भारत के ख़िलाफ़ बुधवार को वानखेड़े में होने वाले पहले टी20आई में ऑफ़ स्पिनर
चार्ली डीन का खेलना संदिग्ध है। इंडिया ए के ख़िलाफ़ तीन टी20 मैचों की सीरीज़ के दौरान इंग्लैंड ए कैंप में कई खिलाड़ियों के पेट ख़राब हुए थे और अब डीन भी इसका शिकार हो गई हैं।
मैच से एक दिन पहले इंग्लैंड की कप्तान
हेदर नाइट ने कहा, "चार्ली डीन का भी पेट ख़राब हुआ है और उनको रिकवर करने में समय लगेगा। वह अकेली हैं जिनके खेलने पर संदेह है। हमने कड़ा क्वारंटाइन समय बिताया है और हम देखेंगे कि वह कैसे प्रगति करती हैं।"
डीन, बायें हाथ की स्पिनर सोफ़ी एक्लेस्टन और लेग स्पिनर साराह ग्लेन के सथ पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर ऐलिस कैप्सी इंग्लैंड के स्पिन के विकल्प हैं। एक्लेस्टन भी सर्जरी के बाद वापसी कर रही हैं। उन्हें महिला हंड्रेड मैच में कंधे में चोट लगी थी। इसके बाद वह महिला बिग बैश लीग में नहीं खेल पाई थी, साथ ही श्रीलंका के ख़िलाफ़ सफ़ेद गेंद सीरीज़ में भी वह नहीं खेल पाई थीं।
भारत में आने से पहले एक्लेस्टन ओमान में लगे इंग्लैंड के दो सप्ताह के कैंप का हिस्सा थीं। नाइट का मानना है कि एक्लेस्टन में काफ़ी सुधार हुआ है।
नाइट ने कहा, "वह अच्छा कर रही हैं और वह गेंदबाज़ी पर लौट आई हैं। गेंदबाज़ी में कोई समस्या नहीं होगी। फ़ील्डिंंग में हो सकता है कि थोड़ी नर्वस रहें क्योंकि मेरे साथ भी ऐसा पहले कई बार हुआ है। जैसे मैच शुरू होगा सोफ़ी इससे बाहर आ जानी चाहिए।
वह ट्रेनिंग में अच्छा कर रही हैं। उन्होंने फ़ील्डिंग की, डाइव लगाई और बेहतर किया। हम उन पर नज़र बनाए रखेंगे, वह हमारी अहम खिलाड़ी हैं।"
नाइट : वानखेड़े में अधिक उछाल की उम्मीद
सोमवार को ट्रेनिंग के दौरान नाइट ने पहली बार परिस्थिति को देखा, नाइट का मानना है कि बल्लेबाज़ों को यहां पर अधिक उछाल से तालमेल बैठाना होगा।
उन्होंने कहा, "नेट्स स्क्वायर पर हैं तो इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पिच कैसे खेलने वाली है। वानखेड़े में उम्मीद से अधिक उछाल मिलता है, जो ब्रेबोन स्टेडियम से अलग है, जिसे डब्ल्यूपीएल में देखने को भी मिला था, यहां गेंद अधिक स्किड होकर आती है।"
"नेट्स में थोड़ी टर्न देखने को मिली लेकिन उम्मीद है कि मुख्य पिच पर ऐसा नहीं होगा। आउटफ़ील्ड भी काफ़ी तेज़ है।"
भारत की घर में पिछली ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ और डब्ल्यूपीएल में काफ़ी दर्शक ग्राउंउ में पहुंचे थे। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलने वाली नाइट को लगता है कि यहां भी ऐसा हो सकता है। विरोधी टीम होने के नाते हमें फ़ोकस नहीं खोना है।
"जब भीड़ होती है तो कभी-कभी आप ऐसा महसूस कर सकते हैं कि चीजे़ं तेज़ हो रही हैं और आपको लगता है कि खेल बहुत तेज़ी से हो रहा है। हमने बल्ले और गेंद के साथ अपनी गति हासिल करने की कोशिश करने के बारे में बहुत बात की है, इस पल में एकाग्रता बनाए रखने की कोशिश करें और हम जो करना चाहते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।"
"दर्शकों को शांत रखना मुश्किल होता है। पुरुष विश्व कप में सभी ने देखा कि भारतीय दर्शकों ने अपनी टीम का किस तरह से समर्थन किया। अगर अधिक दर्शक भी नहीं होते हैं तो भी वे बहुत शोर करते हैं।"
"यह छोटी चीजें हैं जैसे यह सुनिश्चित करना कि आप कप्तान के रूप में पिच पर शोर के आस पास संवाद कर सकें जो थोड़ा मुश्किल है। यह एक अद्भुत चुनौती है और आप भारी भीड़ के सामने खेलना चाहते हैं।"
एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।