चोट के कारण तीन से चार साल गंवाने के बाद भी
एसबी कीर्तना अभी 23 साल की ही हैं और जब वह अच्छा कर रही थीं तो मुंबई इंडियंस ने WPL में उनको ख़रीदा और अब इस लेग स्पिनर को उम्मीद है कि वह उच्च स्तर पर क्रिकेट खेलेंगी।
उन्होंने बहुत युवा अवस्था में क्रिकेट को अपनाया था और केवल 10 साल की उम्र में तमिलनाडु के लिए अंडर-16 स्तर पर खेला और जल्दी ही अंडर-19 और अंडर-23 स्तर तक भी पहुंच गई। लेकिन कोरोना वायरस के आने के एक साल पहले उनके लिए चीज़ें बिगड़ गईं। 18 साल की उम्र में वह 2018-19 सीज़न में सीनियर महिला टी20 चैंलेंजर टूर्नामेंट खेलीं और स्नेह राणा और रेणुका सिंह जैसी खिलाड़ी के साथ खेलीं। लेकिन सीज़न के तुरंत बाद उन्हें घुटने और एड़ी में दो लगातार चोट लगीं और अगले कुछ साल उन्हें रिहैब और रिकवरी में लग गए। इन चोटों के साथ भी कीर्तना टूर्नामेंट खेल रही थीं लेकिन परिणाम उस तरह का नहीं आ पा रहा था जैसा वह चाहती थीं।
कीर्तना ने ESPNcricinfo से कहा, "आपका करियर 19 साल से 25 साल की उम्र में आगे बढ़ता है। मैं अंडर-19, अंडर-23 और सीनियर स्तर पर चैंलेंजर ट्रॉफ़ी में इंडिया रेड के लिए खेली। मैं उस दौरान चर्चा में थी [2018-2019 सीज़], लेकिन उसके बाद मैं मुझे चोट लगी और मैं रडार से बाहर चली गई। केवल पिछले दो सीज़न ही मुझे चोट नहीं लगी।
"क्रिकेट में अगर आप रडार से बाहर चले जाते हैं तो वापसी मुश्किल हो जाती है क्योंकि यहां बहुत प्रतिस्पर्धा है। आप जानते हैं कि आपकी जगह कोई और ले सकता है। मेरे लिए वह वापसी करने में बहुत मानसिक शक्ति लगी।"
अब वह एमीलिया कर के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करेंगी जो उनकी ही उम्र की हैं तो उनमें काफ़ी बदलाव आएगा। जिसमें डेयरी फ़्री और ग्लूटन फ़्री डाइट होगी, दो तीन किलो वज़न घटाकर फ़ोकस ताक़त और कंडीशनिंग वर्कआउट पर होगा जिससे परिणाम यह मिलेगा कि रन अप में भागते समय हल्का लगेगा।
शुरुआती दिनों में वह भारतीय क्रिकेटर वॉशिंगटन सुंदर के पिता के साथ चेन्नई के वेस्ली हायर सैंकडरी स्कूल में अभ्यास करती थीं लेकिन इसके बाद कोच पीटर फ़र्नांडेज़ के निर्देशन में एमएसी स्पिन एकेडमी में अभ्यास करने लगीं। 2019-2020 में कुछ समय के लिए उन्होंने पूर्व भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद के पिता के साथ भी विविधताओं और गेंद गति पर काम किया।
मुकुंद ने कहा, "चोट के बाद वह बेहद धीमी थीं। उनमें यहां तक कि 2015 में भी कोशल था। मैं उसको बहुत पहले से जानता था, मुझे वह स्लिंगिंग एक्शन में काफ़ी अच्छी लगी। कुछ साल पहले मैं उससे कहीं पर मिला और उसको मायलापोर क्लब आने को कहा। वह गेंद को दोनों ओर गुगली या लेग स्पिन भी नहीं करा पा रही थी और बस सीधी गेंदबाज़ी कर रही थी।"
"मुझे कुछ चीज़ सही करनी थी जहां रन अप से लेकर गेंदबाज़ी एक्शन से लेकर पैर का सही जगह पर गिरना शामिल था। वह सुबह 5.30 बजे एकेडमी आती थी और अंडर-19 लड़कों के साथ बिना किसी ब्रेक के डेढ़ घंटा अभ्यास करती थी। वह यही ड्रिल दोपहर में एक घंटे से अधिक समय तक करती थी जिससे उसकी ग़लतियां कम होने लगी। यह रूटीन ऑफ़ सीज़न होने के बावजूद छह दिन तक चला।
"वह लगभग गिरने की कगार पर थी क्योंकि यह ड्रिल वह चोट के बाद कर रही थी, लेकिन उसके पास समर्पण और इच्छा शक्ति थी।"
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मध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार से आने वाली कीर्तना अपने भाईयों और टैक्सी बिजनेस चलाने वाले पिता बालाकृष्णन के साथ ग्राउंड पर फ़ीज़िकल एक्टिविटी के लिए जाती थीं, क्योंकि उनके पिता ऐसा चाहते थे। चेपॉक से कई किलोमीटर दूर ट्रिपलीकेन में बड़े होने के बावजूद भी उनका क्रिकेट से लगाव दूर नहीं रहा। उन्होंने तुरंत स्पिन गेंदबाज़ी को अपना लिया।
