भारत 188 और 157 (पंत 61, बोलैंड 6-45 और स्टार्क 3-44), ऑस्ट्रेलिया 161 पर चार (ख़्वाजा 41, प्रसिद्ध 3-65) छह विकेट से जीता
सिडनी टेस्ट की दोनों पारियों में कमाल की गेंदबाज़ी करने वाले
स्कॉट बोलैंड के प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया टीम ने 2014-15 के बाद पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी को 3-1 से अपने नाम कर लिया। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया विश्व टेस्ट चैंपियनिशप के फ़ाइनल में भी पहुंच गई है।
तीसरे दिन भारत को रवींद्र जाडेजा और वॉशिंगटन सुंदर से काफ़ी उम्मीदें थी कि वे उन्हें बड़ी बढ़त की ओर ले जाएंगे। हालांकि कप्तान पैट कमिंस ने अपनी स्विंग से भारत की इस उम्मीद को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया। जाडेजा अधिक देर तक पिच पर नहीं टिक सके और विकेट के पीछे कैच थमा गए। इसके बाद उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर को भी बोल्ड करके भारत की रही सही उम्मीदों को भी तोड़ दिया। भारतीय दर्शकों को थोड़ी देर की राहत तब मिली जब कप्तान जसप्रीत बुमराह बल्लेबाज़ी करने आए। भारतीय टीम 157 रनों पर पवेलियन पहुंच गई। बोलैंड ने पहली पारी में चार विकेट लिए थे, लेकिन इस बार उन्होंने इस आंकड़े को छह विकेट तक पहुंचाया। भारतीय बल्लेबाज़ों को उनको खेलने में काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि वह एक ही जगह से गेंद को अंदर और बाहर ले जा रहे थे।
भारतीय दर्शकों को उम्मीद थी कि बुमराह हैं तो मुमकिन है। लेकिन मोहम्मद सिराज के हाथों में नई गेंद देखकर सभी की उम्मीदें धरी की धरी रह गई। सैम कॉन्स्टास ने अपने ही अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए तेज़ी से 17 गेंद में 22 रन बनाकर भारतीय गेंदबाज़ों पर दबाव बना दिया। इस बीच भारतीय गेंदबाज़ों की ख़राब लाइन की वजह से कई रन बाय के भी आते दिखे। प्रसिद्ध कृष्णा ने मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ और कॉन्स्टास के विकेट निकाले लेकिन इसके बाद उस्मान ख़्वाजा और ट्रैविस हेड के बीच साझेदारी बन गई और भारत के हाथ से मैच निकलने लगा। अंत में सिराज को ख़्वाजा का विकेट जरूर मिला लेकिन तब तक काफ़ी देर हो गई थी।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26