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मिताली : झूलन नेट्स में गेंदबाज़ी करते हुए भी आग उगलती थीं

झूलन के साथ 201 वनडे खेलने वाली उनकी पूर्व टीम मेट ने भारत के तेज़ गेंदबाज़ के आख़िरी मैच के अवसर पर उनकी जमकर प्रशंसा की

Jhulan Goswami bowls, New Zealand vs India, 5th women's ODI, Queenstown, February 24, 2022

मुझे हमेशा लगता था कि एक बल्लेबाज़ के तौर पर झूलन और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है: मिताली  •  Getty Images

भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज के अनुसार झूलन गोस्वामी की खेल के प्रति प्रतिबद्धता ऐसी थी कि वह नेट्स में गेंदबाजी करते हुए भी "आग उगलती" थीं। क़रीब दो दशकों तक ड्रेसिंग रूम साझा करने के बाद मिताली और झूलन ने भारत में महिला क्रिकेट के विकास को देखा है। उन्होंने कई यादगार जीत और कुछ दिल तोड़ने वाली हार भी साझा कीं।
मिताली ने कहा, "हम एक ही उम्र के हैं। इसलिए हमारे बीच एक बढ़िया रिश्ता भी है। उसके पास पहुंचना और उससे बात करना हमेशा बहुत आसान था। वह एक ऐसी खिलाड़ी थीं जो मैदान पर हमेशा ऊर्जा से भरी हुई रहती थी। शायद ऐसा इसी कारण था क्योंकि वह एक तेज गेंदबाज़ थी।"
झूलन के लिए स्विंग उनका सबसे बड़ा हथियार नहीं था लेकिन सटीकता और सीम के उपयोग ने उसे ढेर सारे विकेट दिलाए। मिताली ने बताया कि झूलन में प्रतिस्पर्धा की भावना नेट्स में भी बहुत स्पष्ट थी।
उन्होंने कहा, "नेट्स में मैं अक्सर उससे पूछती थी कि 'तुम आग क्यों उगल रही हो, तुम मेरी ही टीम की साथी ही हो ना?' घरेलू क्रिकेट सहित उसके पास हमेशा एक प्रतिस्पर्धात्मक लकीर थी। हम अक्सर एक-दूसरे के ख़िलाफ़ खेले। मैंने उस प्रतिद्वंद्विता का भी आनंद लिया।"
मिताली ने घरेलू क्रिकेट के एक मैच को भी याद किया जिसमें झूलन के व्यक्तित्व की सौम्यता का पता चला था। उन्होंने कहा, "हम सेमीफ़ाइनल [रेलवे बनाम बंगाल] में खेल रहे थे। मैंने उस घरेलू सीज़न के दौरान अपना हेलमेट अपने पास नहीं रखा था। झूलन मेरे सिर पर सही निशाना लगा रही थी और मैंने उसके बहुत सारे बाउंसर छोड़े थे। थोड़ी देर बाद वह मेरे पास आई और बोली, 'तुमने हेलमेट क्यों नहीं पहना है?' मैंने उसे कहा कि 'मैं हेलमेट लेकर ही नहीं आई हूं तो कहां से पहनूंगी?' वे मजे़दार समय थे।"
मुझे उसके साथ बल्लेबाज़ी करने में भी काफ़ी मज़ा आता था। मैंने हमेशा सोचा कि वह बल्ले से बेहतर योगदान दे सकती है। हमारे बीच कुछ अच्छी साझेदारियां हुई थीं। हमने कुछ आश्चर्यजनक जीत हासिल कए थे। वहीं कई बार बुरी हार का भी सामना करना पड़ा।
मिताली राज
भारत की पूर्व कप्तान मिताली ने कहा कि विपक्षी खिलाड़ी भी उन्हें उचित सम्मान देते थे। ख़ासकर जब वह अपने चरम फ़ॉर्म में थीं। मिताली ने कहा, "जो सबसे अलग था वह उसकी सटीकता थी। वह एक स्विंग गेंदबाज़ नहीं थी, वह एक ऐसी गेंदबाज़ थी जो गेंद को अंदर और बाहर ले जाती थी। कटर उसकी ताक़त थी। अपने चरम पर वह मुश्किल से ही कोई ख़राब गेंद डालती थी।"
तेज़ गेंदबाज़ रुमेली धर और अमिता शर्मा के संन्यास के बाद झूलन ने ही कई सालों तक भारत के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का नेतृत्व किया। इस संदर्भ में मिताली ने कहा, "वह एक छोर से बहुत लंबे समय तक अकेली तेज़ गेंदबाज़ थी। उसे कई बार समर्थन मिलता था लेकिन अक्सर वह दबाव बनाने की कोशिश करने वाली अकेली होती थी।"
मिताली ने झूलन के साथ बल्लेबाज़ी करने के बारे में कहा, "मुझे उसके साथ बल्लेबाज़ी करने में भी काफ़ी मज़ा आता था। मैंने हमेशा सोचा कि वह बल्ले से बेहतर योगदान दे सकती है। हमारे बीच कुछ अच्छी साझेदारियां हुई थीं। हमने कुछ आश्चर्यजनक जीत हासिल कए थे। वहीं कई बार बुरी हार का भी सामना करना पड़ा। यह एक दुखद क्षण है [कि वह संन्यास ले रही हैं] लेकिन यह किसी ऐसे व्यक्ति का जश्न मनाने का क्षण भी है जो इतने लंबे समय तक खेलीं। तेज़ गेंदबाज़ के रूप में उस तरह का करियर बनाना आसान नहीं है।"