चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के पास एक मुक़ाबला बचा है और शीर्ष पर पहुंचने के लिए यह जीत बहुत जरूरी है। लेकिन इसको लेकर भी एक पेच है, क्योंकि पंजाब किंग्स इस मुक़ाबले में कुछ भी करने को तैयार होगी।
यह कठिन लग सकता है, लेकिन पंजाब किंग्स की दुर्दशा को देखते हुए सोच पाना ग़लत भी नहीं है। वैसे भी उनके लिए तो प्लेऑफ़ में पहुंचने की उम्मीदें कई चीज़ों पर टिकी हैं। वैसे भी अंक तालिका में निचले चार स्थानों से आगे आने की लड़ाई तो उन्हें लड़नी ही है।
इस साल सीएसके के आगे बढ़ने के पीछे कहीं न कहीं एक नाजुक मध्य क्रम छिपा है। एमएस धोनी और सुरेश रैना कई सालों से इस टीम की रीढ़ हैं, लेकिन अभी वे पूरी तरह से कमजोर कड़ी की तरह दिखते हैं। मोईन अली ठीक है लेकिन वह ऐसा काम करते हैं जहां वह हर गेंद को सीमा रेखा के बार पहुंचाना चाहते हैं। विशेष रूप से अंबाती रायुडू और रवींद्र जाडेजा ने सीएसके की समस्या को छिपाने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन यह समस्या तो अभी भी है। एक अच्छी गेंदबाज़ी इकाई को पता होगा कि इसका फ़ायदा कैसे उठाना है। वैसे भी दिल्ली कैपिटल्स पहले ही अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच चुकी है।
चेन्नई सुपर किंग्स: 1 ऋतुराज गायकवाड़, 2 फ़ाफ़ डुप्लेसी, 3 मोईन अली, 4 अंबाती रायुडू, 5 रॉबिन उथप्पा/सुरेश रैना, 6 रवींद्र जाडेजा, 7 एमएस धोनी (कप्तान और विकेटकीपर), 8 ड्वेन ब्रावो, 9 शार्दुल ठाकुर, 10 दीपक चाहर, 11 जोश हेज़लवुड
पंजाब किंग्स: 1 केएल राहुल (कप्तान और विकेटकीपर), 2 मयंक अग्रवाल, 3 निकोलस पूरन, 4 एडेन मारक्रम, 5 सरफराज़ ख़ान/दीपक हुड्डा, 6 शाहरुख ख़ान, 7 ऑनरीकेज, 8 क्रिस जॉर्डन, 9 रवि बिश्नोई, 10 मोहम्मद शमी, 11 अर्शदीप सिंह
इस सीज़न में धोनी ने 98 स्ट्राइक रेट से 84 रन बनाए हैं, इससे हो सकता है कि वह निचले क्रम पर उतरें। ऐसा नहीं है कि उनके पास फ़िनिशर की भूमिका निभाने के लिए अन्य विकल्प नहीं हैं। उदाहरण के लिए, जाडेजा का इस आईपीएल में डेथ ओवरों का स्ट्राइक रेट 203 और गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाने का अनुपात 3.45 है। ड्वेन ब्रावो और भी बेहतर: 269 और 2.66।
सीएसके की सलामी जोड़ी ने इस अभियान में अपने रनों में 49 प्रतिशत का योगदान दिया है, इसलिए शायद बेहतर होगा कि इसके साथ खिलवाड़ न किया जाए। दूसरी ओर निकोलस पूरन का संघर्ष इतना भयानक (औसत 7.72) रहा है कि उनको कठिन फ़ैसले लेने होंगे। वैसे देखते हैं क्या होता है।