क्या एजबेस्टन में अपना पहला टेस्ट जीत पाएगा भारत?
पांच ऐसे मैदान जहां भारत को अभी भी पहली टेस्ट जीत का इंतज़ार
आशीष पंत
01-Jul-2025
Virat Kohli ने 2018 में एजबेस्टन में 149 रन बनाए लेकिन भारत यहां पर हारा था • Getty Images
भारत ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के पहले टेस्ट में अधिकतर चीज़ें सही की थी, लेकिन आखिर में उनको 0-1 से पिछड़ना पड़ा। अब जब भारत एजबेस्टन पहुंचेगा तो उनको न केवल आत्मविश्वास से भरे इंग्लैंड का सामना करना पड़ेगा बल्कि इतिहास का भी सामना करना पड़ेगा। एजबेस्टन में खेले अपने आठ टेस्ट में उनको सात में हार और एक में ड्रॉ का सामना करना पड़ा है। यहां पर आपको पांच मैदान के बारे में बताते हैं जहां पर भारत अब तक एक भी जीत हासिल नहीं कर पाया है (कम से कम पांच टेस्ट)।
एजबेस्टन, बर्मिंघम
खेले 8, जीते 0, हारे 7, ड्रॉ 1पिछली बार भारत 2022 में एजबेस्टन में टेस्ट खेले थे, जहां इंग्लैंड ने 378 रनों का पीछा कर लिया था,, जो उनका टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा लक्ष्य का पीछा है, इस मैच की दोनों पारियों में जॉनी बेयरस्टो ने शतक लगाया था।
भारज की एजबेस्टन में सबसे बड़ी हार 2011 में आई थी, जब वे इंग्लैंड से पारी और 242 रनों से हार गए थे। भारत को पहले बल्लेबाज़ी पर भेजते हुए उन्होंने भारत को 224 पर ऑलआउट कर दिया था। जवाब में, एलिस्टेयर कुक के करियर की सर्वश्रेष्ठ 294 रन की पारी और ओएन मॉर्गन 104 रन की मदद से उन्होंने रिकॉर्ड सात विकेट पर 710 पर पारी घोषित की और 486 रन की बढ़त ली। भारत दूसरी पारी में 244 रन ही बना सका।
एजबेस्टन में जीत के सबसे क़रीब वे 2018 में पहुंचे। चौथी पारी में 194 रन का पीछा करते हुए एक समय वे चौथे दिन पांच विकेट पर 110 रन बना चुके थे। पहली पारी में 149 रन बनाने वाले विराट कोहली 43 रन पर नाबाद थे और दिनेश कार्तिक उनके साथ थे। कोहली को आउट करने के बाद इंग्लैंड ने अंत में 31 रन से जीत दर्ज की।
वेस्टइंडीज़ ने भारत को 1997 में केंसिंगटन ओवल में 81 रन पर ढेर कर दिया था•Associated Press
केसिंगटन ओवल, ब्रिजटाउन, बारबेडोस
खेले 9, जीते 0, हारे 7, ड्रॉ 2केंसिंगटन ओवल में अपने नौ टेस्ट मैचों में से भारत यहां 1971 और 2011 में केवल दो टेस्ट ड्रॉ करा पाया। सात में से दो भारत की हार यहां पर पारियों से थी, जिसमें सबसे बड़ी हार उनको 1976 में पारी और 97 रन से मिली थी। यह चार टेस्ट मैच की सीरीज़ का पहला मैच था और लेग स्पिनर डेविड हॉलफ़ोर्ड के पांच विकेट की बदौलत भारत 177 रन पर ढेर हो गया। वेस्टइंडीज़ ने नौ विकेट पर नौ विकेट पर 488 रन बनाकर पारी घोषित की और दूसरी पारी में भारत को 214 रनों पर ही रोक दिया।
The 1997 टेस्ट में भारत को यहां दिल दुखाने वाली सबसे बड़ी हार मिली। सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के अर्धशतकों से भारत ने यहां पर पहली पारी में 21 रन की बढ़त ली। उन्होंने दूसरी पारी में वेस्टइंडीज़ को 140 रनों पर ढेरकर दिया और चौथी पारी में भारत को 120 रन की दरक़ार थी। लेकिन भारत की पारी ढह गई। केवल वीवीएस लक्ष्मण ही दहाई के स्कोर तक पहुंच पाए और भारत 81 रन पर ढेर हो गया।
