बेंगलुरु भगदड़ पर CAT : RCB ने बिना पूर्व अनुमति के अचानक अव्यवस्था पैदा की
ट्रिब्यूनल ने कहा कि RCB ने आयोजन के लिए ज़रूरी अनुमति और सहमति नहीं ली थी
नागराज गोलापुड़ी
02-Jul-2025
4 जून को RCB की जीत की परेड के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जमा हुई थी • PTI
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) की दो सदस्यीय बेंच ने कहा है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर "तीन से पांच लाख लोगों" की भीड़ जुटाने के लिए "ज़िम्मेदार" है। यह भीड़ उस दिन जमा हुई थी, जब RCB ने अपना पहला IPL ख़िताब जीतने के एक दिन बाद विजय परेड का आह्वान किया था।
स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए, क्योंकि पुलिस के पास बढ़ती भीड़ को संभालने का कोई उपाय नहीं था।
जस्टिस बी के श्रीवास्तव और संतोष मेहरा की पीठ ने कहा कि डियाजियो के स्वामित्व वाली RCB ने "अवांछित स्थिति" पैदा की क्योंकि उन्होंने बिना ज़रूरी अनुमति लिए IPL जीत का जश्न मनाने का निर्णय लिया। यह टिप्पणियां मंगलवार को जारी CAT के 29 पेज के आदेश का हिस्सा हैं। यह सुनवाई बेंगलुरु (पश्चिम) के इंस्पेक्टर जनरल और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार द्वारा दायर याचिका पर हो रही थी।
विकास और चार अन्य पुलिसकर्मियों को कर्नाटक सरकार ने "कर्तव्य में गंभीर लापरवाही" और "मार्गदर्शन नहीं लेने" के आरोप में निलंबित कर दिया था। सरकार ने कहा था इससे स्थिति "नियंत्रण से बाहर हो गई, कई जानें गईं और राज्य सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।" विकास ने अपने निलंबन को चुनौती दी थी। CAT ने सरकार के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि उन्हें बहाल किया जाए।
CAT आदेश में कहा गया कि न तो RCB और न ही इस आयोजन का प्रबंधन कर रही कंपनी M/S DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय परेड के आयोजन के लिए कोई अनुमति ली थी। CAT ने यह भी बताया कि बेंगलुरु शहर में ऐसी किसी भी सार्वजनिक सभा या जुलूस के लिए 2009 के आदेश के तहत सात दिन पहले आवेदन देना होता है। RCB या DNA ने ऐसा कोई आवेदन नहीं किया था।
'विशाल भीड़ का जमावड़ा'
आदेश के अनुसार, 3 जून को IPL फाइनल के दिन कर्नाटक स्टेट क्रिकेट असोसिएशन (KSCA) के CEO शुभेंदु घोष ने DNA नेटवर्क की ओर से कब्बन पार्क पुलिस थाने को एक पत्र सौंपा था, जिसमें लिखा था कि अगर RCB फ़ाइनल जीतती है तो स्टेडियम के चारों ओर "विजय परेड" हो सकता है, जो स्टेडियम के भीतर "समापन समारोह" के साथ समाप्त होगा। उस पत्र में परेड का मार्ग दिया गया था, लेकिन किसी प्रकार की अनुमति नहीं मांगी गई थी।
CAT ने कहा कि जब यह पत्र सौंपा गया तब यह "निश्चित नहीं था" कि RCB फ़ाइनल जीतेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उस पत्र में "अनुमति की कोई मांग नहीं की गई थी।"
आदेश में कहा गया है कि आयोजकों ने पुलिस की प्रतिक्रिया का इंतजार नहीं किया और अंत समय में उन्होंने पत्र दिया और कार्यक्रम शुरू कर दिया।
इस आदेश में RCB द्वारा 4 जून को सोशल मीडिया पर की गई घोषणाओं का क्रम भी दिया गया।
