साउथ अफ़्रीका 62 पर 3 (मारक्रम 36*, मुकेश 2-25) और 55 (वेरेन 15, सिराज 6-15, मुकेश 2-0) भारत 153 (कोहली 46, रोहित 39, एनगिडी 3-30) से 36 रन पीछे
केपटाउन में शायद ही कोई सोच सकता था कि एक दिन में 23 विकेट गिरेंगे या 0 रन पर छह विकेट गिर जाएंगे। ऐसा हुआ है साउथ अफ़्रीका बनाम भारत के बीच शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में जो शायद ही पहले हुआ हो। अभी तक खेले गए 2522 टेस्ट मैचों में यह पहली बार था कि किसी टीम ने
बिना किसी रन के छह विकेट खोए थे। भारतीय टीम
55 रनों पर मेज़बान टीम को पवेलियन भेज चुकी थी और इसके बाद स्कोर चार विकेट पर 153 रन था, लेकिन 11 रन के भीतर भारतीय टीम बिना कोई स्कोर किए ऑलआउट हो गई।
इस तरह की बल्लेबाज़ी के बाद भी भारतीय टीम केपटाउन में आगे रही, जहां पर उस पतन के बावजूद उन्होंंने गेंदबाज़ों के मुफ़ीद पिच पर कमाल का प्रदर्शन किया। यह इस सदी का पहला टेस्ट मैच था जहां पर एक दिन में इतने विकेट पहली बार गिरे थे।
डीन एल्गर अपने आख़िरी टेस्ट मैच में पहले दिन दो बार आउट हुए। बल्लेबाज़ी करने का फै़सला करने के बाद पहली पारी में उन्हें
मोहम्मद सिराज ने चार रन पर अंदरूनी गेंद पर बोल्ड कर दिया, सिराज के इसी प्रदर्शन की वजह थी कि साउथ अफ़्रीका की टीम 23.2 ओवर में सिमट गई, जहां पर सिराज ने 9-3-15-6 के स्पेल के साथ मेज़बान टीम के होश उड़ा दिए। साउथ अफ़्रीका 55 रन पर पवेलियन पहुंची, जो टेस्ट क्रिकेट में
भारत के ख़िलाफ़ सबसे कम स्कोर था। भारत को बढ़त लेने के लिए दस ओवर से भी कम समय लगा। रोहित शर्मा जब बल्लेबाज़ी करने आए तो लगातार आक्रमण कर रहे थे। लेकिन लुंगी एनगिडी के एक मेडन ओवर में तीन विकेट के साथ पूरे मैच की स्थिति बदल गई।
इस मैच में पहली पारी में सस्ते में आउट होने वाले बल्लेबाज़ एडन मारक्रम दूसरी पारी में 51 गेंद खेलने में क़ामयाब रहे और टीम को बराबरी के क़रीब ले आए।भारत के पास अभी भी 36 रन की बढ़त है और इस पिच पर यह काफ़ी लग रही है।
इससे पहले साउथ अफ़्रीका अपनी पहली पारी में खेले गए 50 शॉट्स पर नियंत्रण में नहीं थी। इसका मतलब है कि उनको पांच में से एक ग़लती की भारी क़ीमत चुकानी पड़ी।
भारतीय टीम भी वैसा ही थी। उन्होंने जो शॉट खेले उनमें से 55 पर उनका नियंत्रण नहीं था। कुल मिलाकर उनके पास केवल तीन दोहरे अंक वाली पारियां थीं। अगर यह मैच गुरुवार को 34.1 ओवर से कम समय में ख़त्म हो जाता है तो यह अब तक का सबसे छोटा टेस्ट होगा।
यह सिराज ही थे जिन्होंने बुधवार को तब तबाही मचानी शुरू कर दी थी जब उन्होंने सही लंबाई और लेंथ पर बल्लेबाज़ों को छकाना शुरू किया। सेंचुरियन में सिराज का नई गेंद का स्पैल उतना ही तीख़ा था, लेकिन पहले टेस्ट में क़िस्मत और विकेट ने उनका साथ नहीं दिया लेकिन सिराज केपटाउन में वह सब करने में क़ामयाब हुए जो वह सेंचुरियन में करना चाहते थे।
सिराज ने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ ऑफ़ स्टंप के आसपास या ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंद की। उन्होंने एल्गर और टोनी डी ज़ॉर्जी को मिडिल एंड लेग स्टंप की लाइन में फंसाया। एल्गर प्वाइंट की ओर बने गैप में खेलने के लालच में फंस गए और बोल्ड हुए तो वहीं ज़ॉर्जी मिडिल एंड लेग स्टंप की लाइन में फंस गए और ग्लांस के प्रयास में कीपर को कैच थमा बैठे।
लेकिन डेविड बेडिंघम के आउट होने से केपटाउन के मैदान पर हलचल मच गई। सिराज ने लेंथ पर एक गेंद डाली जो तेज़ी से आई और बेडिंघम के ग्लव्स पर लगती र्हु तीसरी स्लिप के हाथों में चली गई। शार्दुल ठाकुर की जगह चुने गए मुकेश कुमार 20वें ओवर में आक्रमण पर आए और उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाज़ों को आउट करने की ज़िम्मेदारी संभाली।
इसके बाद भारतीय टीम बल्लेबाज़ी पर आई और रोहित ने एनगिडी और नांद्रे बर्गर के ख़िलाफ़ आक्रमण किया। ये दोनों ही गेंदबाज़ शुरुआत में रबाडा की तरह सटीक नज़र नहीं आए। अपने पहले स्पैल में एनगिडी ने ऐसी गेंदबाजी की जहां पर उन्होंने लगातार ओवर पिच गेंद की और रोहित को हाथ खोलने का अवसर प्रदान किया। बर्गर भी कुछ लय में आने से पहले कुछ ऐसी ही गेंदबाज़ी करते दिखे लेकिन रोहित को आउट करने के बाद उन्होंने शुभमन गिल (36) और श्रेयस अय्यर (0) को भी शून्य पर आउट कर भारत का स्कोर चार विकेट पर 110 रन कर दिया।
हालांकि, विराट कोहली ने तेज़ शुरुआत जारी रखी और उन्हें पहली बार बाउंस वाली पिच पर कवर ड्राइव का मज़ा आ रहा था। एनगिडी फिर आक्रमण पर लौटे और पूरी गति से गेंदबाज़ी की 34वें ओवर में उन्होंने पहले केएल राहुल, रवींद्र जड़ेजा और जसप्रीत बुमराह को आउट कर दिय और यह मेडन ओवर भी था। इसके बाद कोहली को भी छटपटाहट हुई और वह भी रन बनाने की जल्दबाज़ी में आउट हो गए।