पंजाब किंग्स 187/4 (शिखर 88*, राजापक्षा 42, ब्रावो 2-42) ने चेन्नई सुपर किंग्स 176/6 (रायुडू 78, रबाडा 2-23, ऋषि धवन 2-39) को 11 रनों से हराया
'किंग्स' के मुक़ाबले में पंजाब किंग्स ने इस सीज़न दूसरी बार चेन्नई सुपर किंग्स को हरा दिया। इस सीज़न में यह पंजाब की चौथी जीत है और वे शीर्ष चार के भी क़रीब पहुंच गए हैं। शिखर धवन ने 59 गेंदों पर 88 रन की एंकर पारी खेली और ऐसा लक्ष्य सेट किया, जिसे अंबाती रायूडु की बेहतरीन पारी के बावज़ूद भी चेन्नई नहीं प्राप्त कर सका। यह इस सीज़न आठ मैचों में चेन्नई की छठी हार है।
इसी पिच पर लखनऊ सुपर जायंट्स ने मुंबई इंडियंस के विरुद्ध 168 रन के स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था। पंजाब ने भी जब 187 का स्कोर खड़ा किया तो यह काफ़ी लग रहा था। लेकिन अंबाती रायुडू ने लगभग अंतिम ओवर तक मैच को जिंदा बनाए रखा।
रायुडू को जब 18वें ओवर में कगिसो रबाडा ने आउट किया तो चेन्नई को 13 गेंद में 35 रन की ज़रूरत थी। आख़िरी ओवर में चेन्नई को 27 रन चाहिए थे और महेंद्र सिंह धोनी क्रीज़ पर थे। छह साल बाद आईपीएल में वापसी कर रहे ऋषि धवन की पहली गेंद पर जब छक्का लगा तो लगा कि मैच रोमांचक होगा। लेकिन इसके बाद ऋषि ने धोनी को पवेलियन भेज दिया और अब चेन्नई के लिए यह मैच लगभग असंभव हो गया था।
इससे पहले टॉस हारकर पंजाब की टीम बिल्कुल एक अलग अप्रोच के साथ बल्लेबाज़ी करने उतरी थी। उनके बल्लेबाज़ विरोधी गेंदबाज़ों पर आक्रमण तो कर रहे थे, लेकिन यह सोची-समझी नीति के तहत हो रहा था। धवन और भानुका राजापक्षा शॉट के लिए तो गए लेकिन उन्हें अपने विकेट की अहमियत भी पता थी। वे रनों के लिए अपना विकेट फेंक नहीं रहे थे। पावरप्ले में पंजाब का स्कोर सिर्फ़ 37 रन पर एक विकेट था। यह पंजाब की इस सीज़न की सबसे धीमी शुरुआत थी।
10 रन तक पहुंचने से पहले राजापक्षा को दो जीवनदान मिल चुका था। उन्होंने इसका पूरा फ़ायदा उठाया और धवन के साथ मिलकर पंजाब किंग्स के लिए इस सीज़न की पहली शतकीय साझेदारी की। इस बीच 200वां आईपीएल मैच खेल रहे शिखर धवन ने अपने 6000 आईपीएल रन पूरे किए और 46वां आईपीएल अर्धशतक जड़ा। ड्वेन ब्रावो पर लगातार दो चौका लगाकर उन्होंने चेन्नई के ख़िलाफ़ अपना 1000 आईपीएल रन भी पूरा किया। पारी के अंत में राजापक्षा के आउट हो जाने के बाद उन्हें लियम लिविंगस्टन का भी साथ मिला। धवन 88 रन पर नाबाद लौटे और उनकी टीम का स्कोर 187 था।
चेन्नई की इस सीज़न की अभी तक की समस्या रही है कि उन्हें अच्छी शुरुआत नहीं मिली है। इस मैच में भी उन्होंने शुरुआती विकेट गंवाए। एकादश में वापसी कर रहे संदीप शर्मा ने पांचवीं ही गेंद पर रॉबिन उथप्पा को मिडविकेट पर कैच करा दिया। मोईन अली की जगह टीम में शामिल मिचेल सैंटनर को नंबर तीन की ज़िम्मेदारी दी गई लेकिन वह क्रीज़ पर संघर्ष करते ही नज़र आए। छठे ओवर में
अर्शदीप सिंह ने उन्हें आउट कर उनकी 15 गेंदों की नौ रन की पारी का अंत किया। अगले ओवर में ऋषि धवन ने इन-फ़ॉर्म शिवम दुबे को पवेलियन भेजा। यह 2016 के बाद ऋषि का पहला आईपीएल मैच था। उन्होंने दुबे के अलावा पारी के अंत में एमएस धोनी का भी विकेट लिया।
इस बीच रायुडू ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश एकाकी ही साबित हुई। 78 रनों की इस पारी में रायुडू ने सात चौके और छह छक्के लगाए और इस सीज़न का अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। इस दौरान उन्होंने संदीप शर्मा पर लगातार तीन छक्के भी जड़े।
अंतिम चार ओवरों में चेन्नई को 47 रन की ज़रूरत थी और रायुडू के क्रीज़ पर रहते हुए यह संभव भी लग रहा था। लेकिन इसे असंभव बनाया अर्शदीप ने जिन्होंने 17वां ओवर डालते हुए सिर्फ़ छह रन दिए। इस ओवर में उन्होंने लगातार वाइड यॉर्कर किए और गेंद की पहुंच को चेन्नई के बल्लेबाज़ों से दूर रखा। अगले ओवर में रबाडा ने रायुडू को आउट कर चेन्नई की सभी संभावनाओं को ख़त्म कर दिया। हालांकि धोनी के क्रीज़ पर रहते कुछ भी संभव था लेकिन आज वह भी अनहोनी को होनी नहीं कर सके।