Sachin Tendulkar ने 1990 में ओल्ड ट्रैफ़र्ड में ड्रॉ कराने में अहम मदद की•Getty Images
ओल्ड ट्रैफ़र्ड, मैनचेस्टर
खेले 9, जीते 0, हारे 4, ड्रॉ 5यह इस समय चल रही सीरीज़ का चौथे टेस्ट का वेन्यू ओल्ड ट्रैफ़र्ड एक और मैदान है जहां पर भारत को अधिक सफलता नहीं मिली है। भारत की यहां पर सबसे बड़ी हार 1952 टेस्ट में आई, जहां पर वे पारी और 207 रन से हारे। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी की और लेन हटन के 104 रन की बदौलत नौ विकेट पर 347 रन पर पारी घोषित की। जवाब में भारत पहली पारी में 58 और दूसरी पारी में 82 रन पर ढेर होकर तीन दिन के अंदर मैच हार गया।
1990 टेस्ट में 17 साल के तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला शतक लगाकर चौथी पारी में ड्रॉ कराने अहम भूमिका निभाई। उनके नाबाद 119 रन की बदौलत भारत ने 408 रन के लक्ष्य के जवाब में छह विकेट पर 343 रन बनाए।
2006 में कराची टेस्ट में इरफ़ान पठान के पहले ओवर में हैट्रिक के बावजूद भारत यह टेस्ट हारा था•AFP
नेशनल स्टेडियम,, कराची
खेले 6, जीते 0, हारे 3, ड्रॉ 3भारत की कराची में सबसे बड़ी हार 1982 में आई, जहां इमरान ख़ान की गेंदबाज़ी मास्टरक्लास देखने को मिली। पहले बल्लेबाज़ी को भेजने पर भारत 169 रन पर ढेर हो गया, जिसमें इमरान ने 19 रन देकर तीन विकेट और अब्दुल क़ादिर ने 67 रन देकर चार विकेट लिए। ज़हीर अब्बास और मुदस्सर नज़र ने बाद में शतक लगाए ओर 292 की बढ़त बनाई। दूसरी पारी में भारत इमरान के 60 रन पर आठ विकेट की बदौलत 197 रन पर ढेर हो गया और एक पारी और 86 रन से हारा।
2006 में भारत ने मैच को हाथ से फिसलने दिया। इरफ़ान पठान ने पहले ही ओवर में हैट्रिक लगाई जिससे मेज़बानों का स्कोर 0 पर तीन विकेट था। लेकिन पाकिस्तान ने कमरान अकमल के 113 रन की बदौलत वापसी करते हुए 245 रन बनाए। बाद में भारत 238 रन पर ऑलआउट हो गया। दूसरी पारी में पाकिस्तान ने सात विकेट पर 599 रन बना दिए। 607 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 265 रनों पर ऑलआउट हो गया।
Virender Sehwag ने 2006 में लाहौर में दोहरा शतक लगाया था•AFP
गद्दाफ़ी स्टेडियम, लाहौर
खेले 7, जीते 0, हारे 2, ड्रॉ 5भारत और पाकिस्तान ने लाहौर में कई हाई स्कोरिंग मैच खेले हैं। भारत को यहां पर सबसे बड़ी हार 2004 में मिली थी। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और युवराज सिंह के पहले टेस्ट शतक की बदौलत 287 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से इमरान फ़रहत और इंज़माम उल ह़क ने शतक लगाए जिससे पाकिस्तान ने 489 रन बनाकर 202 रन की बढ़त ली। भारत दूसरी पारी में 241 रन ही बना सका और पाकिस्तान ने आसानी से 41 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया। पिछली बार ये दोनों टीम लाहौर में 2006 में खेली थी, जहां दो टीम की ओर से छह शतक लगे जिससे केवल दो पारियां ही पूरी हो पाई। वीरेंद्र सहवाग ने दोनों टीमों में सर्वाधिक 254 रन बनाए थे।
आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।