बांग्लादेश के कप्तान
तमीम इकबाल का मानना है कि उनकी वनडे टीम को काफ़ी पहलूओं में सुधार की ज़रूरत है लेकिन सबसे ज़्यादा उन्हें बड़े स्कोर बनाने की आदत डालनी होगी। बांग्लादेश ने लगातार पांच वनडे सीरीज़ जीती थी और इस सिलसिले को ज़िम्बाब्वे ने दो ज़बरदस्त सफल चेज़ के ज़रिए तोड़ा। बुधवार को
तीसरे और अंतिम वनडे में बांग्लादेश की 105 रनों से जीत हुई।
तमीम ने कहा, "सुधार की बात करना बोरिंग लगता है लेकिन मैच या सीरीज़ हारने के बाद ऐसा करना ही पड़ता है। अगर ऑस्ट्रेलिया या भारत ने यह सीरीज़ जीती होती और [विराट] कोहली या [स्टीव] स्मिथ ने ऐसी पारियां खेली होती तो हम बुरा नहीं मानते। वह टॉप के खिलाड़ी हैं और टॉप की टीमें। मैं उन्हें (ज़िम्बाब्वे को) कम नहीं आंक रहा। [सिकंदर] रज़ा, [रेजिस] चकाब्वा और [इनोसेंट] काइया ने अविश्वसनीय बल्लेबाज़ी की लेकिन यह साफ़ दर्शाया कि वनडे क्रिकेट में हमें कितने सुधार की ज़रूरत है।"
आगे उन्होंने कहा, "अगले साल हमें आयरलैंड के साथ घर पर और बाहर खेलना है और वह भी ऐसा खेल दिखा सकते हैं। हालांकि इससे यह तथ्य नहीं बदलता कि हम एक बढ़िया वनडे टीम हैं। हम काफ़ी समय से सफल रहे हैं लेकिन उसमें गिरावट आ ही सकती है। मैं अलग से बल्लेबाज़ों या गेंदबाज़ों को कोई दोष नहीं देना चाहता। हमने बतौर एक टीम प्लान के हिसाब से नहीं खेला। अगर हमें शीर्ष की टीमों में होना है तो कई चीज़ों में सुधार लाना होगा।"
तमीम ने ज़िम्बाब्वे के खेल की तारीफ़ इस वजह से भी की कि उनके कई प्रमुख खिलाड़ी चोटग्रस्त होने की वजह से सीरीज़ का हिस्सा नहीं बन पाए। उन्होंने कहा, "हमने अपने मौक़ों का फ़ायदा नहीं उठाया जबकि उन्होंने ऐसा किया। उनके पास उनकी सर्वश्रेष्ठ टीम भी नहीं थी। उनके दो मुख्य तेज़ गेंदबाज़ चोटिल थे और दो अच्छे बल्लेबाज़ भी नहीं खेले। (पहले) दोनों मैचों में दो खिलाड़ियों ने मैच हमारी पकड़ से छीना। उन्होंने चार शतक जड़े और हमने एक भी नहीं। यह एक बड़ा अंतर था।"
तमीम ने अपने प्रदर्शन पर भी नाराज़गी जताई। बतौर ओपनर उन्होंने दो अर्धशतक लगाए और तीसरे मैच में रन आउट का शिकार बने। पूरी सीरीज़ में उन्होंने टीम को आक्रामक शुरुआत दिलाने की पूरी कोशिश की। उनके अनुसार हरारे जैसी सपाट पिचों पर बांग्लादेश को विशाल स्कोर खड़ा करने की आदत डालनी होगी।
तमीम ने कहा, "मैंने कुछ रन बनाए लेकिन मैं ख़ुश नहीं हूं। विकेट बहुत बढ़िया थी। आप पहले 10 ओवर में संभलकर खेल लेते हैं तो फिर 50-60 से संतुष्ट नहीं हो सकते। हमारी टीम का लक्ष्य है 350 का स्कोर बनाना जो अब तक हमने नहीं किया है। भारत में विश्व कप होने पर 300 सम्मानजनक स्कोर रहेगा। मीरपुर और भारत के कुछ वेन्यू को छोड़कर आप 260-270 बनाकर बहुत कम मैच जीतेंगे। हमें 290-310 के लक्ष्य रखने की आदत बनानी पड़ेगी।"
बांग्लादेश के लिए तीसरे वनडे में अफ़िफ़ हुसैन की 85 रनों की नाबाद पारी का बड़ा योगदान था। आख़िर के आठ ओवरों में उन्हें निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ स्ट्राइक को बरक़रार रखते हुए खेलना पड़ा। तमीम ने इच्छा ज़ाहिर की कि अफ़िफ़ की अत्यधिक प्रशंसा से उन पर दबाव ना बनाया जाए।
तमीम ने कहा, "उनको कोई नाम मत दीजिए। वह ज़बरदस्त दबाव में गेम का संचालन करने की प्रतिभा रखते हैं लेकिन ऐसे में वह कई बार विफल भी होंगे और फिर हम ही उनकी आलोचना कर रहे होंगे। मैं चाहता हूं कि वह यह आक्रामक शैली की बल्लेबाज़ी करना नहीं छोड़ें। यह एक बेहतरीन गुण है और मुझे विश्वास है वह एक महान करियर की शुरुआत कर रहे हैं। मैं फिर भी कहूंगा उन्हें कोई नाम देने की ज़रूरत नहीं है।"
मोहम्मद इसाम (@isam84) ESPNcricinfo के बांग्लादेशी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।