पहली पोस्ट सुबह 7.01 बजे की गई। फिर 8 बजे इंस्टाग्राम पर एक लिंक डाला गया, जिसमें लिखा था- "Army, आज शाम Home of Champions में आपसे मिलने का हम और अधिक इंतजार नहीं कर सकते। जानकारी जल्द ही जारी होगी।" सुबह 8.55 बजे यही पोस्ट फिर से डाली गई, लेकिन इस बार इसमें विराट कोहली का वीडियो आमंत्रण भी शामिल था।
फिर 4 जून को दोपहर 3.14 बजे RCB ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर दिया कि विजय परेड शाम 5 बजे होगी और इसके बाद स्टेडियम में जश्न मनाया जाएगा। CAT ने RCB को फटकार लगाई कि पुलिस से "अनुमति" या "सहमति" लिए बिना उन्होंने "एकतरफ़ा" रूप से यह जानकारी जारी की।
हालांकि पोस्ट में दर्शकों से "पुलिस और अन्य अधिकारियों के दिशानिर्देशों का पालन करने" की अपील की गई थी। उसमें यह भी लिखा था कि RCB की वेबसाइट से "फ़्री पास" मिल रहे हैं, लेकिन स्टेडियम में "सीमित प्रवेश" है। आदेश में कहा गया कि चूंकि पोस्ट में "पास वितरण की कोई जानकारी नहीं थी", इसका अर्थ यह निकाला गया कि यह कार्यक्रम "सभी के लिए खुला" था।
आदेश के अनुसार, पहली पोस्ट (7.01 am) को 16 लाख, दूसरी (8 am) को 4.26 लाख, तीसरी (8.55 am) को 7.6 लाख और चौथी (3.14 pm) को 17 लाख व्यूज़ मिले।
आदेश में यह भी कहा गया कि इन सबके कारण लगभग तीन लाख लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास जमा हो गए, जिसकी आधिकारिक क्षमता सिर्फ़ 35,000 है। यह "विशाल स्तर पर भीड़ का जमावड़ा" था। आदेश में यह भी कहा गया कि पुलिस पहले से ही थकी हुई थी क्योंकि उन्हें 3 जून की रात को ही RCB की जीत के बाद भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा था।
RCB की झलक पाने के लिए उमड़ी भारी भीड़ को काबू में रखना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल था•Associated Press
'पुलिस कोई भगवान नहीं'
पुलिस पर दबाव और बढ़ गया जब कर्नाटक सरकार ने सम्मान समारोह का आयोजन किया। आदेश में कहा गया, "इसलिए प्रारंभिक तौर पर यह प्रतीत होता है कि RCB लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ जुटाने के लिए ज़िम्मेदार है। RCB ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली और उसके परिणामस्वरूप जनता जमा हो गई। 4 जून 2025 को कम समय के कारण पुलिस पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पाई। पुलिस को पर्याप्त समय नहीं दिया गया। RCB ने बिना पूर्व अनुमति के अचानक इस प्रकार की अव्यवस्था पैदा की।"
आदेश में पुलिस का बचाव करते हुए कहा गया है कि पुलिसकर्मी भी "इंसान" हैं और "वे न तो भगवान (भगवान) हैं और ना ही जादूगर, न ही उनके पास 'अलादीन का चिराग' जैसी जादुई शक्ति है, जिससे सिर्फ़ उंगली घिसकर कोई भी इच्छा पूरी की जा सके।"
CAT एक अर्ध-न्यायिक संस्था है जो सरकारी और सार्वजनिक कर्मचारियों से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है। RCB खुद इस मामले में पक्षकार नहीं है। ट्रिब्यूनल की टिप्पणियों का कर्नाटक सरकार द्वारा बनाई गई जांच समिति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। यह जांच उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माइकल दा कुन्हा कर रहे हैं।
टिब्यूनल ने कहा कि RCB ने आयोजन के लिए ज़रूरी अनुमति और सहमति नहीं ली थी
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं