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पुजारा : मैं स्वार्थी क्रिकेटर नहीं जो प्लेइंग XI में बने रहने के लिए खेले

बल्लेबाज़ ने टेस्ट टीम से ड्रॉप होने पर निराशा और आत्म-संदेह को स्वीकारा लेकिन विश्वास जताया कि वह आगे योगदान भी दे सकते हैं

Cheteshwar Pujara was out caught behind trying to ramp the ball, Australia vs India, WTC final, 4th Day, The Oval, London, June 10, 2023

क्या ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ यह पारी पुजारा के टेस्ट करियर की आख़िरी पारी साबित होगी?  •  Getty Images

वरिष्ठ भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि वह अब भी भारतीय टेस्ट टीम में योगदान दे सकते हैं। हालांकि 103 टेस्ट खेल चुके पुजारा ने माना कि टीम से बाहर किए जाने पर उन्हें निराशा और आत्म-संदेह का एहसास हुआ है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में भारत के लिए खेलने के बाद वेस्टइंडीज़ दौरे पर उन्हें चयनित नहीं किया गया था।

'द फ़ाइनल वर्ड' पॉडकास्ट पर बात करते हुए इंग्लैंड में ससेक्स के लिए क्रिकेट खेल रहे पुजारा ने कहा, "पिछले कुछ सालों में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे। जब आप 90 टेस्ट मैच खेलने के बाद भी ड्रॉप होते हैं, तो आप को पुनः साबित करना पड़ता है कि आप उस श्रेणी के खिलाड़ी हैं। यह अलग तरह की चुनौती होती है। आप को थोड़ी निराशा तो होती ही है, जब आप 90 टेस्ट मैच खेलकर पांच-छह हज़ार रन बना चुके होते हैं। यह आसान नहीं।"
उन्होंने आगे कहा, "कभी-कभी यह आपके अहम को भी ठेस पहुंचाता है। जब आप इतने सालों से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते आ रहें हों, तो अचानक आपके मन में संदेह बैठता है कि क्या आप अब भी उस लायक हैं? और फिर ख़ुद को बार-बार साबित करते रहना पड़ता है तो आप सोचते हैं कि क्या इतनी मेहनत उचित है?"

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2021-23 के डब्ल्यूटीसी चक्र में विराट कोहली के 932 रनों के बाद भारत के लिए पुजारा ने ही सर्वाधिक 928 रन बनाए थे, हालांकि उनकी औसत केवल 32.00 की थी। उन्होंने फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 14 और 27 बनाए। इसके बाद वेस्टइंडीज़ के दौरे पर बाहर किए जाने पर सुनील गावस्कर ने पुजारा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्हें "बलि का बकरा" बनाया जा रहा है।

पुजारा ने कहा, "मैं ख़ुद को आश्वासन देता रहता हूं कि मैं उच्च स्तर का बल्लेबाज़ ही हूं। मुझे पता है भारतीय क्रिकेट में मेरा कितना बड़ा योगदान रहा है। मैंने एक आंकड़ा देखा था कि जब मैं 70 या 80 का स्कोर बनाता हूं तो भारत 80% मैच जीतता है, या उसे हारना नहीं पड़ता। मुझे पता है जब मैं रन बनाता हूं तो अमूमन भारत हारता नहीं।"

वैसे आंकड़ा यह है कि जब पुजारा ने किसी टेस्ट में कम से कम एक बार 70 का स्कोर पार किया है, तब भारत 34 में से 23 टेस्ट मैच जीता है और केवल छह में हारा है। इसकी तुलना में जब कोहली ने 70 का स्कोर पार किया है, तब भारत 18 टेस्ट जीता है लेकिन 10 हारा भी है। हालांकि हारे टेस्ट में रन बनाना अक्सर ज़्यादा कठिन होता है, क्योंकि विरोधी टीम की क्षमता और परिस्थितियां, दोनों बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं होती।
2021-22 में साउथ अफ़्रीका दौरे के बाद दूसरी बार ड्रॉप किए जाने के बाद पुजारा ने प्रथम-श्रेणी क्रिकेट के साथ काफ़ी सीमित-ओवर क्रिकेट भी खेला है। पिछले कुछ हफ़्तों में उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी में वेस्ट ज़ोन के लिए दूसरी पारी में 133 की पारी खेली है। इसके बाद ससेक्स के लिए वनडे कप में नॉर्थैंप्टनशायर के विरुद्ध 106 और सॉमरसेट के ख़िलाफ़ 117 की नाबाद पारियां भी खेलीं हैं। पुजारा ने कहा, "मुझे ससेक्स के लिए खेलने में काफ़ी मज़ा आता है और जब मैं यहां रन बनाता हूं, तो भारत में इन प्रदर्शनों की चर्चा होती है। लेकिन ससेक्स के लिए यह मेरा खेलने का मक़सद नहीं है। जब मैं घरेलू क्रिकेट या काउंटी क्रिकेट में रन बनाता हूं तो मैं अपनी वापसी की संभावना को और बेहतर बनाता हूं।"

भारत के लिए आठवें सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने बल्लेबाज़ अब चयन के बारे में सोचने के बजाय अपनी गेम पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मेरे क्रिकेट करियर में ऐसा कई बार हुआ है कि मैं दबाव में आया हूं और ड्रॉप भी किया गया हूं। आप किसी स्थान के लिए नहीं, हमेशा टीम के लिए खेलते हैं। मैं चीज़ों को आसान रखना पसंद करता हूं क्योंकि मैं कोई स्वार्थी क्रिकेटर नहीं जो सिर्फ़ प्लेइंग XI में स्थान को बनाए रखने के लिए खेले।

"अगर मैं फ़िलहाल टीम में योगदान नहीं दे रहा हूं, तो मैं घर पर बैठने के लिए तैयार हूं। उदाहरण के तौर पर अगर मैं 20 या 30 बनाकर आउट हो जा रहा हूं, लेकिन अगर कोई 20-30 और बनाकर अर्धशतक लगा देता हैं लेकिन भारत नहीं जीतता तो क्या फ़ायदा? शायद ऐसी सोच मुझे व्यक्तिगत तौर पर लाभ पहुंचाए, लेकिन मैंने कभी ऐसे नहीं सौचा। मेरे लिए भारतीय टीम को मैच जीताने की क्षमता सर्वोपरि है। आप प्लेइंग XI में बने रहने के लिए नहीं खेल सकते। टीम में अगर रहें तो टीम के लिए कुछ प्रभाव डालना ज़रूरी है।"

श्रेष्ठ शाह ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं @sreshthx, अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है