पिछले साल पर चलते हैं…
तकनीकी फ़ाइन टयूनिंग से अलग कीर्तना में सीखने की भी ललक थी, जब पूर्व मिडिलसेक्स क्रिकेटर टॉम स्कॉले चेन्नई में मुकुंद की एकेडमी में सेमीनार के लिए आए तो उनहोंने मानसिक कंडीशनिंग की अहमियत को जाना।
कीर्तना ने कहा, "स्कॉले से मिलने के बाद मुझे ज़िंंदगी का एक अच्छा नज़रिया मिला। कोई भी मानसिक कंडीशनिंग पर बात करते हुए खिलाड़ी के इमोशनल पार्ट तक नहीं छू पाता है। आप ख़राब दौर से गुज़रते हुए लोगों की अपेक्षाओं को कैसे नियंत्रित नहीं कर सकते। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भावनाएं आपके क्रिकेट में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। यहां तक कि हमें खुद से भी कुछ उम्मीदें होती हैं, लेकिन जब प्रदर्शन हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं होता है, तो आप मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को कैसे संभालते हैं। कोचों और हमारे आस-पास के लोगों से अपेक्षाओं के बारे में मैंने जाना। मैंने उनसे सीखा कि बुरे दौर में असफलता को कैसे स्वीकार किया जाता है। इस अहसास ने मुझे आगे बढ़ने में काफ़ी मदद की है।"
जो उन्होंने सीखा वह घरेलू सर्किट में जल्दी ही दिखने वाला था। पिछले नवंबर में सीनियर महिला टी20 ट्रॉफ़ी में कीर्तना ने 5.40 की इकॉनमी से सात मैचों में 12 विकेट लिए और विकेट लेने के मामले में संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर रही। जनवरी में सीनियर महिला वनडे ट्रॉफ़ी में उन्होंने 3.24 की इकॉनमी से सात मैचों में 14 विकेट लिए। दिसंबर में नीलामी से एक सप्ताह पहले उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए ट्रायल दिया। शुरुआत में अनसोल्ड रहने के बाद फ़ाइनल राउंड में उन्हें फ़्रैंचाइज़ी ने उनके 10 लाख के बेस प्राइज में ख़रीदा।
कीर्तना ने हंसते हुए कहा, "जब यह ख़बर आई तो हर कोई मेरे पापा को कॉल कर रहा था कोई मुझे बधाई नहीं दे रहा था। मेरे दिमाग़ में केवल एक ही बात थी कि मुझे इस मौके़ का फ़ायदा उठाना है और ऊंचे स्तर पर पहुंचने के लिए इस प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करना है। मुझे महसूस हुआ कि कहीं ना कहीं आपकी मेहनत रंग लाती है। ऐसी कहावत भी है कि जो आपके लिए है वह अपना रास्ता ख़ोज लेगा। WPL में चुने जाने के बाद मैंने इस वाक्यांश पर दृढ़ता से विश्वास करना शुरू कर दिया।"
ख़िताब जीतने वाली टीम के साथ ही कोचिंग स्टाफ़ में झूलन गोस्वामी, चार्लोट एडवर्ड्स और किरण मोरे के होने के बाद कीर्तना बस जितना जानकारी मिले वह हासिल करना चाहती हैं।
"खिलाड़ियों से उनके काम करने के ढंग को जानने से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और कैसे वह अपने खेल को मानसिक तौर पर भी आगे बढ़ाते हैं। जब आपके पास एमीलिया कर जैसी खिलाड़ी टीम में हो, जिन्होंने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट के लिए इतना कुछ किया है तो मुझे लगता है कि वह मेरी उम्र की ही हैं और मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।"
केवल समय ही बताएगा कि कीर्तना अगले स्तर तक प्रगति कर सकती हैं या नहीं, लेकिन उनकी जैसी आशावादी के लिए WPL में स्थान एक संकेत है कि ऐसा हो सकता है।
श्रीनीधि रामानुजम ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।