आंकड़े झूठ नहीं बोलते : (ख़राब) फ़ॉर्म के साथ राहुल का नया रिश्ता?
स्मिथ-लाबुशेन की जोड़ी को भारत की फिरकी ने बांधे रखा है
टेस्ट क्रिकेट में निरंतरता राहुल की मित्र नहीं रही है • Getty Images
हालिया समय में भारतीय ओपनर टीम को अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रहे हैं। यही कारण है कि साल 2022 की शुरुआत से उनकी औसत केवल 32.2 की रही जो सभी टीमों के तुलना में दूसरी सबसे कम औसत है। इतना ही नहीं, इस दौरान श्रीलंका के अलावा केवल भारत ने पहले विकेट के लिए एक भी शतकीय साझेदारी नहीं निभाई है। सिर्फ़ ओपनर ही नहीं बल्कि पूरा शीर्ष क्रम भारत की चिंता का कारण बन रहा है। पिछले साल की शुरुआत से भारत के टॉप चार बल्लेबाज़ों ने कुल मिलाकर 29.5 की साधारण औसत से रन बनाए हैं। कई मौक़ों पर निचले क्रम ने उनकी असफलताओं को छुपाने का काम किया है लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो ऑस्ट्रेलिया के पास सीरीज़ में वापसी करने का मौक़ा हो सकता है।
आईसीसी के नंबर एक और नंबर दो टेस्ट बल्लेबाज़ों को इस सीरीज़ में रन बनाने के लिए काफ़ी परिश्रम करना पड़ा है। जहां घर पर मज़े से रन बनाने वाले मार्नस लाबुशेन को विदेशी परिस्थितियां नहीं भा रही हैं। विशेष रूप से बाएं हाथ के स्पिनरों ने एशिया में लाबुशेन को तंग किया है। एशिया में 12 पारियों में बाएं हाथ के स्पिनरों ने लाबुशेन को छह बार अपना शिकार बनाया है। वहीं दूसरी तरफ़ लाबुशेन के घनिष्ठ मित्र स्टीवन स्मिथ को ऑफ़ स्पिन रास नहीं आई है। वर्तमान सीरीज़ में स्मिथ ने ऑफ़ स्पिन के विरुद्ध 4.5 की मामूली औसत से केवल नौ रन बनाए हैं और दो बार आउट हुए हैं। यह आंकड़े मेहमान टीम का सिरदर्द बन सकते हैं।

के एल राहुल अब काफ़ी समय से भारतीय टेस्ट टीम के ओपनर रहे हैं। हालांकि निरंतरता उनकी मित्र नहीं है। 2017 तक बतौर ओपनर 10 अर्धशतक और चार शतक जड़ने वाले राहुल को अगले दो साल संघर्ष करना पड़ा और उनकी औसत 22.2 हो गई। 2021 में राहुल ने वापसी करते हुए 10 पारियों में 461 रन बनाए थे लेकिन इसके बाद उनकी फ़ॉर्म कहीं खो गई है। 2022 की शुरुआत से राहुल ने 11 पारियों में 15.9 की औसत से रन बनाए हैं जो इस दौरान कम से कम 100 गेंदें खेलने वाले किसी भी ओपनर के लिए सबसे ख़राब औसत है। और तो और पिछली 10 पारियों में वह एक बार भी 30 रनों के आंकड़े को पार नहीं कर पाए हैं। इसी वजह से कई पूर्व क्रिकेटर उन्हें ड्रॉप करने की गुहार लगा रहे हैं।
हर विदेशी टीम की तरह भारत में ऑस्ट्रेलिया को स्पिन के मायाजाल का सामना करना पड़ा है। अतीत की टीमों की तरह ऑस्ट्रेलिया ने भी संघर्ष किया है और दो मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। अब तक इस सीरीज़ में 40 में से 32 विकेट भारतीय स्पिनरों ने झटके हैं। जहां रवींद्र जाडेजा ने 17 और रविचंद्रन अश्विन ने 14 विकेट लिए हैं, अक्षर पटेल को मात्र एक सफलता हाथ लगी है। इंदौर की पिच पर स्पिनरों के साथ-साथ तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलती है और इस वजह से ऑस्ट्रेलिया को पूरे मैच में राहत की सांस लेने के मौक़े कम ही मिलेंगे।
अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।