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हेराथ : हमारी तकनीक ख़राब नहीं लेकिन हमें पिच पर और दृढ़ता दिखानी होगी

बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाज़ी कोच ने भारतीय बल्लेबाज़ों से सीख लेने की सलाह दी

Mehidy Hasan Miraz and Ebadot Hossain ensured Bangladesh did not get bowled out before stumps, Bangladesh vs India, 1st Test, Chattogram, 2nd Day, December 15, 2022

मेहदी हसन और इबादत हुसैन ने दिन के खेल के अंत में थोड़ा संघर्ष दिखाया  •  AFP/Getty Images

100 रन के भीतर चार विकेट। इस साल बांग्लादेश टेस्ट टीम की यही कहानी रही है। लेकिन भारत के ख़िलाफ़ मैच में उन्होंने पहली पारी में 100 रन के भीतर छह विकेट गंवा दिए। चटगांव टेस्ट के दूसरे दिन बांग्लादेश की टीम 133 रन पर आठ विकेट गंवा चुकी है और अब उन्हें मैच को बचाने के लिए संघर्ष करना है।
लेकिन बांग्लादेश की दिक्कतें उनकी पारी शुरू होने से पहले ही शुरू हो चुकी थी। महमुदूल हसन जॉय से पहले नाजमुल हसन शांतो का चयन समझ से परे था। इसके अलावा चटगांव में छह शतकों और 62 की औसत के साथ रन बनाने वाले मोमिनुल हक़ भी एकादश में नहीं थे। शांतो का बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड किसी भी मामले में जॉय और मोमिनुल से बेहतर नहीं है। उनका बल्लेबाज़ी औसत भी इस साल की शुरुआत में 40 था, जो अब आधा होकर 20 पर आ गया है।
ख़ैर, बांग्लादेश की पारी शांतो के गोल्डन डक से शुरू हुई। यासिर अली और लिटन दास पहली बार क्रमशः नंबर तीन और नंबर चार पर खेलने आए। शांतो भी अपने टेस्ट करियर में सिर्फ़ दूसरी बार ओपनिंग कर रहे थे, वहीं दूसरे ओपनर ज़ाकिर हसन का यह डेब्यू था। ये चारों बल्लेबाज़ 57 रन के भीतर ही पवेलियन में थे।
शांतो और ज़ाकिर मोहम्मद सिराज की आउटस्विंग होती फ़ुल गेंदों पर आउट हुए, वहीं लिटन और यासिर ने विकेट के पीछे बल्ले का किनारा दिया। कुलदीप यादव ने विपक्षी कप्तान शाकिब अल हसन, अनुभवी बल्लेबाज़ मुश्फ़िक़ुर रहीम और नुरूल हसन का ख़्याल रखा। अब बांग्लादेश का स्कोर 102 रन पर सात विकेट था। तैजुल इस्लाम भी इसी स्कोर पर चलते बने।
वनडे सीरीज़ में अपनी बल्लेबाज़ी के कारण प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ बने मेहदी हसन मिराज़ ने नंबर दस बल्लेबाज़ इबादत हुसैन के साथ थोड़ा संघर्ष दिखाया और सुनिश्चित किया की दिन के अंत तक बांग्लादेश का अब एक और भी विकेट नहीं गिरे। हालांकि यह संघर्ष तीसरे दिन की सुबह कितना देर और चलेगा, यह देखना होगा।
दिन का खेल समाप्त होने के बाद बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाज़ी कोच रंगाना हेराथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए आए। उन्होंने बल्लेबाज़ी क्रम के एक बार फिर से लड़खड़ाने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "आठ विकेट गंवाना निराशाजनक है लेकिन आपको पता है कि यह टेस्ट क्रिकेट है और इसमें तीन दिन और बचा है। हमें टिककर संघर्ष दिखाना होगा। टेस्ट क्रिकेट आसान नहीं है और ये आपके कौशल, टेंपरामेंट और धैर्य की हर समय टेस्ट लेता है। हमको बीच-बीच में कुछ मोमेंटम मिल रहा था, लेकिन हमने उस मोमेंटम को गंवा दिया। यह तकनीक नहीं बल्कि निर्णय लेने की दिक्कत है।"
