कोलकाता नाइट राइडर्स 136-7 (शुभमन 46, वेंकटेश 55, नॉर्खिये 2-31, अश्विन 2-27, रबाडा 2-23) ने दिल्ली कैपिटल्स 135-5 (धवन 36, श्रेयस 30*, वरुण 2-26) को तीन विकेट से दी मात
कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के दूसरे क्वालीफ़ायर में दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) को तीन विकेट से हराते हुए फ़ाइनल में जगह बना ली है। जहां उनका सामना तीन बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के ख़िलाफ़ होगा। बुधवार को शारजाह में खेले गए इस मैच में केकेआर रनों का पीछा करते हुए बेहद ही इत्मिनान से जीत की तरफ़ जा रही थी। 25 गेंदों पर 13 रनों की दरकार थी और लग रहा था कि एक या दो शॉट्स में ही मैच ख़त्म हो जाएगा, लेकिन यहां से अगले 3.4 ओवर में सिर्फ़ सात रन जोड़ते हुए केकेआर ने छह विकेट गंवा दिए और अब एक बार तो ऐसा लगा था कि कहीं मैच हाथ से फिसल न जाए।
समीकरण अब हो चुका था दो गेंदों पर छह रन और गेंद अश्विन के हाथ में थी जिन्होंने उसी ओवर में दो गेंदों पर दो विकेट लिए थे, सामने थे राहुल त्रिपाठी। तब तक राहुल ने दस गेंदों पर छह रन ही बनाए थे, उनके बल्ले और गेंद का संपर्क तब तक ठीक नहीं हो रहा था। जबकि उस ओवर में दो विकेट लेने के साथ-साथ अश्विन ने चार गेंदों पर एक ही रन दिए थे। त्रिपाठी को अश्विन ने ऑफ़ स्टंप के बाहर एक लेंथ गेंद डाली जो तेज़ भी थी, त्रिपाठी ने इस गेंद को पीछे जाकर सीधे बल्ले से ताक़तवर शॉट के लिए खेला और गेंद हवाई यात्रा करते हुए दर्शक दीर्घा में जा पहुंची। इसी के साथ केकेआर का ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा था क्योंकि वह फ़ाइनल में पहुंच चुकी थी और पिछले नौ मैचों में ये उनकी सातवीं जीत है।
इससे पहले इस पूरे मैच में दिल्ली न तो बल्लेबाज़ी में हावी दिखी थी और न ही गेंदबाज़ी में, 135 रनों का बचाव करने उतरे दिल्ली के गेंदबाज़ों के लिए शुरुआत बेहद निराशाजन रही। पावरप्ले में ही वेंकटेश अय्यर और शुभमन गिल की सलामी साझेदारी ने केकेआर को 51 रनों तक पहुंचा दिया था। इसके बाद भी वेंकटेश का बल्ला आग उगलता रहा और एक और शानदार अर्धशतक के साथ उन्होंने दिल्ली को क़रीब क़रीब मैच से बाहर कर दिया था। 55 रन बनाकर जब वेंकटेश आउट हुए तो उस समय केकेआर का स्कोर 96 रन था, यानी एक मज़बूत शुरुआत मिल चुकी थी।
वेंकटेश के आउट होने के बाद गिल ने रन बनाने का सिलसिला जारी रखा था, हालांकि उनका साथ देने आए नितीश राणा ज़्यादा देर नहीं रुके थे। गिल 46 रन बनाकर आउट हुए थे और तब तक केकेआर सुखद स्थिति में पहुंच चुकी थी। इसके बाद थोड़ा ड्रामा ज़रूर हुआ लेकिन जीत के साथ फ़ाइनल में केकेआर ने जगह बना ली, जहां 15 अक्तूबर को दुबई में सीएसके के ख़िलाफ़ उनकी ख़िताबी भिड़ंत होगी।
इससे पहले टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करते हुए केकेआर ने दिल्ली पर शुरू से ही शिकंजा कस लिया था, शिखर धवन और पृथ्वी शॉ की सलामी साझेदारी को अच्छा आग़ाज़ मिलता उससे पहले ही वरुण चक्रवर्ती ने उन्हें अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया था। हालांकि एक छोर से धवन इस धीमी पिच पर टिके रहे और 39 गेंदों पर 36 रन बनाए, जो इस पारी में दिल्ली की ओर से सबसे बड़ा स्कोर था।
ऋषभ पंत एक बार फिर कुछ ख़ास नहीं कर पाए और छह रन बनाकर वह भी पवेलियन लौट गए थे, अंत में शिमरॉन हेटमायर की 10 गेंदों पर 17 और श्रेयस अय्यर की 27 गेंदों पर नाबाद 30 रनों की पारी के दम पर दिल्ली ने स्कोर बोर्ड पर 135 रन लगाए थे।
केकेआर की ओर से चक्रवर्ती ने चार ओवर में 26 रन देकर दो विकेट लिए, उनके यह आंकड़े और भी बेहतर हो सकते थे अगर वह हेटमायर को नो-बॉल न किए होते जिसपर उनका कैच लपका गया था। दिल्ली के लिए ये तीसरा मौक़ा है जब वे लीग स्टेज में नंबर-1 पर रहने के बावजूद फ़ाइनल में जगह नहीं बना पाए हों। इससे पहले 2009 और 2012 में जब इस टीम का नाम दिल्ली डेयरडेविल्स हुआ करता था, तब ऐसा हुआ था।