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अपनी-अपनी डफ़ली, अपना-अपना राग: पुजारा और पंत की एक और रोचक साझेदारी

उनकी बल्लेबाज़ी की व्यक्तिगत शैली इससे अधिक भिन्न नहीं होनी चाहिए, फिर भी वे किसी न किसी तरह एक दूसरे के पूरक हैं

तैजुल इस्लाम लंबे समय तक सटीक गेंदबाज़ी करने के लिए जाने जाते हैं। वह गेंदबाज़ी जारी रखे हुए थे जब ऋषभ पंत बल्लेबाज़ी करने आए। तैजुल जहां चाह रहे थे वहां गेंद को डाल भी रहे थे, उन्हें ड्रिफ़्ट और पिच से अलग-अलग स्पिन भी मिल रहा था। उन्होंने कुछ देर पहले ही विराट कोहली को एक फ़्लैट गेंद पर आउट किया था। तैजुल ने तेज़ गेंद डाली जो लेग स्टंप पर पिच हुई और कोण के विपरीत घुमी। तेज़ शुरुआत के बाद भारत का स्कोर 3 विकेट पर 48 रन का हो गया। पहले स्पेल में अच्छी गेंदबाज़ी नहीं करने के बाद तेज़ गेंदबाज़ों से भी दूसरे छोर से समर्थन मिल रहा था।
तैजुल कितनी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे इसका अंदाज़ा इस बात से लगा लीजिए कि वह चेतेश्वर पुजारा को भी बाहरी और भीतरी दोनों किनारों पर परख रहे थे। पुजारा स्पिन के ख़िलाफ़ आक्रामक नहीं खेलते हैं, लेकिन वह गेंद की पिच तक पहुंचकर या बैकफ़ुट पर जाकर उन गेंदों को खेलने में अच्छे हैं। ऐसा अक्सर नहीं होता है कि स्पिनर्स उन्हें क्रीज़ से फ़ॉरवर्ड-डिफेंस खेलने पर मजबूर कर रहे हों। किन्हीं कारणों से तैजुल उनसे ऐसा करवा रहे थे। संभवत: वह हवा में जो कर रहे थे या जैसा कि पुजारा ने कहा पिच का दोहरा रवैया। यहां हर गेंद नहीं घुमी है लेकिन काफ़ी गेंदें घुमी हैं।
पंत आते हैं और अभी उन्होंने अपनी पहली गेंद का भी सामना नहीं किया है कि तैजुल लॉन्ग ऑन और डीप मिडविकेट पर फ़ील्डर लगाकर गेंदबाज़ी करने लगते हैं। इससे पहले कि पंत कुछ तूफ़ानी करते, तैजुल उन्हें राउंड द विकेट से गेंदबाज़ी करने लगते हैं। पंत अब तूफ़ानी चीज़े करने लगते हैं, कीपर और बैकवर्ड शॉर्ट लेग के बीच एक फ़ुल गेंद को स्वीप करते हैं, आगे निकलते हैं और छक्का मारते हैं, सिर्फ़ अपनी ऊपरी शरीर को पीछे की ओर झुकाकर शॉर्ट लेंथ बनाते हैं और पुल करते हुए चौका लगा देते हैं।
पंत को सीमित ओवरों के प्रारूप में अपनी कारगरता या निरंतरता पर संदेह हो सकता है लेकिन वह कुछ समय के लिए टेस्ट में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ रहे हैं। एक बार फिर गेंदबाज़ों की लय बिगाड़ने के लिए नंबर 5 पर पंत को प्रमोट किया गया, उन्होंने वैसा ही किया जो करने की ज़रूरत थी।
नॉन स्ट्राइकर एंड पर पुजारा के रूप में जाना-पहचाना चेहरा था, जिनके साथ उन्होंने सिर्फ़ 10 साझेदारियों में आपस में 1184 गेंदें खेल ली हैं। यह आंकड़ा औसतन लगभग 20 ओवर है जब दोनों एक साथ बल्लेबाज़ी करते हैं। यह विश्व क्रिकेट के सबसे दिलचस्प साझेदारियों में से एक है। पुजारा आपको अनुभव करा सकते हैं कि महज़ एक अच्छी गेंद उन्हें आउट करने के लिए काफ़ी नहीं है। वहीं पंत अच्छी गेंदों को मैदान के किसी भी हिस्से में मार सकते हैं। गेंदबाज़ों के लिए इन दोनों बल्लेबाज़ों से तालमेल बिठाना आसान नहीं होता।
पुजारा अपनी तरह के आख़िरी बल्लेबाज़ हो सकते हैं। एक ऐसा बल्लेबाज़ जो पूरी तरह से फ़िट गेंदबाज़ों से भरी दुनिया में डिफ़ेंस को उसके पराकाष्ठा तक ले जाता है। ज़्यादातर बल्लेबाज़ों और टीमों को लगता है कि रन बनाने से पहले गेंदबाज़ों के थकने का इंतज़ार करना मुमकिन नहीं है। और फिर भी पुजारा वही कर रहे हैं जो वह जानते हैं, बस नए सिरे से दृढ़ निश्चय के साथ।
पुजारा अपनी हठधर्मिता में अपने तरीक़े पर अत्यधिक भरोसा करने में बिल्कुल पंत की तरह हैं। कम से कम ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ जीतने तक जब भी दोनों में से कोई एक आउट हुआ तो लोगों ने उनके तरीक़े पर सवाल उठाए। शायद वे एक दूसरे के साथ भी सहानुभूति रखते हैं। शायद इसीलिए वे एक दूसरे के साथ अच्छा करते हैं। वे स्पष्ट रूप से एक दूसरे के पूरक हैं। पुजारा ने अक्सर कहा है कि पंत की मौजूदगी के कारण उन्हें ख़राब गेंदें मिलती हैं। पंत यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें अपनी आक्रामकता पर अंकुश लगाने की जरूरत नहीं है, जो दूसरे छोर पर विकेट गिरने से उन्हें करने के लिए मजबूर कर सकता है।
और फिर भी पब्लिक रिकॉर्ड के अनुसार वे एक दूसरे से हल्के से परेशान हो सकते हैं। यह कहानी 2020-21 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान एससीजी टेस्ट को हार से बेहतरीन अंदाज़ में बचाने के दौरान की है। लंच से पहले के आख़िरी ओवर में पंत 97 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब पुजारा ने उनसे कहा कि अगर उन्हें ख़राब गेंदें नहीं मिलती है तो सावधानी बरतें और वापस आकर शतक बनाएं। पता चला कि पंत को अपना स्कोर भी नहीं पता था और उन्होंने पुजारा से कहा कि उनके रिमाइंडर ने शॉट में थोड़ी सी झिझक पैदा की जिससे वह आउट हो गए। पुजारा ने बताया है कि पंत ने कितने शतक मिस किए हैं।
आप कल्पना कर सकते हैं कि पुजारा को शायद लगता है कि पंत अपनी नैसर्गिक स्ट्रोक-मेकिंग क्षमता से और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। इसी तरह पंत शायद पुजारा के गेंदबाज़ों पर आक्रमण करने से पहले उनकी पसीना छुड़ाने की ज़िद पर उलझन महसूस करते हैं। फिर भी वे एक दूसरे के साथ बल्लेबाज़ा का लुत्फ़ उठाते हैं क्योंकि भारत उस साझेदारी का आनंद लेता है। उनकी 10 में से पांच साझेदारी 102 या उससे कम के स्कोर पर शुरू हुई है। इनमें से सभी मौक़ों पर उन्होंने भारत को मुश्किल से निकालने में मदद की है।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।