैनल में सिर्फ़ महिलाएं होंगे। साथ ही मैच ऑफ़िसियल भी महिलाएं ही होंगी। पिछले T20 विश्व कप में भी ऐसा हुआ था।