शांतो पिछले तीन साल से बांग्लादेश के नंबर तीन बल्लेबाज़ रहे हैं। उनकी फ़ॉर्म में दिक्कत है, फिर भी उन्हें जॉय की जगह ओपनिंग के लिए भेजा गया, जिन्हें लंबे समय के लिए बांग्लादेश का ओपनर माना जा रहा है। ज़ाकिर ने बांग्लादेश ए के लिए खेलते हुए इंडिया ए के ख़िलाफ़ 173 रन बनाए थे, इसका मतलब था कि मोमिनुल हक़ भी एकादश का हिस्सा नहीं होंगे और उन्हें नंबर तीन के लिए एक नया बल्लेबाज़ ढूंढना था।
पिछले आठ महीने में अपना पहला टेस्ट खेल रहे यासिर को अंत में इस महत्वपूर्ण जगह के लिए चुना गया। वह अपने प्रथम श्रेणी और टेस्ट करियर में प्रमुखतया मध्य क्रम के बल्लेबाज़ रहे हैं। वह अपने शरीर से दूर शॉट खेलते हुए आउट हुए। यह एक तकनीकी दिक्कत है और नंबर तीन पर खेलने वाले बल्लेबाज़ को इसे जल्द से जल्द दूर करना चाहिए।
लिटन दास को नंबर चार पर प्रमोट किया गया था। उन्होंने इस साल टेस्ट क्रिकेट में ढेरों रन बनाए हैं और कोच रसल डोमिंगो ने भी इशारा किया था कि वह जल्द ही शीर्ष चार का हिस्सा होंगे। उन्होंने पांच चौकों के साथ आक्रामक शुरुआत की थी लेकिन सिराज की एक टिप्पणी ने उनका ध्यान भंग किया और वह अगली ही गेंद पर पवेलियन में थे। लिटन जैसे अनुभवी खिलाड़ी को इसको दरकिनार करना चाहिए था, लेकिन वह जाल में फंस गए।
क्या बांग्लादेश की बल्लेबाज़ी में मनोवैज्ञानिक कमज़ोरी है, इस सवाल पर हेराथ ने कहा, "क्रिकेट में आपको हमेशा रणनीति के हिसाब से चलना होता है। आप गेंदबाज़ हो या बल्लेबाज़, आपको टेंपरामेंट दिखाना होता है और यह दिल व दिमाग़ से आता है। योग्यता और कौशल होना एक बात है, लेकिन पिच पर आपको और दृढ़ होना होगा। जब आप पिच पर समय बिताते हैं, आपको विकेट और परिस्थितियों का अंदाज़ा हो जाता है। आपको बस उसी पल का इंतज़ार करना होता है और खिलाड़ियों से यही अपेक्षा की जाती है।"
हेराथ ने कहा कि बांग्लादेश को साझेदारी बनाने पर ध्यान देना चाहिए। भारत ने पहले दिन दो बड़ी साझेदारी की थी और फिर दूसरे दिन आर अश्विन व कुलदीप की आठवें विकेट के लिए 92 रन की रिकॉर्ड साझेदारी ने मेज़बान टीम को निराश किया। हेराथ ने कहा, "एक समय पर वे (भारतीय टीम) भी 50 रन पर तीन विकेट खो चुके थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने समझदारी से साझेदारियां की। पहले ऋषभ (पंत) और (चेतेश्वर) पुजारा के बीच साझेदारी हुई और फिर (श्रेयस) अय्यर और पुजारा ने पांव जमाया। टेस्ट क्रिकेट में आपको ऐसे ही साझेदारियों की ज़रूरत होती है। अगर आप पुजारा की पारी को देखेंगे तो उन्होंने 90 रन बनाए और ख़ूब सारी गेंदे खेली। वह लंबी साझेदारी बनाने के लिए दृढ़ दिखे।"

मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo के बांग्लादेश संवाददाता हैं @isam84