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आंकड़े झूठ नहीं बोलते: करो या मरो मुक़ाबले में भारत का अद्भुत रिकॉर्ड

एशिया कप में टीम इंडिया को स्पिनरों ने किया निराश

Ravi Bishnoi struck early sending back Babar Azam cheaply, India vs Pakistan, Asia Cup, Dubai, September 4, 2022

एशिया कप में अब तक खेले तीनों भारतीयों स्पिनरों ने एक-एक विकेट हासिल किए हैं  •  AFP/Getty Images

सुपर 4 चरण के अपने पहले मुक़ाबले में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रोमांचक मुक़ाबले में हार के एक दिन बाद भारतीय टीम श्रीलंका से भिड़ने वाली है, जो यहां इस चरण के पहले मुक़ाबले में अफ़ग़ानिस्तान को हराकर आ रही है। दोनों ही टीमों की नज़रें इस मुक़ाबले में बाज़ी मारकर फ़ाइनल में क्वालिफ़िकेशन की ओर मज़बूत क़दम बढ़ाने पर होगा। आइए देखते हैं कि आंकड़े क्या कहते हैं?
एशिया कप में उम्मीदानुसार टॉस बना बॉस
एशिया कप को जब श्रीलंका से यूएई शिफ़्ट किया गया तब ही टीमों को टॉस की चिंता सताने लगी थी। क्योंकि बाद में ओस आता है और लक्ष्य का पीछा करना आसान हो जाता है। इस साल एशिया कप में कप्तानों ने सिर्फ़ एक बार पहले बल्लेबाज़ी करने का विकल्प चुना है। पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों ने आठ में से सिर्फ़ दो मैच जीते हैं और उन मैचों में हांगकांग का सामना भारत और पाकिस्तान से हुआ था। बाकी सभी मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को जीतते हुए देखा गया है। दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, जहां यह मुक़ाबला खेला जाना है, वहां भी यह ट्रेंड कई सालों से चला आ रहा है। 2021 के बाद से लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने 18 में से 16 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों में बाज़ी मारी है। इनमें से 17 मुक़ाबलों में कप्तानों ने लक्ष्य का पीछा करने का फ़ैसला किया था। इस साल के एशिया कप की बात करें तो कप्तानों ने दुबई में हमेशा लक्ष्य का पीछा करने का फ़ैसला किया है और पांच में से चार मुक़ाबले जीते हैं। इस प्रतियोगिता में दुबई में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए हारने वाली टीम हॉन्ग कॉन्ग रही।
'करो या मरो' वाले मुक़ाबले में भारत की बल्ले-बल्ले
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सुपर 4 चरण के पहला मुक़ाबला हारने के बाद भारत के शेष दो मैच एक तरह से करो या मरो वाले मुक़ाबले हो गए हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि एक जीत से क्वालिफ़ाई करने की संभावना नहीं है, लेकिन उसके लिए नेट रनरेट पर निर्भर रहना पड़ सकता है। भारत को क्वालिफ़ाई की मज़बूत दावेदारी पेश बाक़ी करने के लिए बाक़ी बचे दोनों मैच जीतने होंगे। निर्णायक मुक़ाबलों में भारत का जीत प्रतिशत 70 फ़ीसदी से भी अधिक रहा है। 2019 के बाद से उन्होंने 11 में से आठ करो या मरो मुक़ाबला/निर्णायक मुक़ाबला जीते हैं, जबकि एक में परिणाम नहीं आया था।
भारतीय स्पिनरों नेअब तक निराश किया
अब तक इस एशिया कप में भारत विकेट चटकाने के लिए तेज़ गेंदबाज़ों पर बहुत ज़्यादा निर्भर रहा है। स्पिनरों ने तीन मुक़ाबलों में 44 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ तीन विकेट चटकाए हैं जबकि तेज़ गेंदबाज़ों ने 14.1 के स्ट्राइक रेट से 16 विकेट चटकाए हैं। सीनियर लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल तीन मैचों में सिर्फ़ एक विकेट चटका पाए हैं। भारत को उनसे उम्मीद होगी कि इस महत्वपूर्ण मुक़ाबले में वह अपना जौहर दिखाएं।
थामना होगा श्रीलंकाई कप्तान के तूफ़ान को
स्पनरों के प्रदर्शन के साथ-साथ भारत को इस एशिया कप में डेथ ओवरों में जूझना पड़ा है। ऐसे में श्रीलंका के कप्तान दसून शानका उन्हें परेशान कर सकते हैं। शानका इस साल ग़ज़ब की फ़ॉर्म में हैं। उन्होंने अपनी टीम को बार-बार मुश्किलों से उबारा है और उन्हें असंभव परिस्थितों से जीत दिलाई है। इस हफ़्ते 32 साल के होने जा रहे ऑलराउंडर ने इस साल 363 रन बनाए हैं जो उनके लिए एक कैलैंडर वर्ष में सबसे ज़्यादा है। वह 2022 में आख़िरी पांच ओवरों में सर्वाधिक रन बनाने के साथ सर्वश्रेष्ठ फ़िनिशरों में से एक रहे हैं और साथ ही वह गेंद प्रति बाउंड्री के मामले में भी सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं।

कुणाल किशोर ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।