मैच (21)
द हंड्रेड (पुरूष) (3)
CPL (2)
AUS-WA vs IND-WA (1)
द हंड्रेड (महिला) (3)
AUS vs SA (1)
One-Day Cup (8)
Top End T20 (3)
ख़बरें

RCB को कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में हुई भगदड़ का ज़िम्मेदार ठहराया

RCB के विक्ट्री परेड के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी और 50 से ज़्यादा ज़ख़्मी हुए थे

It was hard for the police to control the large number of people who turned up to catch a glimpse of RCB, Bengaluru, June 4, 2025

पुलिस के लिए सिर्फ़ 12 घंटे के नोटिस पर इतनी बड़ी भीड़ को संभालना नामुमकिन था  •  Associated Press

कर्नाटक सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ का ज़िम्मेदार माना है, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई थी और 50 से ज़्यादा ज़ख़्मी हुए थे।
ये निष्कर्ष सरकार की स्टेटस रिपोर्ट में उल्लिखित हैं, जिसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया। दो दिन पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इसे गोपनीय रखने के सरकार के अनुरोध को ख़ारिज कर दिया था और इसे जारी करने का आदेश दिया था।
स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक़ जिसकी एक प्रति ESPNcricinfo के पास भी आई है, उसमें सरकार ने कहा है, "RCB प्रबंधन ने अपने इवेंट मैनेजमेंट पार्टनर, DNA नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के साथ मिलकर न ही पहले से पुलिस से परामर्श किया और न ही इस तरह के जश्न के लिए आवश्यक अनुमति या लाइसेंस प्राप्त किया। जीत का जश्न मनाने का यह एक इकतरफ़ा फ़ैसला था।"
रिपोर्ट के मुताबिक़ KSCA के CEO शुभेंदु घोष ने DNA एंटरटेनमेंट की ओर से 3 जून को शाम 6.30 बजे कब्बन पार्क पुलिस को सूचना दी थी कि RCB उसी शाम अहमदाबाद में होने वाले IPL फ़ाइनल में जीत हासिल करने पर विजय परेड आयोजित करने का इरादा रखती है।
हालांकि, पुलिस ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था क्योंकि "भीड़ की अनुमानित संख्या, व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी अधूरी थी और यह प्रस्ताव बेहद कम समय के नोटिस पर दिया गया था।"
इस स्टेटस रिपोर्ट में अनुरोध किए जाने से लेकर घटनाक्रम का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे RCB ने 4 जून को सुबह 7.01 बजे अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से एक निमंत्रण पोस्ट किया था, जिसमें विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक विजय परेड की घोषणा की गई थी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि RCB के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के साथ-साथ विराट कोहली द्वारा भी बेंगलुरु में प्रशंसकों के साथ जश्न मनाने की योजना की घोषणा शामिल थी। जिसके बाद इसपर काफ़ी प्रतिक्रिया मिली।
RCB द्वारा भीड़ जुटाने के लिए प्रक्रियागत उल्लंघनों को रेखांकित करने के लिए लाइसेंसिंग और नियंत्रण सभा और जुलूस (बेंगलुरु सिटी) आदेश, 2009 का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, "यह ध्यान देने योग्य है कि आयोजकों द्वारा केवल सूचना दी गई थी।
"निर्धारित प्रारूप में अनुमति के लिए कोई अनुरोध नहीं किया गया था, न ही संबंधित विभागों को सभा का पूर्वानुमान लगाने और पर्याप्त तैयारी करने के लिए कोई आवश्यक जानकारी प्रदान की गई थी।"
इस बीच, सरकार की ओर से दलीलें दे रहे वकीलों ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें IPS अधिकारी विकास कुमार और चार अन्य का निलंबन रद्द कर दिया गया था। जिन्हें भगदड़ के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया था और बाद में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया था। उन्होंने तर्क दिया कि न्यायाधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर ऐसा किया है।
सरकार ने तर्क दिया कि सिर्फ़ 12 घंटे के नोटिस पर इतनी बड़ी भीड़ को संभालना नामुमकिन था और अधिकारी [विकास और उनकी टीम] द्वारा स्थिति को संभालने के तरीक़े पर भी सवाल उठाए। सरकार ने कहा, "अधिकारी क्या कर रहे थे? क्या उन्होंने कोई कार्रवाई की? पुलिस अधिनियम के तहत निषेधाज्ञा जारी करने के बजाय, उन्होंने समारोह के लिए बंदोबस्त की व्यवस्था की।"
RCB को फ़िलहाल CID जांच की रिपोर्ट का इंतज़ार है, जो अपने अंतिम चरण में है। RCB के शीर्ष अधिकारियों और DNA के सदस्यों ने पिछले महीने अपनी गवाही दे दी है। फ़ैसले की तारीख़ अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं।